- दिल्ली बीएलटीएम 2024 का आयोजन: कई देशों तथा 21 भारतीय राज्यों से 500 से अधिक प्रदर्शकों की भागेदारी
नई दिल्ली: देश में पर्यटन का उद्योग अपनी पूरी तेजी पर है। भारत हाल के वर्षों में पर्यटन के क्षेत्र में एक महाशक्ति के रूप में उभरा है। भारत की जीडीपी में पर्यटन क्षेत्र की हिस्सेदारी 10 फीसदी तक बताई जा रही है। आंकड़ों के मुताबिक देश से हर साल करीब 3 करोड़ लोग पयर्टन के लिए विदेशों का रूख करते हैं जबकि घरेलू पर्यटकों की संख्या 50 करोड़ तक है, जो वर्ष में कम से कम एक बार पर्यटन या तीर्थाटन के लिए निकलते हैं। यह बातें गुरुवार को फेयरफेस्ट मीडिया लिमिटेड के संस्थापक एवं सीईओ संजीव अग्रवाल ने यहां द्वारका स्थिति यशोभूमि (आईआईसीसी) में हुई आयोजित तीन दिवसीय बीएलटीएम 2024 के उद्घाटन मौके पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहीं।
उन्होंने कहा कि अगर देश में पर्यटन क्षेत्र को और अधिक मजबूत करना है तो देश के रेलवे नेटवर्क को मजबूत बनाना होगा। देश में रेलवे का बहुत बड़ा नेटवर्क है, जिसे दुरुस्त करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि एक अनुमान के मुताबिक भारत का एमआईसीई पर्यटन बाज़ार 2024 से 2029 के बीच 6 फीसदी सीएजीआर की दर से बढेगा, जो देश के पर्यटन उद्योग में एमआईसीई के बढ़ते महत्व को दर्शाता है। इंडियन एक्ज़हीबिशान इंडस्ट्री एसोसिएशन के मुताबिक 2019 में इस उद्योग का मूल्य 709 मिलियन डॉलर था, और एक अनुमान के अनुसार यह 10.25 फीसदी सीएजीआर की दर से बढ़कर 2025 में 1283 मिलियन डॉर पर पहुंच जाएगा।
गौरतलब है कि यशोभूमि में आयोजित बीएलटीएम 2024 एक्सपो में कई देशों तथा 21 भारतीय राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों से 500 से अधिक प्रदर्शकों के साथ यह भारत में एमआईसीई शो का अब तक का सबसे बड़ा संस्करण है। तीन दिवसीय कार्यक्रम, बीएलटीएम 2024, यात्रा व्यापार आगंतुकों को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शकों से जुड़ने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। भारत के एकमात्र विशिष्ट बी2बी शो के रूप में, यह नेटवर्किंग, सहयोग और सौदेबाजी का एक प्रमुख केंद्र बनने के लिए तैयार है। बीएलटीएम 2024 में आधिकारिक प्रतिभागियों में 5 राष्ट्रीय पर्यटन संगठन, 7 राज्यों के पर्यटन बोर्ड तथा भारत सरकार का पर्यटन मंत्रालय शामिल हैं। 10,000 से अधिक ट्रैवल ट्रेड पेशेवरों, 150 एमआईसीई नियोजकों, 100 कॉर्पोरेट खरीददारों, दक्षिण-पूर्वी एशिया, जीसी एवं रूस से 50 इंटरनेशनल खरीददरों तथा 80 वैडिंग प्लानर्स के सथ यह संस्करण बीएलटीएम का अब तक का सबसे बड़ा संस्करण होगा।
कार्यक्रम के उद्घाटन के अवसर पर फ्लोरियन सेंगस्टचमिड, सीईओ, अजरबैजान टूरिज़्म बोर्डस, हुल सैला, अंडर सेक्रेटरी ऑफ स्टेट, पर्यटन मंत्रालय, कम्बोडिया, एलेक्ज़ेंडर सितनिकोव, रशियन मिनिस्ट्री ऑफ इकोनोमिक डेवलपमेन्ट के प्रतिनिधि, कृष्णथ फर्नांडो, जनरल मैनेजर, श्री लंका कन्वेंशन ब्यूरो, आर.के. सुमन, क्षेत्रीय निदेशक, उत्तर, भारतीय पर्यटन: अंजली यादव, आईएएस, डायरेक्टर, झारखण्ड टूरिज़्म, ज्योति मयाल, अध्यक्ष, ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (टीएएआई) आदि प्रमुख रुप से शामिल रहे।
इस मौके पर ज्योति मायल, प्रेज़ीडेन्ट, टीएएआई ने कहा, ‘‘भारत का यात्रा एवं पर्यटन उद्योग देश की अर्थव्यवस्थ का मुख्य स्तंभ है, जो जीडीपी में 10 फीसदी योगदान के साथ सालाना 78 बिलियन डॉलर उत्पन्न करता है। एक अनुमान के अनुसार 2029 तक यह उद्योग 53 मिलियन नौकरियां उत्पन्न करेगा और 30.5 मिलियन यात्रियों को आकर्षित करेगा, ये आंकड़े इस सेक्टर की विकास क्षमता को दर्शाते हैं।
2030 तक 253 बिलियन डॉलर तक पहुंचने के अनुमान के साथ इस सेक्टर में विकास की अपार संभावनाएं हैं। उम्मीद है कि इस साल भारत से विदेश जाने वाले पर्यटकों की संख्या 27 मिलियन तक पहुंचेगी, जो कोविड से पहले के दौर के समकक्ष होगी। 2024 में भारत का यात्रा एवं पर्यटन मार्केट 22.30 बिलियन डॉलर तथा 2029 तक 34.11 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। ये आंकड़े उद्योग जगत की क्षमता की पुष्टि करते हैं। सरकार से मिलने वाला सहयोग, खासतौर पर जीएसटी में कटौती और बेहतर मार्केटिंग के चलते हमें भारत के विश्वस्तरीय पर्यटन में तेज़ी से विकास की उम्मीद है।’’