शहजाद अंसारी

बिजनौर। जिलाधिकारी रमाकान्त पाण्डेय ने स्पष्ट रूप से कहा कि जिले में कन्या भूण चिन्हिकरण कार्य नहीं होने दिया जाएगा और जिस किसी भी अल्ट्रासाउण्ड सैन्टर पर इस प्रकार की कोई शिकायत प्राप्त होती है और निरीक्षण के बाद सही पायी जाती है तो केन्द्र को बन्द करा कर उसके संचालक के विरूद्व कड़ी कानूनी कार्यवाही अमल में लायी जाएगी। उन्होंने नोडल अधिकारी पीसीपीएनडीटी को निर्देश दिये कि अल्ट्रासाउण्ड सैन्टर्स का निरीक्षण करना सुनिश्चित करें और नए अल्ट्रासाउण्ड केन्द्र एवं नीवनीकरण की अनुमति तभी दी जाए, जब संबंधित अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों मंे सभी औपचारिकताएं पूरी पाई जाएं।
जिलाधिकारी रमाकान्त पाण्डेय बुधवार को कलैक्ट्रेट स्थित अपने कार्यालय कक्ष में पीसीपीएनडीटी से संबंधित समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारे देश और जिले में लिंग अनुपात में भारी अन्तर का होना एक गम्भीर एवं चिंताजनक समस्या है। उन्होंने कहा कि इस समस्या का समाधान केवल बैठकों से ही सम्भव नहीं है, बल्कि जन सामान्य को लिंग अनुपात के संकट के प्रति जागरूक करना आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। उन्होनंे निर्देश दिए कि जिले में अल्ट्रासाउण्ड सेन्टर्स और नीवनीकरण होने वाले मामलों में पूरी छानबीन करने के बाद ही उन्हें अनुमति प्रदान की जाए और हर सेन्टर पर कन्या भूर्ण हत्या से संबंधित कानूनी जानकारी पर आधारित स्पष्ट शब्दों में बोर्ड अथवा दीवार पर आईसी मेटीरियल लिखवाना और अल्ट्रासाउण्ड कक्ष में सीसीटीवी केमरों की स्थापना को अनिवार्य किया जाए, उसके बाद ही अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों के नवीनीकरण आदि की अनुमति दी जाए। उन्हेांने कड़े निर्देश दिये कि कन्या भूर्ण चिन्हिकरण करने वाले किसी भी सेन्टर एवं संचालक पर सख्त कानूनी कार्यवाही अमल में लायें चाहे वह व्यक्ति कितना ही प्रभावशाली या बलशाली हो, तभी इस कानून का औचित्य सिद्व हो सकता है। मीटिंग के दौरान जिलाधिकारी द्वारा सर्वसम्मति से 06 नवीनीकरण को नवीनीकरण की स्वीकृति प्रदान की गयी तथा चिकित्सक परिर्वतन के एक मामले की स्वीकृति प्रदान की गई। इस अवसर पर उपजिलाधिकारी संगीता, नोडल अधिकारी पीसीपीएनडीटी डा0 एस0के0निगम, मुख्य चिकित्साधीक्षिका, बेसिक शिक्षा अधिकारी सहित समिति के अन्य सदस्य मौजूद थे।










