नई दिल्ली, । सुप्रीम कोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले में सरकारी गवाह बन चुके दुबई की यूएचवाई नामक कंपनी के निदेशक राजीव सक्सेना को विदेश जाने की अनुमति देने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दिया है। आज सुनवाई के दौरान ईडी ने कोर्ट को बताया कि राजीव सक्सेना के खिलाफ बेनामी लेन-देन के कुछ मामलों का पता चला है और सीबीआई इन मामलों में एफआईआर दर्ज करने वाली है। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने राजीव सक्सेना को नोटिस जारी कर इन मामलों पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने राजीव सक्सेना को तीन हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने एम्स के निदेशक को निर्देश दिया कि वे राजीव सक्सेना के मेडिकल परीक्षण के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन करें। कोर्ट ने एम्स को निर्देश दिया कि राजीव सक्सेना को ब्लड कैंसर है जिसकी जांच कर तीन हफ्ते में रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करें।
पिछले 25 जून को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राजीव सक्सेना के वकील से पूछा था कि वे यह बताएं कि क्या वे 5-5 करोड़ रुपये के दो मुचलके दे सकते हैं? ईडी ने कहा था कि हमें आशंका है कि राजीव सक्सेना को विदेश जाने की अनुमति मिलेगी तो वे वापस नहीं आएंगे। तब कोर्ट ने कहा था कि हम आपकी आशंका को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। हम कड़े शर्त लगाएंगे। लेकिन क्या आपके पास इतनी शक्तियां नहीं हैं कि उसे वापस ला सकें? कोर्ट ने राजीव सक्सेना के वकील से पूछा था कि हाईकोर्ट ने 50-50 लाख रुपये के मुचलके की जो शर्त रखी है क्या उसे 5-5 करोड़ कर दिया जाए? इस पर राजीव सक्सेना के वकील ने कहा था कि इसके बारे में हमें निर्देश प्राप्त करने का मौका दिया जाए। तब कोर्ट ने कहा था कि आप निर्देश प्राप्त कर हमें बताएं।
पिछले 10 जून को दिल्ली हाईकोर्ट ने राजीव सक्सेना को विदेश जाने की अनुमति दे दी थी। हाईकोर्ट ने राजीव सक्सेना को निर्देश दिया था कि वो ईडी को अपनी यात्रा की डिटेल उपलब्ध कराएं।
ईडी की ओर से वकील अमित महाजन ने हाईकोर्ट से कहा था कि इस मामले में जांच अहम मोड़ पर है। इसलिए राजीव सक्सेना को विदेश जाने की अनुमति देना जांच को प्रभावित कर सकता है। पिछले 1 जून को दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने राजीव सक्सेना को विदेश जाने की अनुमति दी थी। कोर्ट ने राजीव सक्सेना को पचास लाख रुपये का फिक्स्ड डिपॉजिट जमा करने का निर्देश दिया था। राजीव सक्सेना ने यूरोप, दुबई और ब्रिटेन जाने की कोर्ट से इजाजत मांगी थी। याचिका में कहा गया था कि उसे अपने इलाज के लिए विदेश जाने की जरूरत है।
पिछले 25 मार्च को कोर्ट ने राजीव सक्सेना को सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी थी। पिछले 25 फरवरी को कोर्ट ने राजीव सक्सेना को नियमित जमानत दी थी। राजीव सक्सेना ने स्वास्थ्य वजहों से जमानत की मांग की थी। पिछले 14 फरवरी को कोर्ट ने राजीव सक्सेना को अंतरिम जमानत दी थी।
पिछले 12 फरवरी को कोर्ट ने राजीव सक्सेना को 18 फरवरी तक की न्यायिक हिरासत में भेजा था। कोर्ट ने राजीव सक्सेना का एम्स में मेडिकल परीक्षण कराने का आदेश दिया था। सुनवाई के दौरान राजीव सक्सेना ने कहा कि उसे ल्युकेमिया की बीमारी है। उसे अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत है।
राजीव सक्सेना को प्रत्यर्पित कर 31 जनवरी को भारत लाया गया था। उसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 31 जनवरी की सुबह उसे गिरफ्तार किया था। राजीव सक्सेना की पत्नी शिवानी सक्सेना हैं जिन्हें पटियाला हाउस कोर्ट ने पिछले 11 जनवरी को 15 दिनों के लिए दुबई जाने की अनुमति दी थी। ईडी ने शिवानी को 17 जुलाई 2017 को चेन्नई से गिरफ्तार किया था। शिवानी मैट्रिक्स होल्डिंग्स के अलावा दुबई की यूएचवाई नामक कंपनी की भी डायरेक्टर है। रिश्वत देने के लिए अगस्ता वेस्टलैंड से जो 58 मिलियन यूरो की जो रकम आयी थी वो दो तीन कंपनियों से होकर आयी थी। इन कंपनियों में शिवानी की यूएचवाई और मैट्रिक्स होल्डिंग भी शामिल थीं। राजीव और शिवानी को ईडी ने पटियाला हाउस कोर्ट में मनी लांड्रिंग के मामले में आरोपित बनाया है।