हमास के साथ जंग के बीच इजराइल ने नॉर्थ गाजा में हमले तेज कर दिए हैं। 7 अक्टूबर से लेकर अब तक सेना ने हमास के करीब 60 नेताओं और कमांडरों को मार गिराया है। सूत्रों के मुताबिक, इजराइली सेना ने गाजा में हमास के चीफ याह्या सिनवार को उसके बंकर में अलग-थलग कर दिया है। वो बंकर के बाहर की दुनिया से पूरी तरह से कट चुका है।
इजराइल-हमास जंग के 34वें दिन इजराइली सेना ने बताया कि जमीनी ऑपरेशन की शुरुआत से वो अब तक 130 सुरंगों को तबाह कर चुकी है। टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक, सीरिया में ईरान समर्थित ग्रुप से जुड़े 12 लोग गुरुवार को पूर्वी शहर डेर एजोर पर अमेरिकी हमले में मारे गए। दूसरी तरफ, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि जंग के बाद गाजा को वेस्ट बैंक के साथ मिला देने चाहिए, जिससे यहां फिलिस्तीनियों की सरकार बन पाए। गाजा में भी वेस्ट बैंक की तरह फिलिस्तीनियों को साथ लाकर अथॉरिटी तय की जानी चाहिए।
G7 देश बोले- गाजा को मदद मिले
इस बीच, मंगलवार को जापान की राजधानी टोक्यो में G7 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई। एक रिपोर्ट के मुताबिक- मीटिंग के बाद जारी बयान में इन देशों ने सीजफायर शब्द से भी परहेज किया। इसकी जगह ‘मानवता के लिए कुछ वक्त रुकने’ जैसे शब्द का इस्तेमाल किया गया। दूसरी तरफ, व्हाइट हाउस ने एक बार फिर इजराइल को गाजा पर कब्जे से बचने की सलाह दी है। इसके पहले प्रेसिडेंट जो बाइडेन और फॉरेन मिनिस्टर एंटनी ब्लिंकन यही बात कह चुके हैं।
अमेरिका बोला- गाजा पर कब्जा इजराइल की भूल होगी
व्हाइट हाउस की तरफ से जारी एक बयान में इजराइल को गाजा पर कब्जे का इरादा छोड़ने की सलाह दी गई है। हालांकि, ये सलाह पहली बार नहीं दी गई है। इसके पहले भी प्रेसिडेंट बाइडेन और फॉरेन मिनिस्टर ब्लिंकन यही बात कहते रहे हैं। बहरहाल, व्हाइट हाउस ने कहा- हमें नहीं लगता कि गाजा पर दोबारा कब्जा इजराइल का सही कदम होगा। इस बयान के मायने इसलिए अहम हो जाते हैं, क्योंकि इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को दो बार कहा था कि गाजा की पूरी सिक्योरिटी इजराइल लंबे वक्त तक अपने पास रख सकता है। व्हाइट हाउस ने कहा- हम इस मुद्दे पर इजराइल से लगातार बातचीत कर रहे हैं।
गाजा में अब तक 520 ट्रक पहुंचे
एक रिपोर्ट के मुताबिक इंटरनेशनल रेड क्रॉस के हवाले से बताया है कि गाजा में जंग छिड़ने के बाद अब तक 520 ट्रक राफा बॉर्डर से गाजा शहर तक पहुंचे हैं। इनमें आम लोगों के लिए राहत सामग्री थी। हालांकि, ये नहीं बताया कि इन ट्रकों में फ्यूल भेजा गया या नहीं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा- गाजा के आम लोगों को मदद की सख्त जरूरत है। हमारे अनुमान के मुताबिक, वहां कम से कम 100 ट्रक राहत सामग्री रोज पहुंचाई जानी चाहिए। हालांकि, पटेल ने भी फ्यूल का जिक्र नहीं किया।
गाजा के लोगों को 4 घंटे राहत
बुधवार को उत्तरी गाजा के लोगों को दक्षिणी हिस्से में जाने के लिए 4 घंटे का वक्त दिया गया। इजराइली सेना ने इसका ऐलान दो घंटे पहले किया था, ताकि लोग निकलने की तैयारी कर सकें। इजराइली सेना ने एक बयान में कहा- गाजा के लोगों के लिए यह कदम जरूरी था। हम आम लोगों की सुरक्षा चाहते हैं। इसलिए चार घंटे का वक्त दिया गया है। अब तक तीन बार ये काम किया जा चुका है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कतर इस वक्त इजराइल और हमास से बातचीत कर रहा है। कोशिश की जा रही है कि जंग एक या दो दिन बंद की जा सके और इस दौरान कम से कम 15 बंधक छुड़ाए जाएं। वही कतर के अलावा अमेरिका भी इस बातचीत का हिस्सा है। इस बीच, इजराइली सेना ने हमास के लिए हथियार बनाने वाले कमांडर मुहसिन अबू जिना को मार गिराया है।
एक महीने बाद हमास के हमले की जांच शुरू
7 अक्टूबर को हमास के हमले इस जंग की वजह बने थे। अब बेंजामिन नेतन्याहू सरकार, इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) और इंटेलिजेंस एजेंसियां (मोसाद, मिलिट्री इंटेलिजेंस और लोकल नेटवर्क) जांच करने जा रही हैं कि आखिर 7 अक्टूबर को हमास इतने बड़े हमले करने में कामयाब कैसे हुआ।
इस बीच, इजराइल के अखबार ‘यरुशलम पोस्ट’ ने जांच के पॉइंट्स पर रिपोर्ट पब्लिश की है। इसके मुताबिक- हमले की पहली और सबसे बड़ी वजह सेना का यह मुगालता था कि हमास के पास बड़े हमलों की ताकत ही नहीं है। यानी वो ओवर कॉन्फिडेंस की शिकार रही।
जांच के लिए कमीशन बनेगा
रिपोर्ट के मुताबिक- जांच में कुछ वक्त या कहें कुछ महीने लग सकते हैं। इसके लिए एक इन्क्वॉयरी कमीशन बनने जा रहा है। इसके सामने जांच के लिए जो पॉइंट्स रखे जाएंगे, उनकी कुछ जानकारी सामने आ रही है। कुछ बातों को तो फौज और इंटेलिजेंस एजेंसियां पहले ही मान चुकी हैं और कुछ पॉइंट्स ऐसे हैं, जिनका अभी तक किसी प्लेटफॉर्म पर जिक्र नहीं हुआ।
दरअसल, इजराइली सेना को ये लगता था कि गाजा में हमास कमजोर हो रहा है और वो किसी बड़े टकराव से बचेगा। उसका इस्लामिक जिहाद से भी विवाद चल रहा था। मई 2021 में भी इजराइल फौज ने गाजा में हमले किए थे। उसका ख्याल था कि उसने हमास के टनल नेटवर्क को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है, हालांकि ये उसकी गलतफहमी साबित हुई, क्योंकि टनल नेटवर्क को उस वक्त कोई खास नुकसान नहीं हुआ था।
‘अल-अक्सा फ्लड’ के खिलाफ इजराइल का ऑपरेशन ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’
हमास ने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को ‘अल-अक्सा फ्लड’ नाम दिया है। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’ ऑपरेशन शुरू किया। हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे। वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।
इजराइल और फिलिस्तीन के बीच क्यों है विवाद?
मिडिल ईस्ट के इस इलाके में यह संघर्ष कम से कम 100 साल से चला आ रहा है। यहां वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और गोलन हाइट्स जैसे इलाकों पर विवाद है। फिलिस्तीन इन इलाकों समेत पूर्वी यरुशलम पर दावा जताता है। वहीं, इजराइल यरुशलम से अपना दावा छोड़ने को राजी नहीं है। गाजा पट्टी इजराइल और मिस्र के बीच में है। यहां फिलहाल हमास का कब्जा है। ये इजराइल विरोधी समूह है। सितंबर 2005 में इजराइल ने गाजा पट्टी से अपनी सेना वापस बुला ली थी। 2007 में इजराइल ने इस इलाके पर कई प्रतिबंध लगा दिए। फिलिस्तीन का कहना है कि वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में स्वतंत्र फिलिस्तीन राष्ट्र की स्थापना हो।
अल-अक्सा मस्जिद में इजराइली पुलिस ने नमाजियों को गिरफ्तार किया; हमास ने कहा- कीमत चुकानी पड़ेगी
इजराइल में यरुशलम के अल-अक्सा मस्जिद में पुलिस और फिलिस्तीनियों की बीच झड़प हो गई। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कई लोगों को गिरफ्तार किया और उन पर पवित्र मस्जिद को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। पुलिस के मुताबिक, कुछ फिलिस्तीनियों ने खुद को पटाखों, लाठी और पत्थरों के साथ मस्जिद में बंद कर लिया था और बाहर बैरिकेडिंग लगा दी थी।