
–पुलिस की मेहनत रंग लाई, आत्मसम्मान बचाने को की गई थी चांदनी की हत्या- बीते दो महीनों में किशनी थाना क्षेत्र में हुईं दो ऑनर किलिंग की वारदातें
– दूसरे दिन की खुदाई के बाद
— मां के उकसाने के बाद भाइयों ने की थी चांदनी की हत्या
किशनी/मैनपुरी- आत्म सम्मान बचाने के लिये की गई चांदनी की हत्या का खुलाशा दिल्ली व किशनी पुलिस के संयुक्त प्रयास के बाद हो गया। गौरतलब है कि ग्रामसभा फरैंजी के गांव कश्यप नगर निवासी उदयवीर के पांच पुत्र तथा एक पुत्री चांदनी थी। चांदनी अपनी बुआ के घर त्रिलोकपुरी दिल्ली में रह रही थी। वहीं उसकी मुलाकात जनपद प्रतापगढ, थाना लालगंज के गांव टोडरपुर निवासी अर्जुन जाटव पुत्र राजेश से हुई। दोनों का प्यार परवान चढा और 12 जून को अर्जुन चांदनी को लेकर अपने घर चला गया जहां पर दोनों ने एक मंदिर में शादी करली। तीन माह पूर्व अर्जुन अपनी पत्नी चांदनी को लेकर दिल्ली वापस आ गया। शादी की बात चांदनी के घर वालों को सहन नहीं हुई। चांदनी अपने एक भाई सुनील से बहुत प्रेम करती थी। इसलिये घर के सदस्यों ने सुनील को समझाबुझा कर चांदनी को गांव लेआने को कहा।

17 नवम्बर को सुनील चांदनी को समझाकर अपने गांव कश्यप नगर ले आया। दो दिनों तक सभी ने चांदनी से अच्छी बातें की और उसे समझाया कि तुम कश्यप समाज से हो जबकि अर्जुन की जाति छोटी है। लेकिन चांदनी ने हर बार जबाब दिया कि वह एक बार अर्जुन को अपना पति मान चुकी है तो वह दूसरी शादी कभी कर ही नहीं सकती। इसी बात पर 20 नवम्बर की रात करीब नौ बजे घर में विवाद हो गया। चांदनी की मां ने अपने बेटों को उकसाया और इसी बीच सुधीर व सुशील ने चांदनी की छाती में गोली दाग दी। चांदनी की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। चांदनी की मौत के बाद सुधीर, सुशील पुत्रगण उदयवीर तथा चांदनी की मौसी का लडका जयवीर पुत्र रामचन्द्र निवासी कश्यपनगर चांदनी की लाश को लेकर खेत में गये और गड्ढा खोद कर उसकी लाश को दफना दिया।
21 नवम्बर को जब अर्जुन ने चांदनी को फोन किया तो मोबाइल स्विच ऑफ मिला। 23 नबम्वर को अर्जुन अपने परिवार के साथ चांदनी के घर आया जहां उसे कहा गया कि चांदनी उसी के घर जा चुकी है। दिल्ली में चांदनी के न मिलने पर अर्जुन ने सुनील के खिलाफ मयूर विहार थाने में चांदनी के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज करा दी।
दिल्ली पुलिस ने नौ दिसम्बर को चांदनी के भाई सुनील को गाजियावाद के मोदीनगर के गांव डिटौली कस्बे की एक फैक्ट्री से हिरासत में ले लिया। पूछताछ के दौरान सुनील ने बताया कि उसके सर में गोली मारकर हत्या कर शव को खेत में दफना दिया गया है। दस दिसम्बर को दिल्ली पुलिस के एएसआई मनोज कुमार तोमर, एएसआई कैलाश चन्द्र व राकेश सिंह, हैड कॉन्स्टेवल उपेन्द्र पवांर तथा विजय कुमार थाने आये और थाना पुलिस के सहयोग से सुनील द्वारा बताये स्थान पर खुदाई कराई। पहले दिन पुलिस को खुदाई में कुछ भी नहीं मिला। पर दूसरे दिन दुबारा फिर से उसी खेत में कई स्थानों पर खुदाई कराई गई। करीब शाम पांच बजे अचानक पुलिस को जेसीबी की खुदाई में एक मानव पैर मिला। उसके बाद मशीन से खुदाई बंद कर फावडे़ से खुदाई कराई गई। जिसमें चांदनी की लाश को पुलिस ने बरामद कर लिया। लाश को देखने पर पता चला कि चांदनी के सीने की बांई ओर गोली मारी गई थी। चेहरा सड़ चुका था। शव से बदबू उठ रही थी।
चांदनी के दोनों पैरों में मोजे मौजूद थे तथा वह जींस का पैंट पहने थी। शव को गलाने के लिये कंकड वाला साबुत नमक का इस्तेमाल किया गया था। पहले दिन की खुदाई के बाद जब शव बरामद नहीं हुआ तो दिल्ली पुलिस हतास हो गई। इसका कारण था कि हत्या तथा दफनाने के समय हिरासत में लिया गया सुनील मौजूद नहीं था।
उसका कहना था कि उसे बताया गया कि चांदनी को मारकर खेत में दफनाया गया है पर कहां वह बता नहीं पा रहा था। लेकिन पुलिस ने सब्र से काम लिया और दूसरे दिन चांदनी के घर की तलाशी लेकर कपडों को चैक किया। दिल्ली पुलिस ने चांदनी की मां सुखरानी को विश्वास में लिया और कुछ चिकनी चुपडी बातें कर उसे कुछ आश्वासन दिए तब सुखरानी के बताने पर पुलिस ने बीच खेत में खुदाई शुरू की और अंततः शव बरामद हो गया। शव को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया है। शव बरामदगी के समय एसडीएम रामसकल मौर्य, नायब तहसीलदार अनुभव चन्द्रा, एसएसआई जैकब फर्नान्डिस तथा थाना पुलिस के कई जवान मौके पर मौजूद रहे।










