मथुरा (वृंदावन)। धार्मिक नगरी के प्रसिद्ध श्री रँगमन्दिर के दस दिवसीय ब्रम्होत्सव में भक्ति के नित नये रंग दिखाई दे रहे है। कोई श्रद्धावश रंगोली सजा रहा है,तो कोई ठाकुरजी को अपनी नृत्य भंगिमाओं से रिझा रहा है। उत्तर भारत के सबसे विशालतम श्री रँगमन्दिर का दस दिवसीय ब्रम्होत्सव इन दिनों पूरे हर्षोल्लास के साथ आयोजित किया जा रहा है। महोत्सव में वैदिक परम्पराओं के निर्वहन के साथ सांस्कृतिक अनुष्ठानों का भी समावेश किया जा रहा है। भक्तो की आस्था व भक्ति नित नये कलेवर में दिखाई दे रही है, कोई रंगोली सजाकर अपनी आस्था जता रहा है,तो कोई नृत्य कर भक्ति भाव अर्पित कर रहा है,इतना ही नही हजारों भक्तजन प्रतिदिन अलग अलग तरीक से प्रभु की सेवा में जुटे हुए है। इसी क्रम में शुभम राजपूत, जो पिछले नौ वर्षों से लगातार ठाकुरजी की सवारी के मार्ग पर रंगोलियां उकेरते है जिसकी खासियत है कि भगवान जिस वाहन पर विराजित होते है। वही दृश्य विविध रंगों से सजाया जाता है। शुभम अपनी कला को ठाकुरजी का ही कृपा प्रसाद बताता है। कुछ इसी तरह का भाव दक्षिण भारत के ख्यातिलब्ध नर्तक वासुदेवन में भी दिखायी दिया। उन्होंने भरतनाट्यम शैली में अपनी अनूठी भाव भंगिमाओं से ठाकुरजी को जमकर रिझाया।
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