मुंबई। भारतीय प्रौधोगिकी संस्थान (IIT) बॉम्बे के छात्रों ने फिलिस्तीन के आंतकवादियों के समर्थन में बोलने के लिए एक प्रोफेसर और एक अतिथि वक्ता के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। अधिकारी ने बताया कि 6 नवंबर को आयोजित किये गए एक ऑनलाइन व्याख्यान को लेकर छात्रों ने शिकायत दर्ज कराई है। इस व्याख्यान का वीडियो भी सामने आया है। मामले पर मुंबई में इजरायल के महावाणिज्य दूत कोबी शोशानी की भी प्रतिक्रिया आई है।
छात्रों ने पुलिस में क्या शिकायत दर्ज करवाई
दरअसल, छात्रों ने 8 नवंबर को दर्ज कराई शिकायत में मानविकी और सामाजिक विज्ञान (HSS) विभाग की प्रोफेसर शर्मिष्ठा साहा और अतिथि वक्ता सुधंवा देशपांडे के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। शिकायत में छात्रों ने कहा, “साहा ने अपने पद का अनुचित उपयोग किया और देशपांडे को ‘अकादमिक पाठ्यक्रम HS 835 परफॉर्मेंस थ्योरी एंड प्रैक्टिस’ के लिए अतिथि वक्ता के तौर पर बुलाया था। इस दौरान देशपांडे ने फिलिस्तीनी आतंकवादी जकारिया जुबैदी का महिमामंडन किया।”
छात्रों ने अतिथि वक्ता पर लगाए ये आरोप
छात्रों ने दावा किया गया, “देशपांडे ने न केवल 2015 में फिलिस्तीनी आतंकवादी जुबैदी से मिलने की बात स्वीकार की, बल्कि हिंसा और सशस्त्र विद्रोह का बचाव और महिमामंडन भी किया। जुबैदी अल-अक्सा शहीद ब्रिगेड से जुड़ा एक जाना माना व्यक्ति है, जिसे अमेरिका, यूरोपीय संघ और इजरायल सहित कई अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने आतंकवादी घोषित किया है।” इस पत्र में युवाओं पर इस तरह की गतिविधियों का प्रभाव को लेकर चिंता व्यक्त की गई है।
जानिए वायरल हो रहे वीडियो में क्या है
व्याख्यान के वीडियो में देशपांडे ने कहा, “फिलिस्तीन का संघर्ष एक स्वतंत्रता संघर्ष है और विश्व के उपनिवेशवाद के इतिहास में ऐसा कोई संघर्ष नहीं हुआ, जो शत-प्रतिशत अहिंसक रहा हो। ऐसा कभी नहीं हुआ है! भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष भी 100 प्रतिशत अहिंसक नहीं था।” देशपांडे ने यह भी कहा कि चल रहा इजरायल-हमास युद्ध फिलिस्तीनियों को उनकी अपनी भूमि से बेदखल करने के 76 साल के लंबे इतिहास में नवीनतम उदाहरण है।
इजरायली दूत ने मामले पर दी प्रतिक्रिया
मुंबई स्थित इजरायली महावाणिज्य दूतावास के दूत शोशानी ने कहा, “यह चौंकाने वाला है, लेकिन मुझे खुशी है कि सतर्क छात्रों और पदाधिकारियों ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया। मैं वहां जाकर खुद पूरी वास्तविकता जानना चाहूंगा।” बता दें कि हमास ने 7 अक्टबूर को इजरायल पर हमला किया था, जिसमें 1,400 से अधिक इजरायली लोगों की मौत हुई है। इसके बाद इजरायल ने हमास के खिलाफ जंग शुरू की थी।