पेट्रोल-डीजल के दाम में भले ही कटौती हो रही हो, लेकिन मई में रिटेल महंगाई दर बढ़ने का अनुमान है. दरअसल, पिछले दो महीने में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफा होने से महंगाई बढ़ने का खतरा बना हुआ है.
नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल के दाम में भले ही कटौती हो रही हो, लेकिन मई में रिटेल महंगाईदर बढ़ने का अनुमान है. दरअसल, पिछले दो महीने में डीजल की कीमतों में इजाफा होने से महंगाई बढ़ने का खतरा बना हुआ है. एक्सपर्ट्स लेकर फाइनेंशियल फर्म तक इसका संकेत दे चुके हैं. वहीं, आरबीआई ने भी मॉनिटरी पॉलिसी में महंगाई बढ़ने का अनुमान जताया है. मई में रिटेल महंगाई 4.92 फीसदी रह सकती है. वहीं, कोर रिटेल महंगाई दर में भी इजाफा होने के आसार है. सब्जी से लेकर फल, दाल और जरूरी सामान महंगा हो सकता है.
मई में कितनी बढ़ेगी महंगाई
मई में रिटेल महंगाई दर बढ़ने का अनुमान है. रिटेल में महंगाई 4.58 फीसदी से बढ़कर 4.92 फीसदी रहने का अनुमान है. वहीं कोर रिटेल महंगाई दर 5.9 फीसदी से बढ़कर 6.3 फीसदी रह सकती है. इसके अलावा थोक महंगाई भी बढ़ सकती मई में थोक मंहगाई दर 3.18 फीसदी से बढ़कर 4.1 फीसदी रह सकती है. हालांकि, अप्रैल की आईआईपी ग्रोथ भी बढ़ने का अनुमान है. अप्रैल में आईआईपी ग्रोथ 4.4 फीसदी से बढ़कर 5.4 फीसदी तक जा सकती है.
डीजल ने बढ़ाई चिंता
डीजल के दाम बढ़ने से महंगाई भी बढ़ने के संकेत मिले हैं. दाल, चावल, गेहूं सहित फल और सब्जी के दामों में आग लग सकती है. डीजल का रेट बढ़ने के बाद से लगातार घाटा उठा रहे ट्रांसपोर्टर्स भाड़ा बढ़ाने के मूड में हैं. इसके लिए आपस में फैसला कर वह जल्द ही सरकार से इसकी मांग कर सकते हैं.
50 से 70 रुपए हो सकता है भाड़ा
वर्तमान में दस टन वाहन का भाड़ा पचास रुपए प्रति किमी निर्धारित है. इसके पहले 2014 में भाड़ा बढ़ाया गया था. डीजल के दाम बढ़ने से फिर महंगाई दस्तक दे रही है. ऐसे में ट्रांसपोर्टर्स भाड़ा बढ़ा दें तो नई बात नही होगी. भाड़े में बीस रुपए तक की वृद्धि हो सकती है. हालांकि, मार्केट में काम्पिटिशन अधिक होने की स्थिति में भाड़े में वृद्धि कम पैमाने पर भी हो सकती है. लेकिन, बढ़ोतरी तय मानी जा रही है.
आरबीआई दे चुका है संकेत
रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति की समीक्षा में महंगाई का अनुमान बढ़ा दिया है. इसने अप्रैल में इस साल की पहली छमाही में खुदरा महंगाई 4.7%-5.1% रहने का अनुमान जताया गया था. दूसरी छमाही के लिए 4.4% का अनुमान था. पहली छमाही के अनुमान को 4.8-4.9% और दूसरी छमाही के अनुमान को 4.7% किया गया है. महंगाई के कारण ही मौद्रिक नीति समिति के सभी 6 सदस्यों ने रेपो रेट 0.25% बढ़ाकर 6.25% करने के पक्ष में वोट दिया.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
विशेषज्ञों का कहना है कि खरीफ फसलों के एमएसपी की घोषणा होनी है. दुनियाभर में कमोडिटी के दाम बढ़ रहे हैं. क्रूड के दाम में भी ज्यादा गिरावट के आसार नहीं है. इससे आगे महंगाई बढ़ने का खतरा है. इसलिए रिजर्व बैंक ब्याज दरें फिर बढ़ा सकता है. मौद्रिक नीति समिति की अगली मीटिंग 31 जुलाई और 1 अगस्त को होगी.
महंगाई बढ़ने का जोखिम
- ग्लोबल फाइनेंशियल मार्केट में काफी अनिश्चितता बनी हुई है.
- कमोडिटी के दाम बढ़ रहे हैं. इससे इनपुट कॉस्ट बढ़ सकती है.
- राज्यों में एचआरए बढ़ने से भी महंगाई में इजाफा होगा.
- खरीफ फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी का भी असर दिखेगा.