
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में चल रहे कोरोना संकट के बीच प्रकृति का कहर भी लोंगों पर टूटा है। मानसूनी बारिश में राज्य में आज 23 लोगों की आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई है।लखनऊ : उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त संजय गोयल ने आईएएनएस को बताया, “मानसूनी बारिश के कारण गुरुवार को प्रदेश के विभिन्न जनपदों में आकशीय बिजली गिरने से 24 लोगों की मौत हो गई है। जिनमें कुशीनगर में एक, फतेहपुर में एक, उन्नाव में एक, देवरिया में नौ, बाराबंकी में दो, प्रयागराज में छह, अम्बेडकर नगर में तीन, बलरामपुर में एक लोगों की मौत हो गयी है।”
स्थानीय लोगों से मिल रही रिपोर्ट के अनुसार देवरिया जनपद के विभिन्न थाना क्षेत्रों में गुरुवार को बारिश के बीच बिजली गिरने से सात वर्ष की बालिका और किसान समेत नौ लोगों की मौत हो गई तथा नौ लोग झुलस गए। इसमें से अधिकांश लोग अपने खेतों में काम करने के लिए गए थे।
| राज्य | जिले | मौतें |
| बिहार | 23 | 83 |
| उत्तर प्रदेश | 8 | 23 |
| झारखंड | 2 | 04 |
बिहार में किन जिलों में कितनी मौतें?
बिहार के गोपालगंज में बिजली गिरने से सबसे ज्यादा 14 लोगों की जान गई। मधुबनी और नवादा में 8-8 और सीवान, भागलपुर में 6-6 लोगों मौत हुई। दरभंगा, पूर्वी चंपारण और बांका में 5-5 लोगों की जान गई। खगड़िया और औरंगाबाद में 3-3 और पश्चिमी चंपारण, किशनगंज, जहानाबाद, जमुई, पूर्णिया, सुपौल, कैमूर व बक्सर में 2-2 लोगों की मौत हुई है। समस्तीपुर, शिवहर, सारण, सीतामढ़ी और मधेपुरा में एक-एक व्यक्ति की जान गई।
राज्य सरकार ने क्या निर्देश दिए?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक दिन में बिजली गिरने से इतनी ज्यादा मौतों पर दुख जाहिर किया। उन्होंने 4-4 लाख मुआवजा परिजनों को देने का ऐलान किया है। सीएम ने अपील की है कि सभी लोग खराब मौसम में पूरी सतर्कता बरतें। आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से जारी किए गए निर्देशों का पालन करें। बारिश के दौरान घरों में ही रहें या सुरक्षित स्थानों पर रहें।
क्या अभी ऐसा मौसम बना रहेगा?
हां, मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे के लिए बिहार के 12 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है। इसमें पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, सहरसा और मधेपुरा शामिल हैं। कटिहार, भागलपुर, बांका, मुंगेर, खगड़िया और जमुई में भी भारी बारिश की आशंका है।
मौसम ऐसा क्यों है?
मौसम विभाग के मुताबिक, देश में तीन सिस्टम सक्रिय हैं। उत्तरी छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। यह सिस्टम धीरे-धीरे उत्तर-पूर्व में आगे बढ़ेगा। यह बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के तराई इलाकों में पहुंचेगा। मानसून ट्रफ भी 27 जून तक तराई क्षेत्रों में रहेगा। इस वजह से बिहार में भारी बारिश की आशंका है।
बिजली गिरने की इतिहास की सबसे भयावह घटना
- 1807 में 26 जून को यूरोपियन देश लग्जम्बर्ग में गन पाउडर बनाने वाली फैक्ट्री में बिजली गिरी थी। इस घटना में 300 से ज्यादा लोगों की जान गई थी। इसे इतिहास की सबसे भयावह बिजली गिरने की घटना माना जाता है।
- अमेरिका में हर साल बिजली गिरने से करीब 73 लोगों की जान जाती है। अमेरिका में कभी-कभी एक साल में 70 हजार बार चक्रवाती तूफान आ चुके हैं। यहां हर साल करीब 2 करोड़ बार बिजली गिरती है।
- पृथ्वी पर हर दिन करीब 80 से 90 लाख बार बिजली गिरती है। बिजली गिरने पर तुरंत तापमान 27 हजार 760 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। एक सामान्य बिजली में 10 करोड़ वोल्ट की बिजली पैदा होती है। लंबाई में मापा जाए तो ये 8 किलोमीटर तक होती है।













