कानपुर : अवैध प्लाटिंग को योजना पास बता किया फर्जीवाड़ा, चला केडीए का बुलडोजर

कानपुर। गंगा बैराज-बिठूर मार्ग पर एक बार फिर केडीए का बुलडोजर गरजा। हिन्दूपुर में अवैध रूप से विकसित की जा रही आवासीय कॉलोनी की सड़कें समेत अन्य पक्के निर्माण तहस-नहस कर दिए गए। केडीए वीसी अरविंद सिंह के निर्देश पर ओएसडी अवनीश कुमार सिंह प्रभारी प्रवर्तन दल और भारी पुलिस फोर्स के साथ हिन्दूपुर पहुंचे। यहां आराजी संख्या 534 एवं 535 पर लगभग 8200 वर्ग मीटर में बिना लेआउट प्लान प्लान स्वीकृत कराए ही अवैध रूप से प्लाटिंग की जा रही थी। देर शाम तक अवैध निर्माण तोड़ने की कार्रवाई जारी रही।

अवैध टाउनशिप में सड़कें भी विकसित कर ली गईं थीं और लाइट के खंभे भी लगा दिए गए थे। सीवरेज और ड्रेनेज सिस्टम भी विकसित कर लिया गया था। मौके पर ऑफिस और बोर्ड लगाकर दर्जनों प्लॉट बेच दिए गए थे। लोगों को यह बताया गया था कि यह योजना केडीए से स्वीकृत है। ओएसडी ने चार बुलडोजर लगाकर सारे अवैध निर्माण ध्वस्त करा दिए। साथ में आसपास रहने वालों से भी कहा कि यहां भूखंड लेने के लिए आने वालों को समझाएं कि वह केडीए से तस्दीक किए बिना कोई भूखंड न खरीदें।केडीए उपाध्यक्ष ने अब न्यू कानपुर सिटी परियोजना के लिए अधिकृत की गई जमीनों पर किए जा रहे अवैध निर्माण को ढहाने का लक्ष्य तय किया है। इसकी भी जिम्मेदारी ओएसडी अवनीश कुमार सिंह को सौंपी गई है। ओएसडी ने भी ऐसे सभी अवैध निर्माण चिह्नित कर लिए हैं। जल्द ही वहां भी बुलडोजर गरजेगा। अवैध निर्माण करने वालों को चेतावनी भी दी गई। मौके पर कुछ लोगों ने विरोध करने की कोशिश की मगर पुलिस ने उन पर काबू पाते हुए खदेड़ दिया।

केडीए अधिकारियों की हीलाहवाली के चलते डाक्टर की इमारत का निर्माण जारी।केडिए में व्याप्त भ्रष्टाचार इस कदर फैला है कि अधिकारी खुद उनको संरक्षण देने का काम कर रहे है। ऐसा ही एक मामला काकादेव के पाण्डु नगर में एक इमारत का है। केडीए सूूत्रो के अनुसार निर्माण अवैधानिक है, जिसमें ओएसडी अवनीश कुमार ने उसमें काम रोकने का निर्देश दिए थे, वर्तमान समय में कुछ कर्मचारी इमारत में काम करते हुए दिखे। वही इस बारे में जब ओएसडी अवनीश कमार से बात की तो उन्होंने बताया कि इस मामले में सम्बंधित निर्माणकर्ता को नोटिस जारी किया गया है और जो भी अवैधानिक है उसका शमन शुल्क की प्रक्रिया की जायेगी। लेकिन जमीनी हकीकत तो यह है कि न तो अभी तक शमन शुल्क की प्रक्रिया की गई है, न काम बंद हुआ। इससे पता चलता है कि शमन शुल्क के नाम पर सरकार को राजस्व की हानि हो रही है।

अवैध इमारतो को खुद अधिकारी बढ़ावा दे रहे है तो वहीं रसूखदार लोग इसका फायदा उठाते हुए अपनी इमारते बनाने में लगे हुए है। होली से पहले बंद हुआ काम फिर प्रगति पर है। इससे साफ है कि केडीए में व्याप्त भ्रष्टाचार की जडे काफी गहरी हो गई है। इस बावत जब सम्बंधित डाक्टर श्री सचान से बात की तो  बाद में बात करने की बात कही। आखिर क्यों इस बिल्डिंग पर केडीए अधिकारी इतना मेहरबान है। वही अधिकारी सरकार के राजस्व को चूना लगाने में लगे हुए है।

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