देश के विकास में कृषि विज्ञान केंद्रों की अहम भूमिका : श्रीवास्तव

वेटरनरी विश्वविद्यालय में आयोजित हुई वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक, कई विभागों ने लिया भाग, दिए किसानों की आमदनी बढ़ाने के सुझाव।

भास्कर समाचार सेवा

मथुरा। बुधवार को यूपी वेटरनरी यूनिवर्सिटी कुलपति सभागार में वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक आहूत की गई। जिसमें जिले के अधिकांश विभागों ने प्रतिभाग कर किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए आवश्यक सुझाव दिए। बतौर मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ ए के श्रीवास्तव ने कहा कि देश के विकास में और किसानों की उन्नति में कृषि विज्ञान केंद्रों की अहम भूमिका है । कृषि विज्ञान केंद्र व किसान एक दूसरे के पूरक हैं। वही पशुपालकों व किसानों का चोली दामन का साथ है। आज भारत की डेयरी कोऑपरेटिव की पूरे विश्व में चर्चा होती है । उन्होंने कहा कि किसानों के उत्पाद भी अच्छी जगह , अच्छी कीमत पर बिकने चाहिए। उसमें हो रहे नुकसान पर पाबंदी लगनी चाहिए। जिससे किसानों की आमदनी बढ़े और खर्चे घटे। प्रदर्शनों में प्रेषित आंकड़े प्रमाणित एवं विश्वनीय होने चाहिए। उन्होंने कहा कि गावों में कई तरह बनी हुई भ्रांतियां खत्म होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि गौवंसों, भैंसों के गोबर का सही ढंग से उपयोग किया जाए तो देश में उर्वरक की जरूरत संभवता नहीं पड़ेगी। निदेशक प्रसार डॉ अतुल सक्सेना ने कई आवश्यक सुझाव दिए। अधिष्ठाता डॉ पीके शुक्ला ने मुर्गी पालन के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। तथा बाजार की समस्या से अवगत भी कराया । कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ वाई के शर्मा ने पूरे वर्ष की प्रगति आख्या प्रस्तुत की। केंद्र द्वारा कराए गए कार्यों को बारीकी से समझाया। केंद्र से लाभान्वित हुए किसानों के बारे में भी जानकारी दी । कार्यक्रम के शुभारंभ में उन्होंने सभी अतिथियों का पटुका ओढ़कर स्वागत किया हैं। डीडीएम नाबार्ड सर्वेश गुप्ता ने सुझाव देते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा किसानों के हित में तमाम लाभकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं । इसमें कृषि विज्ञान केंद्र से सहयोग की अपील की। उप कृषि निदेशक आर के माथुर ने काफी सुझाव दिए। उप कृषि निदेशक शोध डा तेजवीर सिंह तेवतिया ने कई महत्वपूर्ण सुझाव देते हुए कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ रही है उनकी बैलेंसशीट भी बननी चाहिए। प्रगतिशील किसान रीतराम व चौधरी ओमप्रकाश ने कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। महिला किसान नगीना ने भी स्थानीय समस्याओं से अवगत कराया। किसान सौदान सिंह ने स्थानीय गांव में पशुओं में हो रही समस्याओं के बारे में बताया। कार्यक्रम के दौरान मोटे अनाजों के संबंध में चल भारत, उठ भारत एक संगीत सुनाया गया। जिसमे मोटे अनाजों से होने वाले लाभों के बारे में सभी ने सीखा। तथा मोटे अनाजों का प्रोफेसर डा ए के श्रीवास्तव द्वारा विमोचन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रोफेसर डॉ श्रीवास्तव ने की। कार्यक्रम में एलडीएम टीसी चावला, नाबार्ड सर्वेश गुप्ता, सीबीओ विपिन गर्ग, डा वी राय, सहायक निदेशक मत्स्य प्रशांत गंगवार, जिला उद्यान अधिकारी मनोज चतुर्वेदी, डॉ ब्रजमोहन डॉ रविंद्र कुमार राजपूत, राहुल शर्मा, गोविंद कुमार गुप्ता, इंद्रजीत, विक्रम चौहान आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

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