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हरिद्वार। अधिवक्ता अरुण भदौरिया ने विद्युत विभाग द्वारा उपभोक्ताओं को एक महीने के बजाए दो महीने का बिल भेजे जाने पर कानूनी नोटिस भेजा है। प्रेस को जारी विज्ञप्ति में अधिवक्ता अरूण भदौरिया ने बताया कि उत्तराखंड में विद्युत विभाग द्वारा उपभोक्ताओं को एक महीने की बजाय दो महीने का बिल भेजा जा रहा है। इसमें सुधार और दंडात्मक कार्रवाई के लिए उन्होंने राज्य के ऊर्जा सचिव व उत्तराखंड पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड को कानूनी नोटिस भेजा है।
एक माह की बजाय दो माह का भेज रहे बिल
भदौरिया ने बताया कि उन्हें मई माह में जो बिजली बिल प्राप्त हुआ है, वह 11 मार्च 2022 से 23 मई 2022 तक का है। बिल की जो रीडिंग है, वह भी अलग-अलग है। यदि रीडिंग 100 है तो उसका मूल्य अलग है। यदि 200 है तो उसका मूल्य अलग हो जाता है। जितनी रीडिंग बढ़ती है, बिल उतना ही बढ़ जाता है।
इससे उपभोक्ता को नुकसान होता है। इसलिए केवल एक माह का ही बिल प्रत्येक उपभोक्ता को भेजा जाना सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ विद्युत बिल में फिक्स्ड चार्जेस, अधिक विद्युत कर, ग्रीन कर आदि सहित कई अन्य टैक्स भी वसूल किए जाते हैं। इसके बावजूद आए दिन बिजली कटौती, लो वोल्टेज का सामना भी उपभोक्ताओं को करना पड़ता है।