भारतीय सेना और वायु सेना ने अपने हथियारों के बेड़े में ‘टैंक किलर’ को शामिल किया
एटीजीएम की ज्यादा जरूरतों को ‘मेक इन इंडिया’ प्रोजेक्ट के माध्यम से पूरा किया जाएगा
नई दिल्ली। यूक्रेन में रूस के टैंकों पर कहर बरपाने वाली एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलें (एटीजीएम) इजरायल ने भारत को सौंप दी हैं, जिन्हें भारतीय सेना और वायु सेना ने अपने हथियारों के बेड़े में शामिल किया है। इजरायल के इन हथियारों को ‘टैंक किलर’ कहा जाता है। लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम एटीजीएम की ताकत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दुश्मन की बख्तरबंद गाड़ियों को पलभर में ही तबाह कर सकती हैं। इस किलर मिसाइल के आने से चीन के खिलाफ भारत की तैयारियां और भी पुख्ता हो गई हैं। एटीजीएम की ज्यादा जरूरतों को ‘मेक इन इंडिया’ प्रोजेक्ट के माध्यम से पूरा किया जाएगा।
भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान और चीन से एक साथ ‘टू फ्रंट वार’ की तैयारी के मद्देनजर करीब दो साल पहले इजरायल से करीब 300 स्पाइस-2000 गाइडेड बम और लॉन्ग रेंज एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) के लिए 200 मिलियन डॉलर का सौदा किया था। गाइडेड स्पाइस-2000 बमों का इस्तेमाल वायुसेना पहले ही मिराज-2000 और सुखोई-30 लड़ाकू विमानों में एकीकृत करके बालाकोट एयर स्ट्राइक के समय कर चुकी है। हालांकि एक वायुसेना अधिकारी के मुताबिक फिलहाल 300 गाइडेड स्पाइस-2000 बमों की खरीद अपर्याप्त है, क्योंकि इसमें 250 बम सुखोई-30 के लिए और 50 बम मिराज-2000 के लिए होंगे। 500 किलोग्राम वजन वाले इन बमों का इस्तेमाल जगुआर और स्वदेशी तेजस से भी किया जा सकता है।
भारतीय सेना इजरायल की एंटी टैंक स्पाइक मिसाइलों को पहले ही शामिल कर चुकी है। इस मिसाइल के जरिए दुश्मन के टैंकों और बंकर को पलक झपकते ही नष्ट किया जा सकता है। ‘स्पाइक’ चौथी पीढ़ी की मिसाइल है, जो 4 किमी. की दूरी तक किसी भी लक्ष्य को भेद सकती है। इससे आतंकी ठिकानों को भी तबाह किया जा सकता है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) भी मैन-पोर्टेबल एटीजीएम बना रहा है। कंधे, गाड़ी और हेलीकॉप्टर से दागी जा सकने वाली विभिन्न प्रकार की एटीजीएम को शामिल करके सेना अपनी ताकत को बढ़ा रही है। सेना का पूरा जोर अत्याधुनिक नई जेनरेशन की एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों पर है।
पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ टकराव के बीच आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल करके दिए गए ऑर्डर पर इजरायल ने भारत को लॉन्ग रेंज एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) की आपूर्ति कर दी है। भारतीय सेना और वायु सेना ने इजरायल से मिली अत्याधुनिक एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) को शामिल कर लिया है। अब इस किलर मिसाइल के मिलने से चीन के खिलाफ भारत की तैयारियां और भी पुख्ता हो गई हैं। इमरजेंसी खरीद के तहत पांचवीं जेनरेशन की एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलों को सीमित संख्या में शामिल किया गया है। एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) की ज्यादा जरूरतों को ‘मेक इन इंडिया’ प्रोजेक्ट के माध्यम से पूरा किया जाएगा।
यूक्रेन में रूस के टैंकों पर पांचवीं जेनरेशन की इन्हीं एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलों ने कहर बरपाया है। जंग का मैदान बने यूक्रेन में इन हथियारों की ताकत दुनिया देख रही है। 24 फरवरी से शुरू हुए संघर्ष में यूक्रेनी सेना की ओर से अमेरिका की जेवलिन एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल और पश्चिम की नेक्स्ट जेनरेशन लाइट एंटी-टैंक मिसाइलें दागी जा रही हैं। इसने सैकड़ों रूसी टैंकों और बख्तरबंद गाड़ियों को मलबे में तब्दील कर दिया है। इजरायल की स्पाइक एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलें भी उतनी ही घातक और अनेक क्षमताओं से लैस हैं।