
आज के दौर में सेहत सबसे जरूरी है, जहां रोज़मर्रा की स्नैकिंग का तरीका हर दिन धीरे-धीरे बदल रहा है। अब स्नैकिंग को देखने के नज़रिए में बदलाव आ रहा है — अब इसका नाता सिर्फ़ भोजन के बीच के अंतराल से नहीं रह गया है, बल्कि यह ज़्यादा सोच-समझकर सही निर्णय लेने का अवसर होता है। लोग धीरे-धीरे अपने खान-पान की चीजों पर ज़्यादा ध्यान देने लगे हैं, और इसी वजह से वे भोजन के बीच के समय में भी वे अच्छे एवं सही विकल्पों की तलाश में रहते हैं। अक्सर देखा गया है कि, कई स्नैक्स प्रोडक्ट्स को सेहत के लिए बेहतर विकल्प के रूप में पेश किया जाता है — लेकिन कभी-कभी उनकी मार्केटिंग असलियत से ज़्यादा बढ़-चढ़कर की जाती है।
इन सब के बीच, ब्रिटानिया न्यूट्रीचॉइस एक ऐसे ब्रांड के तौर पर उभरकर सामने आया है, जिसके नज़रिए में नयापन और सच्चाई दिखाई देती है। असलियत से ज़्यादा बढ़-चढ़कर वादे करने के बजाय, यह ब्रांड आपके लिए उपयोगी और बेहतर विकल्प पेश कर रहा है। अपने कुकी पैक पर पारदर्शी अस्वीकरण से लेकर छोटे-छोटे कदमों से सेहत को बेहतर बनाने को बढ़ावा देने वाले डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म तक, यह स्नैकिंग से जुड़ी सोच में बदलाव लाने में मदद कर रहा है — यह बदलाव हमें बताता है कि, किसी ऐसी चीज़ जिसके लिए खुद को कसूरवार मानने के बजाय ऐसी चीज़ के बारे में सोच-समझकर विचार करना चाहिए।
आज के दौर में खाने-पीने की चीज़ों की मार्केटिंग या तो बहुत मज़ेदार या सबसे सही प्रोडक्ट के तौर पर की जाती है, और ऐसे माहौल में ‘सेहतमंद स्नैकिंग’ की सोच लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई है। न्यूट्रीचॉइस ने इस बात को समझते हुए, बड़ी हिम्मत के साथ एक ऐसा कदम उठाया है जो इसे दूसरों से अलग करता है: अब उनके कुकी पैक्स पर सामने की तरफ एक खास संदेश लिखा होता है। वे ब्रोकली, एवोकाडो या ओट्स जैसे पोषक-तत्वों से मुकाबला नहीं कर रहे हैं, बल्कि उन लोगों के लिए फाइबर से भरपूर, 100% आटे से बना विकल्प पेश करना चाहते हैं, जो कुछ भी खाने से पहले उस पर अच्छी तरह सोच-विचार करते हैं।
कंपनी की यह ईमानदारी मौजूदा बाज़ार में ताज़ी हवा के झोंके की तरह है, जहाँ सेहत से जुड़े दावे अक्सर उम्मीदों और असलियत के बीच फर्क मिटा देते हैं। यह ब्रांड एक स्नेक्स — जो भोजन की दो अवधि के बीच हल्की भूख मिटाने का फायदेमंद विकल्प है — को उसकी सही पहचान देकर ग्राहकों उनके आहार में स्नेक्स की अहमियत के बारे में सिर्फ सपने देखने के बजाय सोच-समझकर विचार करने के लिए प्रेरित कर रहा है।
लेकिन लोगों को जीवनशैली के बेहतर विकल्पों की पेशकश के लिए न्यूट्रीचॉइस कोशिश सिर्फ दुकानों की शेल्फ़ तक ही नहीं रुकती है। पैकेजिंग में इस बदलाव के साथ-साथ, न्यूट्रीचॉइस ने अपने न्यूट्रीप्लस ऐप के ज़रिये डिजिटल वेलनेस पर नज़र रखने में भी तरक्की की है। यह एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है, जिसे उपयोगकर्ताओं को सिर्फ एक, और पूरी तरह प्रमाणिक न्यूट्री+ स्कोर के ज़रिये अपनी सेहत का ध्यान रखने में मदद करने के लिए बनाया गया है। ये ऐप उपयोगकर्ताओं को जीवनशैली के प्रमुख घटकों,जैसे कि प्रतिदिन चले जाने वाले कदम, नींद, फाइबर का सेवन और पानी की मात्रा पर नज़र रखने में मदद करके उन्हें लगातार और स्थायी सुधार की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है, जिसके लिए कोई डिवाइस पहनने या जटिल जानकारी देने की जरूरत नहीं होती है।
पिछले एक साल में, न्यूट्रीप्लस ने 1.5 लाख से ज़्यादा उपयोगकर्ताओं के साइन-इन के साथ लोगों का स्वाभाविक तौर पर जुड़ाव देखा है — जिससे पता चलता है कि रोज़मर्रा की सेहत से जुड़े समाधानों की मांग लगातार बढ़ रही है। न्यूट्री+ का औसत स्कोर 60 से बढ़कर 62 हो गया है, जो यह दिखाता है कि लोगों के बीच अपनी सेहत की परवाह में काफी सुधार आया है। उपयोगकर्ताओं ने अपनी रोज़मर्रा की आदतों में लगातार सुधार दिखाया है, अब वे पहले की तुलना में 10% ज्यादा कदम चल रहे हैं, व्यायाम का समय 16% बढ़ा है, साथ ही नींद की अवधि भी 6 घंटे 46 मिनट से बढ़कर 7 घंटे 08 मिनट हो गई है। लगातार हो रहे ऐसे सुधार, लोगों की दिनचर्या में छोटे लेकिन महत्वपूर्ण बदलावों को बढ़ावा देने में ऐप की कामयाबी को दर्शाते हैं।
भले ही ये बदलाव मामूली लगें, लेकिन लोगों के व्यवहार में लगातार हो रहे ऐसे बदलाव, खासकर जो आसानी से रोज़मर्रा की आदतों का हिस्सा बन जाते हैं, अक्सर लंबे समय में बेहतरीन परिणाम देते हैं।
आज के दौर में ग्राहक बढ़-चढ़कर किए गए दावों और हर किसी के लिए एक जैसे समाधानों से सतर्क हो रहे हैं, तो न्यूट्रीचॉइस के तरीके में नयापन दिखाई देता है, जो जमीनी स्तर से जुड़ा हुआ है। यह ऐसा नहीं कहता कि इसके पास हर सवाल का जवाब है, लेकिन यह लोगों को उन लम्हों में बेहतर फैसले लेने में मदद कर रहा है जो मायने रखते हैं— जिनमें दोपहर की चाय का ब्रेक या मीटिंग के बीच जल्दी से कुछ हल्का खाना जैसी चीज़ें शामिल हैं।