मानसून का समय है और कीट-पतंगे हर घर में देखने को मिल जाएंगे। इनके मरते ही या फिर किसी खाद्य सामग्री को अगर ढंककर और संभाल कर नहीं रखें, तो उनके चीटी लग जाती है। देखते ही देखते सैंकड़ों और कई बार तो हजारों की संख्या में कीट-पतंगों की डेड बॉडी या खाद्य सामग्री में तेजी से एक लकीर में इधर-उधर भागती दिख जाएंगी।
ये दिखने में जितनी छोटी होती हैं, उतनी ही खतरनाक भी मानी जाती हैं। देखते ही देखते किसी भी चीज को ये चट कर जाती है। अनुशासन और टीर्म वर्क इनकी सफलता का राज होता है। मगर क्या इनकी इतनी बड़ी संख्या देखकर कभी आपके मन में ख्याल आया है कि धरती पर इनकी आबादी कितनी होगी। शायद इसका अंदाजा लगाना आसान नहीं होगा, मगर हांगकांग यूनिवर्सिटी में एक रिसर्च टीम ने इस उलझन को काफी हद तक सुलझा दिया है कि धरती पर चीटियों की आबादी कितनी है।
चीटियों की कुल जनसख्ंया 25 लाख प्रति व्यक्ति
रिसर्च टीम के अनुसार, धरती पर 20,000,000,000,000,000 चीटियां हैं। रिसर्च टीम की ओर से किया गया दावा नेशनल अकादमी ऑफ साइंसेज जर्नल की पीयर-रिव्यू प्रोसिडिंग में पब्लिश हुआ है। यह रिपोर्ट दुनियाभर में पांच सौ चीटी की आबादी की स्टडी को एनालाइज करने के बाद तैयार की गई है। वहीं, वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, पृथ्वी पर इंसानों की संख्या 7 अरब 80 करोड़ के आसपास है, जबकि चीटियों की जनसंख्या की 25 लाख प्रति व्यक्ति है। यही नहीं दुनियाभर में चीटियों की 15 हजार से अधिक प्रजातियां और उप प्रजातियां मौजूद हैं।
बायोमास मेनटेन रखने में अहम रोल अदा करती हैं चीटियां
इस संसार में रहने वाला हर जीव नेचर और एनवायरमेंट के बीच बैलेंस बनाने का काम करता है। चीटी भी ऐसा ही करती है। मिट्टी में हवा का स्तर बनाए रखने के लिए चीटी जैसा छोटा जीव बेहद महत्वपूर्ण रोल अदा करता है। ये बीजों को भी एक जगह से दूसरी जगह तक ले जाते हैं। इनका बायोमास पक्षियों और स्तनधारियों के बायोमास से भी बड़ा है। यह इंसानों के कुल बायोमास के पांचवे हिस्से के बराबर है। रिसर्च टीम के अनुसार, चीटियों की वैश्विक आबादी पर गौर करें तो यह पहले के दो से 20 गुना ज्यादा है। दुनियाभर में चीटियों में कुल एक करोड़ 20 लाख टन कॉर्बन का बायोमास है।