विश्व पटल पर स्थापित हो रही भारत की शक्ति : राष्ट्रपति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे सपूत पर समूचे देशवासियों को गर्व : कोविंद

अपने पैतृक गांव परौंख में जनसभा को संबोधित करते भावुक हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

सर्वोच्च संवैधानिक पद के प्रोटोकाल से अलग पीएम मोदी के लिए बने मेजबान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन को बताया गांव की मिट्टी की ताकत

कानपुर देहात। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने पैतृक गांव परौंख में शुक्रवार को देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद के प्रोटोकाल से इतर मेजबान की भूमिका में नजर आए। मौका था उनके साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उनके पैतृक गांव में आगमन और भ्रमण का। पीएम के साथ गांव में भ्रमण करने के बाद आयोजित विशेष जनसभा में राष्ट्रपति ने यहां आने के लिए प्रधानमंत्री के प्रति आभार जताया और साथ ही उनके नेतृत्व की मुक्तकंठ से सराहना की।

जनसभा में राष्ट्रपति ने गत दिनों प्रधानमंत्री के जापान दौरे पर वहां रहने वाले भारतवंशियों से संवाद के दौरान दिए गए वक्तव्य, ‘मुझे मक्खन नहीं, पत्थर पट लकीर खींचने में मजा आता है’ का उद्धरण देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे सपूत पर समूचे देशवासियों को गर्व है। आज उनके नेतृत्व में भारत की शक्ति विश्व पटल पर स्थापित हुई है। मोदी ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो देश के हर व्यक्ति के जीवन को सुखमय बनाने के लिए सदैव प्रयत्नशील रहते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर ने जिस सर्वसमावेशी और समता, समानता वाले देश-समाज जी परिकल्पना की थी, नरेंद्र मोदी उसे साकार कर रहे हैं। बाबा साहब के सपनों को साकार करने की दिशा में प्रधानमंत्री द्वारा किए जा रहे कार्य अनुकरणीय हैं।

कोविंद ने कहा कि परौंख जैसे गांव के लोगों से मिलने आना प्रधानमंत्री की उदारता और सहृदयता का द्योतक है। यह गांव की मिट्टी की ताकत है जिसने प्रधानमंत्री को यहां बुला लिया। उन्होंने कहा कि जब भी अपनी मातृभूमि पर गांव आता हूं, मातृशक्ति की आराधनावश गांव की मिट्टी को सहज ही माथे से लगा लेता हूं। हमनें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में भी मातृशक्ति के प्रति अगाध आस्था देखी है। आज हम जो भी हैं, मातृभूमि और मातृशक्ति के आशीर्वाद से हैं।

मुझे राष्ट्रपति बनाने में पीएम मोदी की पहल

जनसभा में लोगों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति पद पर अपने निर्वाचन का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया। भावुक होते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव के मुझ जैसे सामान्य व्यक्ति को देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद की जिम्मेदारी देने की पहल नरेंद्र मोदी ने ही की थी। इसके पहले कहा जाता था कि देश को नौ प्रधानमंत्री देने वाले उत्तर प्रदेश से एक भी राष्ट्रपति नहीं बने थे। राष्ट्रपति ने एक संस्मरण साझा करते हुए कहा कि करीब 50-55 साल पहले परौंख में राजनीतिज्ञ के रूप में डॉ राम मनोहर लोहिया का आगमन हुआ था, तब उन्होंने और उन जैसे अनेक ग्रामीणों ने पहली बार जीप देखी थी। आज प्रधानमंत्री के परौंख में आने से यहां के लोग दुर्लभ ऐतिहासिक घटना के साक्षी बने हैं।

पथरी माता मंदिर में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने की पूजा

अपने पैतृक गांव परौंख आगमन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संग वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूरे विधि विधान से अपनी कुलदेवी पथरी माता मंदिर में पूजा-अर्चना की। उनके साथ देश की प्रथम महिला सविता कोविंद, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मंदिर में पूजा अर्चना की। इस दौरान राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने कुछ क्षण मंदिर में व्यतीत कर पुजारी से बातचीत भी की। पुजारी ने उन्हें प्रसाद भेंट किया। मंदिर में राष्ट्रपति कोविंद ने पीएम मोदी को इस मंदिर से जुड़ी अपनी यादें भी सुनाईं। मंदिर में दर्शन पूजन करने के बाद राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने वहां उनके स्वागत के लिए मौजूद ग्रामीणों से मुलाकात की। इनमें बच्चों की सर्वाधिक भागीदारी थी। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने आत्मीय अंदाज में उनसे बातचीत की, कुशलक्षेम जाना और खूब पढ़ने-आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री ने

राष्ट्रपति कोविंद और प्रधानमंत्री मोदी ने परौंख स्थित डॉ. बीआर अंबेडकर भवन पर बाबा साहब की प्रतिमा पर पुष्पार्चन कर उन्हें भावांजलि अर्पित की। दोनों कुछ देर तक श्रद्धावनत होकर बाबा साहब की प्रतिमा को निहारते रहे। राष्ट्रपति की पत्नी सविता कोविंद, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बाबा साहब की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।

पीएम संग पैतृक आवास ‘मिलन केंद्र’ पहुंचे राष्ट्रपति, राज्यपाल व सीएम भी रहे मौजूद

पथरी माता मंदिर में दर्शन-पूजन तथा बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा समक्ष श्रद्धा निवेदित करने के उपरांत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने पैतृक आवास ‘मिलन केंद्र’ पहुंचे। राष्ट्रपति के इस पैतृक आवास को सार्वजनिक/सामाजिक कार्यक्रमों के लिए दान कर दिया गया है। मिलन केंद्र में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर आत्मनिर्भरता की डगर पर चल पड़ी महिलाओं से मुलाकात की। उनके काम के बारे में जाना और उनका उत्साहवर्धन करते हुए उनके साथ फोटो खिंचवाई। ये महिलाएं राष्ट्रपति व पीएम से मिलकर और उनसे संवाद कर आह्लादित थीं। समूह की महिलाओं ने खुद द्वारा बनाए गए उत्पाद राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेंट किए। इस दौरान राज्यपाल और मुख्यमंत्री भी मौजूद रहे।

प्रदर्शनी का भी किया अवलोकन, सेल्फी पॉइंट पर खिंचवाई फ़ोटो

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ परौंख गांव में लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। इस प्रदर्शनी के जरिए यह दर्शाया गया था कि केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ कैसे परौंख गांव को मिला है। खासकर कृषि की योजनाओं और ओडीओपी से। प्रदर्शनी स्थल पर लाल भिंडी की खेती को लेकर प्रदर्शित स्टॉल के पास राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री ने कुछ देर चर्चा भी की। प्रदर्शनी के अवलोकन के उपरांत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने ‘मेरा परौंख, मेरी धरोहर’ सेल्फी प्वाइंट के पास फोटो भी खिंचवाई।

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