कांग्रेस कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद पीड़ित परिजनों से बगैर मिले लौटीं मंत्री सत्यवती
अपराधियों ने सात घंटे तक पीड़िता को बंधक बनाकर की हैवानियत, चार आरोपित गिरफ्तार
हैदराबाद (तेलंगाना) । शादनगर में डॉक्टर प्रियंका रेड्डी की बलात्कार के बाद जिंंदा जला कर हत्या कर देने की घटना के बाद राज्य में राजनीति तेज हो गयी है। राज्य के गृह मंत्री के बयान के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हुजूम पीड़िता के आवास पर एकत्र हो गया और सरकार विरोधी नारेबाजी की। इसी बीच प्रियंका के परिजनों से मिलने पहुंचीं राज्य मंत्री सत्यवती राठौड़ को कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आक्रोश देखते हुये बैरंग लौटना पड़ा।
पुलिस आयुक्त ने बताया कि बलात्कार और हत्या का यह मामला निर्भया एक्ट के तहत दर्ज किया गया है। पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस जल्द ही इस मामले पर चार्ज लगा कर फास्ट ट्रैक कोर्ट को सौंप देगी। शुक्रवार को राज्य के गृह मंत्री मोहम्मद महमूद अली मृतक प्रियंका रेड्डी के परिजनों से मिलने पहुंचे।
उनके साथ पुलिस आयुक्त थे। गृह मंत्री अली ने प्रियंका के पिता और बहन से मुलाकात की। गृृृह मंत्री ने मृतका की बहन भावना रेड्डी से कहा कि अगर प्रियंका पुलिस को सूचित कर देती तो शायद प्रियंका की जान बच जाती। यही बात गृह मंत्री ने अपने ट्वीट पर लिखा था। उन्होंने लिखा, ‘हम घटना से दुखी हैं, पुलिस सतर्क है और अपराध को नियंत्रित कर रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उसने अपनी बहन को फोन किया, अगर 100 नंबर पर कॉल करके पुलिस को जानकारी देती तो उसे बचाया जा सकता था। इस के बाद सोशल मीडिया पर उनके इस बयान की खूब आलोचना हुई।
बताया गया कि जब प्रियंका की बहन पुलिस स्टेशन शिकायत दर्ज करवाने पहुंचे थी तब पुलिस ने कार्रवाई करने के स्थान पर शादनगर पुलिस थाना में सूचना देते हुये बताया गया था कि वारदात का क्षेत्र इस थाने में नहीं आता है और उन्हें शमशाबाद के पुलिस ठाणे में शिकायत दर्ज करवानी चाहिए। जब भावना शमशाबाद पुलिस थाने सूचना देने गयी, तब पुलिस ने उनसे सवाल किया कि क्या प्रियंका का किसी के साथ प्रेम व्यवहार चल रहा है, अगर हां तो वह अपने आप अपने आवास पहुंच जाएगी।
पुलिस की लापरवाही और गृह मंत्री के ट्वीट के बाद हज़ारों युवा कांग्रेस कार्यकर्ता प्रियंका के आवास पर पहुंच गये और राज्य सरकार के विरोध में नारेबाज़ी की। इसी समय प्रदेश की राज्यमंत्री सत्यवती राठौड़ प्रियंका के परिजनों से मिलने उनके आवास पर पहुंचीं। कांग्रेस कार्यकर्ताओंं ने मंत्री अली के बयान और पुलिस की लापरवाही का सवाल उठाकर मंत्री सत्यवती को प्रियंका के परिजनों से मिलने से रोका। इस दौरान पुलिस और स्थानीय निवासी और युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच धक्कामुक्की हुई। पुलिस ने हालात बेकाबू होते देख किसी अनहोनी की आशंका के चलते मंत्री राठौड़ को वापस जाने की सलाह दी। इसके बाद मंत्री राठौड़ मृतका प्रियंका के परिजनों से बिना मिले ही लौट गईं।
इसी बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर दुख व्यक्त करते हुये घटना की निंदा की। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘मैं डॉक्टर के साथ बलात्कार और उनकी हत्या की जघन्य घटना से स्तब्ध हूं। कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति के साथ इस तरह की हिंसा कैसे कर सकता है, यह अकल्पनीय है।” राहुल गांधी ने कहा, ‘‘दुख की इस घड़ी में पीड़िता के परिवार के साथ मेरी संवेदना है।”
शुक्रवार की शाम को पुलिस आयुक्त सज्जनर ने पत्रकारों को बताया कि डॉक्टर प्रियंका से बलात्कार और उसकी हत्या करने के आरोप में चार युवकों को गिरफ्तार किया है। आयुक्त ने बताया कि आरोपि आरिफ मोहम्मद (22), शिवा (20), नवीन (18) और चेन्नकेशवुलु (18) के खिलाफ निर्भया एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।
पुलिस आयुक्त ने बताया कि मामले की जल्द ही जांच पूूूूरी करके चार्जशीट महबूबनगर की फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट को सौंप दी जाएगी। उन्होंने बताया कि स्टेशन हाउस अफसर पर लगाये गये आरोपों की जांच होगी। बताया गया कि आरोपितों ने करीब सात घंटेे तक वेटनरी डॉक्टर प्रियंका रेड्डी को बंधक बनाये रखकर उसका बलात्कार किया। इसके बाद उसकी जिंदा जलाकर हत्या कर दी।