पाकिस्तान में बीते दिनों पाकिस्तान मूल की दो स्पेनिश बहनें उरूज अब्बास (21 साल) और अनीसा अब्बास (23 साल) की हत्या सुर्खियां बनी। पंजाब प्रांत के गुजरात जिले में इनके ससुराल वालों ने इनकी हत्या की थी। मृतकों का कसूर सिर्फ इतना था कि इन्होंने जबरदस्ती की गई शादी से छुटकारा पाने के लिए पतियों से तलाक मांगा था।
स्पेन में रहने का रास्ता साफ हो सके
2020 में परिवार ने पाकिस्तान यात्रा के दौरान दोनों का जबरन निकाह उनके कजिन से कर दिया था। निकाह के बाद दोनों पति को छोड़ स्पेन चली गईं। 2 साल में पति पीड़िताओं को दस्तावेजों पर साइन करने के लिए मजबूर कर रहे थे, ताकि उनके स्पेन में रहने का रास्ता साफ हो सके।
6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया
पीड़िताओं पर उनके परिवार ने 19 मई, 2022 को तलाक के दस्तावेज पर दस्तखत करने के लिए पाकिस्तान लौटने का दबाव बनाया। उन्हें प्रताड़ित किया और आखिर में पतियों ने हत्या कर दी। सभी 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। गुजरात पुलिस प्रवक्ता ने कहा, ‘ये ऑनर किलिंग की एक और घटना थी।’
पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग के आंकड़ों के मुताबिक अकेले 2021 में ही ऐसी 450 से अधिक घटनाएं दर्ज की गई। पाकिस्तान में 2004 और 2016 के बीच 15,222 हत्याएं हुई। यानी हर साल 1170 और हर हफ्ते 22 हत्याएं हो रही हैं। ये दुनिया में सबसे ज्यादा हैं।
कानून बनने के बावजूद ऑनर किलिंग नहीं रुकी
2016 में ऑनर किलिंग की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कानून पेश किया था। यह कानून चर्चित पाकिस्तानी मॉडल कंदील बलोच की हत्या के बाद बना था। इस कानून के मुताबिक ऑनर किलिंग के दोषी को मौत की सजा का प्रावधान है, लेकिन तमाम संशोधनों के बाद ये कानून कमजोर हो गया है।दिसंबर 2021 में 2019 में पंजाब प्रांत में ऑनर किलिंग की 197 मामले आए, जबकि 2020 में 237 से अधिक मामले दर्ज हुए।
हत्याओं में पंचायतों की भूमिका है
हत्याओं में पंचायतों की भूमिका है। एक NGO के चेयरपर्सन ताहिरा गुल कहती हैं कि कुछ मामलों में स्थानीय जिरगा सिस्टम महिलाओं के खिलाफ अपराध को बढ़ावा देता है। जून 2002 में पाकिस्तान के दक्षिणी पंजाब जिले के मुजफ्फरगढ़ की स्थानीय जिरगा ने मुख्तारन माई के गैंगरेप का फरमान सुनाया था। सरकार समर्थित जिरगा के फरमान महिलाओं की हत्याओं को बढ़ावा देते हैं।