
शिमला : हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, 20 जून से 6 अगस्त 2025 तक के मानसून सीज़न में राज्य में 199 लोगों की मौत हो चुकी है और 1,905.5 करोड़ रुपये से अधिक का आर्थिक नुकसान दर्ज किया गया है। इस अवधि में प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूस्खलन, बादल फटना, अचानक बाढ़ और बिजली गिरने की घटनाओं में 108 लोगों की जान गई, जबकि 91 मौतें सड़क दुर्घटनाओं के चलते हुईं।
बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान
राज्य में 533 सड़कें अवरुद्ध हैं, जिनमें प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग NH-3, NH-5, NH-21 और NH-305 शामिल हैं। इसके अलावा, 635 बिजली ट्रांसफॉर्मर बंद पड़े हैं और 266 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं, जिससे आम जनजीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।
मंडी, कुल्लू और कांगड़ा सबसे ज्यादा प्रभावित
सबसे ज्यादा नुकसान मंडी जिले में हुआ है, जहां अब तक 23 मौतें दर्ज की गई हैं और कई स्थानों पर भारी बुनियादी ढांचागत क्षति हुई है। कुल्लू और कांगड़ा जिलों में भी हालात गंभीर बने हुए हैं।
राहत और बचाव कार्य जारी
राज्य के दुर्गम क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के बीच बचाव और पुनर्वास अभियान जारी है। SDMA के अनुसार, अब तक 304 लोग घायल हुए हैं और 36 लोग अब भी लापता हैं।
मौसम विभाग का अलर्ट
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 12 अगस्त तक भारी बारिश की संभावना जताई है, जिसके मद्देनज़र राज्य प्रशासन हाई अलर्ट पर है।
संपत्ति का आकलन
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में हुई क्षति का अनुमानित मूल्य 1,90,550.45 लाख रुपये (यानी 1905.5 करोड़ रुपये) आंका गया है। इसमें सड़कें, मकान, कृषि, बागवानी, जल और विद्युत आपूर्ति तंत्र प्रमुख रूप से प्रभावित हुए हैं।