
वैदिक गणित हमारी प्राचीन धरोहर: प्रो. विनय
कानपुर। डीएवी महाविद्यालय के गणित विभाग में आधुनिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में वैदिक गणित की प्रासंगिकता विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया, जिसके मुख्य अतिथि छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक थे। उन्होंने कहा कि भारत सदा से ही गणित में अग्रणी रहा। वैदिक गणित हमारी प्राचीन धरोहर है, जिसके द्वारा जटिल गणितीय आकलन आसानी से कम समय में हल किए जा सकते है तथा आज के परिप्रेक्ष्य में यह बहुत ही उपयोगी है। इसकी खोज का प्रमाण शंकराचार्य स्वामी भारतीकृष्ण तीर्थ द्वारा 1975 में लिखी एक पुस्तक में मिलता है। गणितज्ञ प्रो कैलाश विश्वकर्मा, विनोद मिश्रा, निधि हांडा एवं अनोखे लाल पाठक आदि ने वैदिक गणित के विभिन्न सूत्रों द्वारा बड़ी संख्याओं के पहाड़े, जोड़, घटाना, गुणा, पाईथागोरस प्रमेय आदि आसानी से हल करने की विधियों का उल्लेख किया। सत्र के अंत में निदेशक, महाविद्यालय विकास परिषद प्रो राजेश कुमार द्विवेदी ने इस बात पर अफसोस जाहिर किया कि हमारे देश के 90 प्रतिशत से भी अधिक लोग इस जादुई गणित से परिचित नहीं है। वैदिक गणित न केवल शीघ्र आकलन में मदद करता है, बल्कि उच्च बौद्धिक स्तर को भी विकसित करता है। उन्होंने कालेज को इतने महत्वपूर्ण विषय पर वेबीनार आयोजन के लिए बधाई दी। अतिथियों का स्वागत कालेज के प्राचार्य डॉ ए के दीक्षित तथा धन्यवाद गणित विभागाध्यक्ष डॉ पुष्पेंद्र त्रिपाठी ने किया।