
दो अलगाववादी रुखों का विरोध MEA ने यह भी कहा कि कुछ देश खुद भी रूस के साथ व्यापार कर रहे हैं, जबकि भारत पर उसी कार्रवाई का आरोप लगाया जा रहा है. विदेश मंत्रालय ने उल्लेख किया कि भारत के आयात सार्वजनिक हित में और सही, स्थिर ऊर्जा आपूर्ति के उद्देश्य से हो रहे हैं, जबकि आलोचकों की खुद की गतिविधि इसी के निर्दोष उदाहरण नहीं हैं. ट्रम्प की नीति, व्यापार, युद्ध और भरोसा अमेरिका ने भारत को पहले भी “दुनिया का सबसे ज़्यादा टैरिफ लगाने वाला देश” कहा था, और इस आदेश के साथ यह कदम और कड़ा कर दिया. ट्रम्प ने BRICS गुट में भारत की भागीदारी और रूस से व्यापार को “एंटी-अमेरिकन” नीति बताया और इस पर यह पेनल्टी लगाने की धमकी दी थी. राजनीतिक और आर्थिक असर यह आदेश व्यापारिक रूप से भारत-अमेरिका संबंधों में अचानक तनाव का संकेत है. जबकि अमेरिका रूस पर युद्धविराम को लेकर दबाव बना रहा है, भारत ऐसे आर्थिक फैसलों को अपनी ऊर्जा सुरक्षा के तहत समझ रहा है. इस निर्णय का असर भारत की विदेशी व्यापार नीति और भरोसेमंद ऊर्जा समयबद्धता पर स्पष्ट रूप से दिखेगा.Statement by Official Spokesperson⬇️
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) August 6, 2025
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