आत्मनिर्भर केवल रक्षा नहीं बल्कि युद्ध में भी होगा भारत: पंकज

-चीन ने युद्ध अगर छेड़ा, तो खुद मिट जाएगा।
-तिब्बत आजाद होगा, भोले बाबा की कृपा से।

लखनऊ/ दिल्ली ।
भारत तिब्बत सहयोग मंच के राष्ट्रीय महामंत्री पंकज गोयल ने दो टूक स्वर में कहा है कि यह नया हिंदुस्तान है और चीन समझ ले कि अब अगर युद्ध हुआ तो कोई बड़ी बात नहीं कि न केवल तिब्बत मुक्त हो जाए बल्कि यह अतिश्योक्ति न होगी कि चीन खंड-खंड हो जाएगा। भारत की सीमा पर चीन की बढ़ती साजिशों के सवाल पर दैनिक भास्कर के विशेष प्रतिनिधि हेमेंद्र तोमर की आज मंच के राष्ट्रीय महामंत्री पंकज गोयल से लंबी बातचीत हुई। इस संबंध में श्री गोयल ने कहा कि कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड से होते हुए अरुणाचल प्रदेश तक कभी केवल और केवल तिब्बत था। तिब्बत देश हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण था, यह इसी से पता चलता है कि हमारे व उनके बीच सीमा पर कहीं भी सेना तक न थी ।

कुछ पहरेदार थे, जो मार्गदर्शक की भूमिका निभाते थे और जो यहां से जाने वाले कैलाश मानसरोवर के श्रद्धालुओं को रास्ता बताते थे। कैलाश-मानसरोवर न केवल भोले बाबा के भक्त जाते थे बल्कि सिख भी, क्योंकि वहां गुरु नानक देव ने तपस्या की थी। बौद्ध इसलिए कि वहां उनकी मान्यताओं में यह विशेष स्थान रखने वाला पर्वत है। और जैन भी, क्योंकि वह उनके मत में प्रमुख धार्मिक स्थल है। इस प्रकार, तिब्बत को हमारी संस्कृति बचाने वाला देश माना जा सकता था। छली चीन ने इस समूचे सरल और आध्यात्मिक देश को हड़प लिया । वहां के लोगों को मौत के घाट उतार दिया, जो तिब्बत छोड़कर भागे, वही बच गए।

इस कम्युनिस्ट देश के कुकर्मों का परिणाम आज दुनिया भुगत रही है। कॉविड 19 वायरस पूरी दुनिया में फैला कर मानवता को खत्म कर रहे चीन को भारत की आध्यात्मिक सत्ता और सामाजिक एकता के बलबूते सबक सिखाया जाएगा। एक सवाल के जवाब में पंकज गोयल ने कहा कि पूरी दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सब कुछ करने का सामर्थ्य रखता है। ध्यान रखिए कि गौरवशाली सरकार बनाने से लेकर राम मंदिर तक की स्थापना का श्रेय भी इसी आरएसएस को है और भारत तिब्बत सहयोग मंच की स्थापना के पार्श्व में भी वही है इसलिए सामाजिक एकता के बल पर भी हम लगे हैं कि चीन की धृष्टता और दुष्टता खत्म की जाएगी और हम इस में सफल होंगे ।

उन्होंने कहा कि लगभग साढ़े तीन हजार किलोमीटर की भारतीय सीमा पर चीन की सेना आकर पूरे युद्ध के मूड में खड़ी हो गई है लेकिन उसे समझ लेना चाहिए। यह सन 1962 का भारत नहीं है। सारी तैयारी और मनोबल हमारी उनसे ज्यादा है। पंकज बोलते हैं कि आज देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भले ही कहा हो कि रक्षा क्षेत्र में आयुध उत्पादन में भारत आत्मनिर्भर होगा लेकिन वास्तविकता यह भी है कि हम युद्ध में भी आत्मनिर्भर हो चुके हैं। पंकज आश्वस्त करते हैं कि चीन ने छेड़ा तो पक्का है कि चीन का विनाश हो जाएगा। अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, अपने आप ही भारत का साथ देंगे क्योंकि वह ऐसा बोल चुके हैं। नेपाल का कम्युनिज्म भी इसी तीसरे विश्व युद्ध में खत्म हो जाएगा और नक्शे में पाकिस्तान ढूंढे न मिलेगा। वैसे भी दुनिया का सर्वाधिक घिनौना देश चीन अब मंगोलिया, वियतनाम, रूस, म्यांमार, भूटान, ताइवान और जापान तक से आज दुश्मनी लेकर बैठा है। ये सब उसे अपने आप सबक सिखाएंगे और कहते हैं कि जब पाप का घड़ा भर जाता है तो फूट जाता है स्मरण रहे कि वह स्थिति आज आ गई है और अब उसका घड़ा कभी भी फूट सकता है।
मंच की तैयारियों के सवाल पर पंकज गोयल ने कहा ध्यान रहे कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार जी इस मंच के मार्गदर्शक हैं। उन्हीं की अगुवाई में यह संगठन युद्ध की दशा में भारतीय सेना को मदद के लिए स्वैच्छिक सेवाएं देने को भी तैयार है।

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