पाकिस्तान में भी मंहगाई ने अपने पांव पसारना शुरू कर दिया है। बता दे कि पाकिस्तान में पेट्रोल, डीजल और कैरोसिन के दाम 30 रुपए प्रति लीटर (पाकिस्तानी करंसी में) बढ़ा दिए गए हैं। फाइनेंस मिनिस्टर मिफ्ताह इस्माइल ने गुरुवार रात कहा- सरकार के पास इसके अलावा कोई चारा नहीं है। हमें IMF की शर्तों को भी पूरा करना है और मुल्क के हित भी देखने हैं। खास बात यह है कि सिर्फ 6 दिन पहले पाकिस्तान में फ्यूल रेट्स 30 रुपए प्रति लीटर बढ़ाए गए थे।
पेट्रोल-डीजल और केरोसिन के साथ ही बिजली भी जबरदस्त झटका देने जा रही है। नेशनल इलेक्ट्रिक पॉवर रेग्युलेट्री अथॉरिटी (Nepra) ने भी ऐलान किया है कि अगले महीने से बिजली 7.91 रुपए प्रति यूनिट महंगी की जा रही है। अब एक यूनिट के बिजली के लिए 24.82 रुपए देने होंगे।
आज रात से लागू होंगे ये रेट
मिफ्ता इस्माइल ने कहा- पिछली सरकार ने हमारे खजाने में कुछ नहीं छोड़ा। वो जाते-जाते पेट्रोल और डीजल सस्ता कर गए। ये जानते हुए भी कि इसकी बहुत बड़ी कीमत इस मुल्क के आवाम को चुकानी पड़ेगी। लिहाजा, न चाहते हुए भी हमें सख्त कदम उठाने पड़ रहे हैं।
पाकिस्तान सरकार के ऊपर IMF का बेहद दबाव है। IMF ने बुधवार को कहा था- अगर पाकिस्तान को अपनी इकोनॉमी सुधारनी है तो उसे कई कदम उठाने ही होंगे। सिर्फ पेट्रोल, डीजल महंगा करने से काम नहीं चलेगा।
पाकिस्तान में फ्यूल के नए रेट जारी
पेट्रोल : 209.86
डीजल : 204.15
केरोसिन : 181.94
लाइट डीजल : 178.31
कीमतें पाकिस्तानी रुपए में प्रति लीटर के हिसाब से हैं। भारत का एक रुपए पाकिस्तान के 2.55 रुपए के बराबर है। एक डॉलर का मूल्य पाकिस्तान के 198 रुपए के बराबर है
8 अरब डॉलर के कर्ज की तीसरी किश्त रोकी
इमरान खान की सरकार गिरने के बाद IMF ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 8 अरब डॉलर के कर्ज की तीसरी किश्त रोक दी थी। दो किश्तों के तौर पर पाकिस्तान को करीब 2 अरब डॉलर मिल चुके थे, लेकिन ये तो इमरान के दौर में ही खर्च हो गए थे।
इसके बाद शाहबाज सरकार के फाइनेंस मिनिस्टर मिफ्ताह इस्माइल 12 लोगों की टीम लेकर IMF के दोहा ऑफिस पहुंचे। 18 से 25 मई तक, यानी 7 दिन बातचीत चलती रही। इस्माइल चाहते थे कि IMF किसी तरह दो महीने के लिए लोन की तीसरी किश्त जारी कर दे। कुल मिलाकर इकोनॉमी चलाने के लिए 2 अरब डॉलर चाहिए थे।
कर्ज को देख दोस्त भी हुए पराए
IMF ने शाहबाज शरीफ सरकार से साफ कहा था कि सिर्फ पेट्रोल-डीजल के रेट्स बढ़ाने से काम नहीं चलेगा, बिजली के रेट्स भी बढ़ाओ। पाकिस्तान के फॉरेन रिजर्व महज 12 अरब डॉलर हैं। इसमें से 9.5 अरब डॉलर तो सऊदी अरब, चीन और UAE के फॉरेन डिपॉजिट हैं। सरकार इन्हें खर्च नहीं कर सकती। इससे भी बड़ी मुसीबत यह है कि ये सभी देश अब पाकिस्तान को कर्ज देने को तैयार नहीं हैं। इनका कहना है कि जब तक IMF गारंटी नहीं देता, तब तक वो पाकिस्तान को कर्ज नहीं दे सकते। जाहिर है, अब IMF की हर शर्त पाकिस्तान को माननी होगी।