नई दिल्ली : नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति के रूप में वेंकैया नायडू की पहली पुस्तक ‘मूविंग आन मूविंग फारवर्ड, ए इयर इन ऑफिस’ का आज विमोचन हो गया. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और एचडी देवगौड़ा, कांग्रेस नेता आनंद शर्मा समेत तमाम दलों के नेता एक मंच पर दिखे. अपनी ही किताब के विमोचन के मौके पर वेंकैया नायडू ने संसदीय काम-काज से थोड़ी से नाखुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कि मुझे थोड़ी नाखुशी है कि संसद जिस तरह से चलना चाहिए, उस तरह से नहीं चल रहा.
वेंकैया नायडू ने पिछले महीने 11 अगस्त को ही उपराष्ट्रपति के पद पर एक साल पूरा किया। एक साल पूरे करने के मौके पर रविवार को उनकी पुस्तक ‘मूविंग ऑन मूविंग फॉरवर्ड : ए ईयर इन ऑफिस’ का लॉन्च किया गया। 245 पृष्ठों की इस पुस्तक को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया गया। बुक लॉन्चिंग के मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवगौड़ा व मनमोहन सिंह, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली भी उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा
एक बार अटल बिहारी वाजपेयी, वेंकैया नायडू को मंत्री पद सौंपना चाहते थे। वेंकैया नायडू ने कहा कि मैं ग्रामीण विकास मंत्रालय का पद लेना चाहता हूं। इससे ये पता चलता है कि वे दिल से किसान हैं, किसान उनके दिल में बसता है। वे किसानों और कृषि के कल्याण के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं।
Atal Ji wanted to give Venkaiah Naidu Ji a ministry. Venkaiah Ji said, 'I want to be the minister for rural development'. He is a farmer at heart. He is dedicated towards the welfare of farmers and agriculture: PM Narendra Modi at VP Venkaiah Naidu's book launch pic.twitter.com/4BrsNkSYqs
— ANI (@ANI) September 2, 2018
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि कृषि के विकास के लिए सतत समर्थन की जरूरत है। वित्त मंत्री यहां हैं, हो सकता है वे मेरी बात से सहमत नहीं हों क्योंकि उन्हें हर किसी को ध्यान में रखकर चलना होता है। लेकिन आने वाले दिनों में कृषि पर अधिक ध्यान देना बहुत जरूरी होगा वरना लोग कृषि को छोड़ देंगे क्योंकि इससे उनकी आय पर बुरा असर पड़ने का खतरा पैदा हो सकता है।
There is need for sustained support to agriculture. Finance Minister is here,he may not like what I'm saying as he has to take care of everybody, but there has to be bias towards agriculture in coming days otherwise ppl are leaving agriculture as it's not remunerative: VP Naidu pic.twitter.com/xUfps4lN4F
— ANI (@ANI) September 2, 2018
मौके पर उपस्थित पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी संबोधित करते हुए कहा कि उपराष्ट्रपति के पद पर एक साल के कार्यालय में वेंकैया नायडू ने अपना राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव इस्तेमाल में लाया, इसका सफल परिणाम उनके एक साल के कार्यकाल में देखने को मिला है। लेकिन बेहतर अभी भी आना बाकी है। उन्होंने एक नायडू के बारे में एक कविता का जिक्र करते हुए कहा कि- एक कवि ने जैसा कि कहा है- सितारों के आगे जहां और भी हैं, अभी इश्क के इम्तहां और भी हैं।
He brings to office of VP,political&administrative experience&that is amply reflected in his 1 year in office. But best is yet to come. As a poet has said, "Sitaron ke aage jahan aur bhi hain, abhi ishq ke imtehaan aur bhi hain": Dr. Manmohan Singh at Venkaiah Naidu's book launch pic.twitter.com/KhXU82WIsX
— ANI (@ANI) September 2, 2018
बता दें कि नायडू ने अपनी पुस्तक में पुस्तक में कहा है कि पिछले साल 11 अगस्त को उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद से उन्होंने चार मुख्य मुद्दों पर सार्वजनिक संवाद की तलाश और उसे आकार देने के उनके मिशन के लिए पूरे देश में काफी यात्रा की है।
उपराष्ट्रपति के रूप में अपने अनुभव के बारे में बताते हुए नायडू ने पुस्तक में कहा कि यह कठिन चुनौतियों और असीमित अवसरों का समय है।