
– पुरुष नसबंदी के साथ प्रारंभ हुआ पुरुष नसबंदी पखवाड़ा
मैनपुरी – “परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी, जीवन में लाए स्वास्थ्य और खुशहाली” इस नारे के साथ जनपद में पुरुष नसबंदी पखवाड़े का प्रारंभ किया गया। सामुदायिक स्तर पर परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता और स्वीकार्यता बढ़ाने पर सरकार का पूरा जोर है। इसी के चलते जिला महिला चिकित्सालय पर सीएमएस डॉ. ए. के. पचैरी ने पुरुष नसबंदी पखवाड़ा व खुशहाल परिवार दिवस का शुभारंभ किया गया। उन्होंने एक छोटे बच्चे की मां को बच्चों के बीच अंतराल हेतु छाया टेबलेट भी दी। उन्होंने बताया कि पुरुष नसबंदी पखवाड़े का उद्देश्य पुरुष नसबंदी के बारे में समाज को जागरूक करना है। उन्होंने बताया कि खुशहाल परिवार दिवस का मुख्य उद्देश्य सामुदायिक तौर पर परिवार नियोजन व परिवार नियोजन के साधनों के विषय में जागरूकता फैलाना है। इस मौके पर सभी वीएचएनडी एवं प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर खुशहाल परिवार दिवस का आयोजन किया गया।
नोडल अधिकारी परिवार नियोजन/अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 जीपी शुक्ला ने बताया कि आज से पुरुष नसबंदी पखवाड़े की शुरुआत की गई है। जिसका मुख्य उद्देश्य पुरुष नसबंदी के बारे में समाज में जागरूकता लाना व पुरुष नसबंदी को स्वीकार करने के लिए पुरुषों को प्रेरित करना है। उन्होंने बताया पखवाड़े के प्रारंभ के साथ ही एक लाभार्थी की नसबंदी की गई है। उन्होंने बताया कि अब प्रथम चरण की शुरुआत हो चुकी है जिसमें दंपतियों से संपर्क किया जाएगा। तत्पश्चात द्वितीय चरण सेवा वितरण सप्ताह 28 नवंबर से 4 दिसंबर तक पुरुष नसबंदी की जाएंगी। उन्होंने बताया कि पुरुष नसबंदी अपनाने वाले लाभार्थियों को रुपए 3000 राशि देने का प्रावधान है। एवं प्रेरक को 400 रुपए प्रदान किए जाते हैं। नोडल अधिकारी ने बताया कि नई पहल खुशहाल परिवार दिवस का भी प्रारंभ किया जा चुका है। जिसका मुख्य उद्देश्य नव दंपतियों व अपना परिवार पूरा कर चुके दंपतियों को परिवार नियोजन व परिवार नियोजन के साधनों के विषय में विस्तृत रूप से जानकारी देकर परिवार नियोजन के अस्थाई अथवा स्थाई साधन अपनाने के लिए प्रेरित करना है।
उन्होंने बताया कि खुशहाल परिवार दिवस सभी वीएचएनडी, प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल में आयोजित किया गया है। उन्होने कहा कि अब से प्रत्येक माह की 21 तारीख को खुशहाल परिवार दिवस के रूप में मनाया जाएगा। पुरुष नसबंदी सर्जन गौरव पारिक ने बताया कि पुरुष नसबंदी के लिए लाभार्थी की उम्र कम से कम 22 वर्ष होना अनिवार्य है, लाभार्थी शादी-शुदा हो, लाभार्थी की उम्र 60 वर्ष से कम हो, लाभार्थी की एक संतान हो जिसकी उम्र नसबंदी के समय कम से कम एक साल हो, मानसिक तौर पर बीमार लाभार्थी मनोरोगी चिकित्सक द्वारा प्रमाणित हो। उन्होंने बताया कि पुरुष नसबंदी बिल्कुल सुरक्षित प्रक्रिया है। व नसबंदी बिना टांका एवं चीरा के एक घंटे के भीतर हो जाती है। नसबंदी के बाद किसी भी प्रकार की शारीरिक एवं यौन दुर्बलता नहीं होती है। नसबंदी के बाद अस्पताल में रहने की जरूरत नहीं होती है। नसबंदी के बाद किसी भी प्रकार के दूरगामी स्वास्थ्य जटिलताएं नहीं होती।
नसबंदी के बाद रखें इन बातों का ख्याल-
पुरुष नसबंदी के शुरूआती तीन महीने तक गर्भनिरोधक साधन का इस्तेमाल जरुर करें। तीन महीने तक असुरक्षित यौन संबंध बनाने से बचे। यौन संक्रमण एवं एचआईवी-एड्स जैसे रोगों से बचने के लिए नसबंदी के बाद भी कंडोम का इस्तेमाल जरुरी है। नसबंदी कराने के बाद इसे पुनः सामान्य नहीं किया जा सकता। इसलिए तय करने के बाद ही नसबंदी करायें। पुरुष नसबंदी बिल्कुल सुरक्षित है। इसलिए इसे कराने के बाद किसी भी प्रकार का नकारात्मक विचार मन में नहीं लायें।











