भास्कर समाचार सेवा
कासगंज : बीते कल अमापुर कोतवाली क्षेत्र के सहावर रोड स्थित आरती हॉस्पिटल में हुई प्रसूता की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है, वही स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई से बेखौफ आरती अस्पताल आज भी खुला रहा।
सूत्रों के मुताबिक अस्पताल प्रबंधन को कुछ सफेदपोश नेताओं व तथाकथित पत्रकारों का सहयोग है, जिसकी वजह से स्वास्थ्य विभाग लोगों की जान से खिलवाड़ करने वाली अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पा रहा है।
बताते चलें कि कल कासगंज जिले के सोरों कोतवाली क्षेत्र के गांव भिदौनी निवासी यतेंद्र यादव की पत्नी बबली की अमापुर स्थित आरती हॉस्पिटल में प्रसव के बाद मौत हो गई थी, इस मामले में मृतका के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया था और अस्पताल कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
शहर में चर्चाओं का बाजार गर्म है कि अस्पताल प्रबंधन और मृतका के परिजनों के बीच समझौते का प्रयास जारी है, सूत्रों से मिली खबर के अनुसार अस्पताल प्रबंधन ने मृतका बबली की जान की कीमत तीन लाख रुपए तय की है।
वहीं इस समझौते में पुल का कार्य करने वाले तथाकथित पत्रकारों और सफेदपोश नेताओं की भी जेबों मैं गांधी जी का आगमन हुआ है।
पूरे मामले पर जब सीएमओ डॉक्टर अवध किशोर प्रसाद से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने बताया कि शिकायत मिलने के बाद आरती अस्पताल के संचालक को नोटिस जारी कर 7 नवंबर तक जवाब दाखिल करने के लिए दे दिए गए हैं, जवाब मिलने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।