अगर कोई आपसे कहे कि नर्क क्या होता है कैसा होता है, आपको इसी धरती पर देखने को मिल सकता है, तो आप हंसेंगे. आपको लगेगा की पागल है वो आदमी जो ऐसी बातें कह रहा है.
भला नर्क जैसी जगह इस धरती पर कैसे हो सकती है. लेकिन ये बिलकुल सच है. एक ऐसा मंदिर हैं, जहाँ आपको नर्क में मिलने वाली सज़ा दिखाई जाती है.
आखिर कहाँ है ये मंदिर जहाँ नर्क में मिलने वाली सज़ा का हाल दीखता है –
कहते हैं कि मरने के बाद चित्रगुप्त के आदेश पर इन्सान के साथ व्यवहार किया जाता है. किसने कैसा कर्म धरती पर किया है उसी के अनुरूप उसे वहां सज़ा मिलती है. अगर इस सज़ा का चित्रण धरती पर मिल जाए तो इंसान डर सकता है.
नर्क में मिलने वाली सज़ा –
अब आपको डराने के लिए नर्क तक ले जाने की ज़रुरत नहीं. बस इसी धरती पर एक ऐसा मंदिर है जहाँ पर आपको नर्क की पूरी दशा देखने को मिल सकती है. दक्षिण-पूर्वी एशिया के देश थाईलैंड के शहर चियांग माइ में एक ऐसा मंदिर है जहां श्रद्धालु देवी-देवता नहीं बल्कि नर्क के दर्शन के लिए आते हैं. यहां भक्त किसी देवता की पूजा नहीं करते बल्कि मृत्यु के बाद आत्मा द्वारा पापों के लिए मिलने वाली सजाओं को देखने आते हैं. मंदिर में कई मूर्तियां हैं, जो पाप के बदले नर्क में दी जाने वाली पीड़ाओं को दर्शाती हैं. इन मूर्तियों को देखते ही आपकी ऑंखें भर आएंगी.
आपको लगेगा कि जैसे आप सचमुच नर्क में ही पहुँच गए हैं. आपको इस बात का ज़रा भी एहसास नहीं होगा कि आप जीवित हैं. यहाँ है नर्क मंदिर सनातन धर्म और बौद्ध धर्म से प्रेरित है. इस मंदिर की सभ्यता तथा संस्कृति पर भी काफी हद तक भारतीय प्रभाव देखा जा सकता है. इस मंदिर को देखते ही लगेगा जैसे आप इंडिया में हैं और अपने कर्मों का फल देख रहे हैं.
इस मंदिर को देखने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं. थाईलैंड की राजधानी बैंकाक से लगभग 700 किलोमीटर दूर चियांग माइ शहर में लगभग 300 मंदिर हैं लेकिन यह नर्क मंदिर अपने आप में न केवल अनूठा है बल्कि पूरी दुनिया का इकलौता मंदिर है. यह मंदिर बहुत परसिद्ध है.
इस मंदिर में जो मूर्तियाँ हैं वो बहुत ही भयानक हैं. भयानक मूर्तियां सिर्फ नाम से नहीं, बल्कि देखने में भी यह मंदिर नर्क की तरह दिखाई देता है. इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत है कि यहां देवी-देवताओं की मूर्तियां नहीं है वरन मृत्यु के बाद नर्क में किस तरह की यातनाएं दी जाती हैं, उसका प्रदर्शन करने वाली मूर्तियां है. जिन लोगों का दिल कमज़ोर होता है वो यहाँ नहीं जाते.
इस मंदिर में जाने के बाद आपको एहसास होगा कि यहां की हर मूर्ति नर्क की पीड़ा और कष्टों का संकेत देती हैं. इस मंदिर में लोग अपने पापों का प्रायश्चित तथा पश्चाताप करने के लिए आते हैं. इस मंदिर को ‘वैट मे कैट नोई’ टेम्पल भी कहा जाता है.
ये है नर्क में मिलने वाली सज़ा
अगर आप भी अपने पापों का प्रायश्चित करना चाहते हैं तो इस मंदिर का दर्शन एक बार ज़रूर करें. अपने परिवार के साथ यहाँ ज़रूर जाएं. तो तुरंत जाइए.