भुगतान की लड़ाई में किसानों ने शीत लहर के दौरान, धरना देकर खुले आसमान के नीचे गुजारी रात

गोला गोकर्णनाथ खीरी

गोला गोकरननाथ में चीनी मिल गेट के सामने धरना दे रहे किसानों ने खुले आसमान के नीचे रात गुजारी और इसका कारण है बजाज चीनी मिल के द्वारा बार-बार किसानों को ठगा जाना । किसानों का अभी भी पिछले सत्र का करीब 207 करोड़ रूपये बकाया है जबकि , सम्पूर्ण रूपये के भुगतान का वादा बजाज चीनी मिल ने 31 दिसम्बर तक करने का किया था। जिसके लिए 13 दिसम्बर को लिखित समझौते के बाद किसानों ने धरना प्रदर्शन समाप्त किया था किन्तु , समय बीतने के बाद भी अभी तक भुगतान न हो पाया है । पिछले सत्र का भुगतान न होने से किसान धरना दे रहे हैं । 

वर्तमान में किसानों का धरना प्रदर्शन दो भागों में चल रहा है । एक स्थान गन्ना सोसायटी है जहां पहले से ही किसान शक्ति संगठन के पटेल श्रीकृष्ण वर्मा की अध्यक्षता में  22 दिसंबर 2021 से धरना चल रहा है , वही दूसरा धरना भाकियू (चढूनी) के प्रदेश महासचिव अमनदीप सिंह सन्धू की अध्यक्षता में बीते सोमवार से कंपकंपाती ठण्ड में खुले में चल रहा है । किसानों का यह धरना पिछले सत्र के बकाया भुगतान से सम्बंधित है । जिसमें किसानों को हमेशा शासन-प्रशासन से आश्वासन ही मिला है । सोमवार से जारी धरने के दौरान चढ़ूनी ग्रुप के एक किसान पर पुलिस प्रशासन ने लाठीचार्ज भी किया ।

किसानों के भुगतान के सम्बन्ध में किसानों को गुमराह करने में प्रशासन भी पीछे नहीं है । जब भी किसानों ने कहीं कोई बड़ा आन्दोलन किया, धरना प्रदर्शन किया उसमें उपजिलाधिकारी से लेकर डीएम, एसपी तक आये उनके द्वारा भी आजतक सिर्फ आश्वासन ही मिला लेकिन किसानों को उनका अधिकार न मिला । 

 किसानों के बकाया का भुगतान होने के  सम्बन्ध में सबसे बड़े जिम्मेदार जनप्रतिनिधि भी हैं । इन जनप्रतिनिधियों और चीन मिल की मिली भगत से भी किसान आजतक अपना अधिकार पाने से वंचित हैं । जब भी किसानों ने अपने अधिकारों के लिए आवाज उठायी व चीनी मिल पर किसी भी कार्रवाई के लिए कदम उठाया उसमें जनप्रतिनिधियों ने अपनी-अपनी भूमिका अदा की, इसमें यह सिर्फ अपनी राजनीति चमकाने और मिल का बचाव ही करते देखे गये ।

 भुगतान मामले में गोला गोकरननाथ के रहने वाले 139 विधान सभा गोला विधायक अरविन्द गिरी ने मिल प्रशासन पर मुकदमा लिखवाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की , किन्तु मुकदमा लिखवाने के पश्चात  विधायक तो ईद का चांद हो गये। जब वादी पक्ष ही नहीं होंगा तो वह मुकदमा किस काम का, गवाह के रूप में किसान तो मौजूद थे ही, वह  मुकदमा आजतक ऐसे ही पड़ा है । वही, दूसरे विधायक पलिया विधान सभा के रोमी साहनी ने भी रोते हुए एक वीडियो जारी कर किसानों की स्थिति को बयां किया था । लेकिन, आजतक कोई भी विधायक न ही धरना स्थल पर गया और न ही बकाया भुगतान करा पाया । 

किसान नेता श्रीकृष्ण वर्मा ने बताया कि 16 जनवरी को क्षेत्राधिकारी व चीनी मिल यूनिट के हेड ओमपाल धरना स्थल पर आये थे । यूनिट हेड के द्वारा आश्वासन दिया गया है कि 19 जनवरी तक सभी किसानों का पिछले सत्र का बकाया भुगतान कर दिया जायेगा । मिल को सरकार की ओर से 500 करोड़ दिये गये हैं जिसमें से सबसे पहले किसानों का बकाया भुगतान किया जायेगा ।

किसानों का बकाया भुगतान व किसानों पर हो रहे लगातार अत्याचार पर किसानों ने साफ तौर पर कहा है कि इसका असर विधान सभा चुनाव के दौरान देखने को मिलेगा। जितना बेबस हम लोग इस सरकार में हैं, इससे पहले इतनी सरकारें आयी कभी ऐसा न हुआ । किसानों की ताकत क्या है, यह सरकार को 10 मार्च को पता चल जायेगा। 

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