
शिमला : हिमाचल प्रदेश में मॉनसून के कड़े तेवर जारी हैं औऱ लगातार हो रही बारिश से जनजीवन प्रभावित हो रहा है। बुधवार देर रात शिमला जिले के रामपुर उपमंडल की दरशाल पंचायत में बादल फटने की पुष्टि हुई है। इसके चलते तकलेच बाजार के बीचों-बीच बह रहे नाले में भारी बाढ़ आ गई। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए आसपास के घरों को एहतियातन खाली करवा लिया गया है। हालांकि अब तक किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है और फिलहाल बारिश भी थमी हुई है।
राज्य में मानसून की सक्रियता लगातार बनी हुई है। मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश में 13 अगस्त तक भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं 8 और 9 अगस्त को तेज बारिश के साथ बिजली गिरने और अंधड़ की भी चेतावनी दी गई है। बुधवार रात से गुरूवार सुबह तक बिलासपुर के नैना देवी में सर्वाधिक 92 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई है। रायपुर मैदान में 81, पच्छाद में 75, आरएल बीबीएमबी में 73, ओलिंडा में 67, कांगड़ा में 62 और धर्मशाला में 42 मिमी वर्षा दर्ज हुई है। राजधानी शिमला में गुरुवार सुबह हल्की धूप खिलने से लोगों ने कुछ राहत महसूस की।
कांगड़ा जिले में पौंग बांध से गुरुवार को एक बार फिर 40 हजार क्यूसिक पानी छोड़ा गया है। प्रशासन ने लोगों से नदियों और जलस्रोतों के किनारे न जाने की अपील की है।
बारिश से राज्य में भूस्खलन की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार गुरूवार सुबह तक 3 नेशनल हाईवे और 493 सड़कें बंद हो चुकी हैं। मंडी में 277, कुल्लू में 117, शिमला में 24 और कांगड़ा में 23 सड़कें अवरुद्ध हुई हैं। मंडी-कुल्लू एनएच-21 झलोगी व दवाड़ा में बंद है, कुल्लू जिला में एनएच-305 जहेड़ खनग के पास और किन्नौर में एनएच-5 रिब्बा नाला के पास अवरुद्ध है।
राज्य में 1120 बिजली ट्रांसफार्मर और 245 पेयजल योजनाएं बंद पड़ी हैं। अकेले सोलन में 436, कुल्लू में 375, मंडी में 265 और शिमला में 41 ट्रांसफार्मर ठप हैं। पेयजल योजनाओं में मंडी की 88, कांगड़ा की 120 और हमीरपुर की 9 योजनाएं प्रभावित हुई हैं।
20 जून से अब तक प्रदेश में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 199 लोगों की मौत हो चुकी है, 36 लोग लापता हैं और 304 घायल हुए हैं। सबसे ज्यादा 42 मौतें मंडी जिले में हुई हैं। इस दौरान 1786 घरों को नुकसान हुआ है, जिनमें से 367 पूरी तरह से ढह गए हैं। 298 दुकानें और 1690 गौशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। अकेले मंडी जिले में 1118 घर और 267 दुकानें प्रभावित हुई हैं।
अब तक राज्य को करीब 1905 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। इसमें लोक निर्माण विभाग को 1009 करोड़ और जलशक्ति विभाग को 648 करोड़ रुपये की क्षति हुई है। मॉनसून सीजन में अब तक 58 बार फ्लैश फ्लड, 28 बार बादल फटने और 51 बार भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं।