बाजार में मिट्टी के बर्तनों की बढ़ी मांग

संदीप पुंढीर
हाथरस। जनपद में गर्मी का असर दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। गर्मी के बढ़ते ही बाजारों में मिट्टी के बर्तनों की मांग भी बढ़ने लगी है। जिसके चलते जगह-जगह बाजारों में मिट्टी के बर्तनों को बेचा जा रहा है। वहीं कोरोना संक्रमण के बाद से काफी लोग फ्रिज का ज्यादा ठंडा पानी पीने से परहेज भी करने लगे हैं। स्वास्थ्य के लिए भी मिट्टी के बर्तन काफी फायदेमंद होते हैं। इससे शरीर पर किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पड़ता है।
गर्मी का प्रकोप बढ़ते देख मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हार विभिन्न डिजाइनों में मटका, बोतल, गिलास, कुल्हड़, तवा आदि समान दुकानों में लगाकर बेच रहे है। ऐसे में नए डिजाइन वाले मिट्टी के इन बर्तनों की खूब बिक्री होने से कुम्हारों के चेहरों पर भी रौनक दिख रही है। इस कड़कड़ाती धूप में कोई गले को राहत देता है तो वह है मिट्टी के घड़े का शीतल पानी। मिट्टी के घड़े का पानी सेहत के लिए हानिकारक भी नहीं है। गर्मी के दिनों में आम से लेकर खास वर्ग के लोगों को आज भी उपयोग में आने वाला मटका शीतल जल से गले में ठंडक पहुंचा रहा है।
हाथरस शहर के बाजारों में ग्राहकों की पसंद को ध्यान में रखते हुए मटकों और गिलासो को स्टाइलिस लुक भी दिया जा रहा है। शहर में कई जगह मिट्टी के बर्तनों की दुकानें भी सज चुकी हैं। अगर हम एक दिन में मिट्टी के बर्तनों की बिक्री की बात करें तो शहर में 100 से लेकर 150 के बीच हर रोज मिट्टी के बर्तन बिक रहे हैं। वहीं जिला अस्पताल के चिकित्सक डीके शर्मा ने भी बताया कि मिट्टी के घड़े व मटका का पानी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। घड़े का पानी पीने से कैल्शियम मिलता है। साथ ही शरीर को कोई नुकसान भी नहीं होता। जबकि फ्रिज का ठंडा पानी लोगों के शरीर को कई तरह के नुकसान पहुंचाता है।

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