I-N-D-I-A के बहाने विपक्ष के मंसूबों को भारत ने दिया तगड़ा झटका !

नई दिल्ली : I-N-D-I-A गठबंधन उठने से पहले ही लड़खड़ाने लगा है। 28 दलों के गठजोड़ में सब अपनी अपनी डफली, अपना-अपना राग अलाप रहे हैं। ऊपर से भारत ने गठबंधन की पकड़ को ढीला कर दिया है।

बड़े वादों, इरादों और सपनों के साथ I-N-D-I-A गठबंधन को गढ़ा गया। जुलाई में 26 दलों ने मिलकर एनडीए को कड़ी टक्कर देने के लिए एक फ्रंट बनाया और नाम दिया-I-N-D-I-A. बेंगलुरू में पहली बैठक के बाद दूसरी, फिर तीसरी बैठक अब तक हो चुकी है। हर बैठक में काम बनता कम बिगड़ता ज्यादा दिखा।

28 दल हैं कद्दावर नेता भी कम नहीं हैं। कांग्रेस के राहुल गांधी, एनसीपी के शरद पवार, आरजेडी के लालू प्रसाद यादव, सपा के अखिलेश यादव, टीएमसी की ममता बैनर्जी और न जाने कौन- कौन…मतलब हर दल का अपना नेता और अपना दावा है। डे 1 से एलायंस जानता है कि उसकी राह आसान नहीं। बवाल मचना तय था इसलिए पहले दिन से ही चेहरा कौन, इस पर खामोशी अख्तियार कर ली है।

दूसरी मीटिंग से पहले एक और गांठ दिखी। वो भतीजे अजीत पवार और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के बीच की मुलाकात से पैदा हुई थी। इसे लेकर भी त्योरियां चढ़ीं तो डैमेज कंट्रोल जैसे तैसे किया गया। इसके अलावा खिंचाव इतना है कि अब तक संयोजक और पार्टी के चिन्ह को लेकर फैसला अटका पड़ा है।

सनातन पर संग्राम
तमिलनाडु के सीएम स्टालिन के बेटे उदयनिधि के एक बयान ने और फजीहत करा दी। एक सम्मेलन में उन्होंने सनातन को लेकर कुछ ऐसा कह दिया कि बवाल मच गया। दक्षिण से उठी हवा ने उत्तर तक में शोर मचवा दिया। उदयनिधि ने बेशर्मी से सनातन विरोधी सम्मेलन को ‘सनातन उन्मूलन सम्मेलन’नाम देने की वकालत की…साथ ही अपनी पॉलिटिक्स चमकाने के लिए सनातन धर्म को ही निशाने पर ले लिया। कहा-”हम उसका विरोध नहीं कर सकते। हमें मच्छर, डेंगू बुखार, मलेरिया, कोरोना वायरस इत्यादि का विरोध नहीं करना चाहिए।”

आम से लेकर खास ने इस पर त्योरियां चढ़ा लीं
उदयनिधि ने नागवार बात की तो पूरा देश बिफर पड़ा। जिस गठबंधन के सदस्य हैं उसकी फजीहत हो गई है। तमाम हिंदू संगठनों ने इसे धर्म का अपमान बताया। गृह मंत्री अमित शाह ने भी उदयनिधि के भाषण की निंदा की। ट्विटर पर संग्राम छिड़ गया। हर आम से खास शख्स इस सोच पर हैरान है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी इस बयान पर इंडिया गठबंधन को घेरा था। अनुराग ठाकुर ने कहा, ”घमंडिया गठबंधन के घमंडियों, तुम और तुम्हारे मित्र रहें या ना रहें। सनातन था, सनातन है और सनातन रहेगा। ये बार-बार हिंदुओं पर हमला करने का प्रयास घमंडिया गठबंधन के एक के बाद दूसरे नेता ने किया है।”

गठबंधन कंफ्यूज
गठबंधन असमंजस में है। उसे समझ नहीं आ रहा क्या करे। ‘इंडिया’ गठबंधन की अहम पार्टी ममता बनर्जी की एआईटीएमसी ने भी उदयनिधि के बयान से दूरी बनाई तो कांग्रेस ने सर्वधर्म संभाव की बात की। तो वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे ने भी उदयनिधि के बयान पर सहमति जता दी। प्रियांक ने कहा, ”ऐसा कोई धर्म जो बराबरी की बात ना करता हो, जो मानवता के सम्मान की बात ना करता हो, मेरे ख़्याल से वो बीमारी की तरह ही है।”

शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी ने भी संभल कर सनातन का सच बताया तो वहीं सीपीआई नेता डी राजा ने इसे राजनीति से जोड़ा। बोले-”उदयनिधि स्टालिन ने जो बयान दिया है, उससे इतना डरे क्यों हैं। सनातन हिंदूइजम के बराबर नहीं है।

और भारत से I-N-D-I-A को दिक्कत!
I-N-D-I-A निश्चित तौर पर एक सोच के साथ कांग्रेस की सरपरस्ती में तैयार किया गया। सोच को गहरा आघात 4 सितंबर से लगना शुरू हुआ जब जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले विदेशी नेताओं के आधिकारिक निमंत्रण में प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत छपा दिखा। देखते ही देखते भारत ट्रेंड करने लगा। विपक्ष तिलमिला गया। I-N-D-I-A को हथियार बनाकर एनडीए के खिलाफ सियासी पिच तैयार करने की कोशिश मटियामेट होती देख बयान दर बयान आने लगे।

भारत लिखे जाने पर कांग्रेस के आधिकारिक एक्स अकाउंट से एक पोस्ट कर कहा गया, “G-20 सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति द्वारा मेहमानों को भेजे गए आमंत्रण पत्र में रिपब्लिक ऑफ ‘इंडिया’ की जगह रिपब्लिक ऑफ ‘भारत’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है। INDIA से इतना डर? यह विपक्ष के लिए मोदी सरकार की नफरत है या एक डरे और सहमे हुए तानाशाह की सनक?”

दिल्ली के सीएम और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा- “मुझे कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है कि यह (नाम परिवर्तन) हो रहा है। सिर्फ इसलिए कि कई विपक्षी दलों ने एक गठबंधन बनाया है और इसे INDIA कहा है, क्या केंद्र देश का नाम बदल देगा? देश 140 करोड़ लोगों का है, किसी एक पार्टी का नहीं है? पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आश्चर्य जताया और इसका विरोध किया।

इस बीच आम लोग भारत को दिल से जुड़ा बता रहे हैं। अमिताभ बच्चन से लेकर वीरेंद्र सहवाग भारत से जुड़ाव की तस्दीक कर रहे हैं। शायद विपक्षी खेमा इससे डर गया। हैरान है परेशान है मिशन 2024 उसे थोड़ा कठिन लग रहा है। एक एक कर 28 दलों की विपरीत सोच I-N-D-I-A को क्या बेदम कर रही है!

गठबंधन में कौन कौन सी 28 पार्टियां शामिल?
‘INDIA’ गठबंधन में कांग्रेस, टीएमसी, शिवसेना (उद्धव गुट), एनसीपी (शरद पवार गुट), सीपीआई, सीपीआईएम, जदयू, डीएमके, आम आदमी पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, आरजेडी, समाजवादी पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, आरएलडी, सीपीआई (ML), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, केरल कांग्रेस (M), मनीथानेया मक्कल काची (MMK), एमडीएमके, वीसीके, आरएसपी, केरला कांग्रेस, केएमडीके, एआईएफबी, अपना दल कमेरावादी और पीजेंट्स एंड वर्कर पार्टी ऑफ इंडिया समेत महाराष्ट्र का एक क्षेत्रीय दल शामिल है।

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