कहते हैं भगवान रामभक्त हनुमान की उपासना से जीवन के सारे कष्ट, संकट मिट जाते है। माना जाता है कि हनुमान एक ऐसे देवता है जो थोड़ी-सी प्रार्थना और पूजा से ही शीघ्र प्रसन्न हो जाते है। इतिहास साक्षी है जब-जब भक्तों पर संकट के बादल मंडराए भगवान ने अपने भक्तो की रक्षा के लिए किसी न किसी रूप में अवतार लेकर उनकी रक्षा की है। बताते चले शास्त्रों के अनुसार हनुमान जयंती वर्ष में दो तिथियों में मनाये जानें की परंपरा है। पहला चैत्र महीने की पूर्णिमा तिथि पर मनाई जाती है, जबकि महर्षि वाल्मिकी रचित रामायण के अनुसार हनुमानजी का जन्म कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मंगलवार के दिन, स्वाति नक्षत्र और मेष लग्न में हुआ था। हिंदू मान्यता के अनुसार चैत्र पूर्णिमा का दिन बेहद शुभ माना गया है। इस माह 19 अप्रैल को हनुमान जयंती मनाई जाएगी, जिसका अपना अलग ही महत्व है।
बताए चले यदि आप किसी महत्वपूर्ण कार्य हेतु यात्रा पर जा रहे हैं, तो यात्रा की सफलता के लिए निम्न मंत्र का जाप करें। हनुमान का यह मंत्र पढ़कर घर से निकलेंगे तो यात्रा सफल और सुरक्षित रहेगी।
हनुमान जयंती के दिन प्रभू को प्रसन्न करने के लिए पान और पान को बनाने की सामग्री पहले ही ला कर रख लें साथ ही पीपल के पत्ते उसी दिन तोड़ें और उसकी माला बनाएं। तो आइए जानें कि हनुमंत कृपा पाने के लिए क्या कि जा सकती है।
हनुमान जयंती की सुबह तोड़े पीपल के पत्ते और करें ये काम
सुबह ब्रह्म मुहूर्त में पीपल के 11 पत्ते तोड़ें और ये पत्ते साबूत होने चाहिए। इसमें कोई छेद या कमी नहीं होनी चाहिए। अब इन पत्तों को साफ जल में धो कर कुमकुम या चंदन लगाएं और चंदन से श्री राम का नाम लिख कर इन पत्तों की माला बनाएं। अब इस माला को आप हनुमानजी के मंदिर में चढ़ा दें। साथ में रसीला पान चढ़ाएं।
ऐसे बनाएं पान
पान के पत्तों में कत्था, गुलकंद, सौंफ, घिसा नारियल और सुमन कतरी मिला कर डालें। इससे पान रसीला बनेगा। याद रखिए इस पान में चूना या सुपारी या तंबाकू भूल कर भी न डालें। हनुमानजी को पान चढ़ाने से जीवन की हर समस्या खत्म हो जाती है।
ऐसे भी करें भगवान को प्रसन्न
1-हनुमान जयंती के दिन रामायण या श्रीरामचरित मानस का पाठ करना भी आपको बजरंगबली का कृपा पात्र बना सकता है।
2-हनुमान जयंती की शाम को हनुमान मंदिर में जा कर उन्हें केवड़े का इत्र व गुलाब की माला जरूर चढ़ाएं।
बजरंगबली को सादगी और प्रेम पसंद है। अगर आप भगवान को सच्चे मन से उनके सामने हाथ भी जोड़ लें तो वह आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं और आप पर आर्शीवाद की झड़ी लगा सकते हैं।