
भास्कर ब्यूरो वाराणसी। शनिवार को तीन दिवसीय आॅनलाइन अंतर्राष्ट्रीय मेरठ लिटरेरी फेस्टिवल के उद्घाटन समारोह में प्रसिद्ध साहित्यकार और काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर वशिष्ठ अनूप ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि एक इतिहास होता है, एक साहित्य का इतिहास होता है किंतु साहित्य में भी इतिहास होता है जो ज्यादा विश्वसनीय होता है। सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक घटनाएँ जब साहित्यिक विधाओं में दर्ज हो जाती हैं, तो दीर्घजीवी और कालजयी हो जाती हैं। अच्छा साहित्य स्वस्थ मनोरंजन के साथ ही श्रेष्ठ व प्रेरक संदेश भी देता है। उन्होंने कहा कि ऐसे में जब नयी पीढ़ी साहित्य से विमुख हो रही है, इन साहित्यिक आयोजनों का महत्व बढ़ जाता है।
अध्यक्षता वरिष्ठ कवि डा योगेन्द्रनाथ शर्मा अरुण ने तथा संचालन डा रामगोपाल भारतीय ने की। डाॅ विजय पंडित, प्रो गोपाल शर्मा, डाॅ कपिल कुमार, डाॅ विदुषी शर्मा, डाॅ नीलिमा शर्मा, डा सरोजिनी पांडेय तनहा, पूनम पंडित, सागर त्रिपाठी, घनश्याम परिश्रमी, गणेश प्रसाद लाठ,चंद्रशेखर शास्त्री, राधेश्याम लोकाली आदि साहित्यकारों ने इस सत्र में भागीदारी की। इसमें लगभग दस देशों के रचनाकार शामिल थे।











