हरिद्वार : जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक लेते डीएम

भास्कर समाचार सेवा
हरिद्वार।
देवी.देवताओं की खंडित मूर्तियों को गंगा में विसर्जित करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से एक समिति का गठन किया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि समिति खंडित मूर्तियों को विसर्जित करने के लिये जिन स्थानों को चिह्नित करेगीए भविष्य में उन्हीं स्थानों में मूर्तियों का विसर्जन किया जाएगा। उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जायेगी।

चिह्नित स्थानों पर ही विसर्जित होंगी खंडित मूर्तियां

जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट सभागार में जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में खंडित मूर्तियों को गंगा में विसर्जित किये जाने पर विस्तृत चर्चा हुईए जिस पर जिलाधिकारी ने इस समस्या का स्थाई हल निकालने के लिये अपर जिलाधिकारी ;वित्त एवं राजस्वद्ध बीर सिंह बुदियाल की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समितिए जिसमें गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झाए प्रदेश सह संयोजक नमामि गंगे विचार मंच शिखर पालीवालए स्वतंत्र पत्रकार रामेश्वर गौड़ तथा सिंचाई विभाग को सदस्य नामित करते हुए गठित करने के निर्देश दियेए जो अपनी रिपोर्ट तीन दिन के भीतर उपलब्ध कराएगी।

डीएम ने ली जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठकए पांच सदस्यीय समिति का गठन

जिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि गंगा में जहां.जहां अतिक्रमण किया गया हैए उसको तुरन्त हटाने की कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। बैठक में गंगा नदी पर बने पुलों व अन्य स्थानों पर ऊंची लोहे की जाली लगानेए निराश्रित पशुओं की देखभालए मृत पशुओं के निस्तारण की व्यवस्थाए जल समाधिए पुलिस चौकी हरकीपैड़ी के पास अवैध पार्किंग की समस्या आदि के सम्बन्ध में विस्तृत विचार विमर्श हुआ।

इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी;प्रशासनद्ध प्यारे लाल शाहए मुख्य कोषाधिकारी नीतू भंडारीए अध्यक्ष गंगा सभा प्रदीप झाए सहायक नगर आयुक्त एमएन शाहए मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारीए डॉण् योगेश भारद्वाजए अभिहित अधिकारी एफडीए आरएस पालए सह संयोजक नमामि गंगे विचार मंच शिखर पालीवालए स्वतंत्र पत्रकार रामेश्वर गौड़ए मनोज निषादए जिला गंगा संरक्षण समिति से जुड़े स्वयंसेवी संगठनए वन विभागए नगर निगम सहित कई विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

संतोषजनक जवाब न मिलने पर उखड़े डीएम

जिला गंगा सभा की बैठक में भूपतवाला क्षेत्र से ज्वालापुर तक पशुपालकों की ओर से अवैध तरीके से गोबर गंगा में डाले जाने के प्रकरण पर चर्चा हुईए जिस पर जिलाधिकारी ने नगर निगम तथा पशुपालन विभाग के अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की तथा पूछा कि गंगा में गोबर डालने वाले पशुपालकों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई।

अधिकारियों से संतोषजनक जवाब न मिलने पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी प्रकट की तथा निर्देश दिए कि पशु पालकों के साथ बैठक आयोजित करके इसका समाधान निकालना सुनिश्चित करें तथा ये भी निर्देश दिये कि अधिकारियों का वेतन तब तक रोक दिया जाए

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