‘सम्मान दिवस रैली’ में BJP विरोधी नेताओं को चौटाला का न्योता, CM नीतीश भी होंगे शामिल

देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल की 109 वीं जयंती पर आज हरियाणा के फतेहाबाद में ‘सम्मान दिवस रैली’ होने वाली है। इसमें बिहार के CM नीतीश कुमार और डिप्टी CM तेजस्वी शामिल होंगे। हरियाणा के पूर्व CM ओमप्रकाश चौटाला ने नीतीश सहित 10 बड़े राज्यों के भाजपा विरोधी नेताओं को रैली का निमंत्रण दिया है। ऐसे में यह देखना अहम है कि क्या नीतीश मोदी के खिलाफ मोर्चाबंदी कर पाएंगे।

इस रैली में शामिल होने के बाद नीतीश दिल्ली लौटेंगे। फिर लालू यादव के साथ सोनिया गांधी से मुलाकात करने उनके आवास पहुंचेंगे। शाम 6 बजे होने वाली मुलाकात में तेजस्वी यादव भी शामिल रहेंगे। लालू- नीतीश और सोनिया की मुलाकात भाजपा विरोधी पार्टियों को एकजुट करने के लिए होगी। नीतीश इन पार्टियों को साथ लेकर कर 500 सीटों पर BJP को सीधी टक्कर देना चाहते हैं।

अमित शाह ने बिहार में चुनावी बिगुल फूंका

नीतीश विपक्ष को एकजुट करने में जुटे हैं। उधर, अमित शाह ने दो दिन पहले ही बिहार का दौरा कर चुनावी बिगुल फूंक दिया। पूर्णियां जिले में एक रैली मे शाह ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बिहार की जनता लालू-नीतीश की जोड़ी का सफाया कर देगी। 2025 में भी भाजपा पूर्ण बहुमत से बिहार में सरकार बनाएगी।

शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के लिए RJD और कांग्रेस की गोदी में नीतीश बैठ गए। नीतीश कुमार ने जॉर्ज फर्नाडिस के साथ भी धोखा दिया। मांझी के साथ धोखा किया। अब BJP को धोखा देकर लालू के पास चले गए। ये धोखा मोदी जी के साथ नहीं हुआ है। बिहार की जनता के साथ हुआ है।

ओम प्रकाश चौटाला से मुलाकात की वजह

नीतीश ने शिक्षक भर्ती घोटाले में सजा काटकर जेल से बाहर आए हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला से इसी महीने मुलाकात की थी। चौटाला की पार्टी इनेलो हरियाणा की क्षेत्रीय पार्टी है, जहां लोकसभा की 10 सीटें हैं। चौटाला की गिनती बड़े जाट नेताओं में होती है। हरियाणा के साथ-साथ पश्चिमी यूपी की भी 5 से ज्यादा सीटों पर जाट वोटर्स का असर है।

कांग्रेस का साथ सबसे अहम

नीतीश कुमार ने इस महीने दिल्ली दौरे पर सबसे पहले राहुल गांधी से मुलाकात की थी। कांग्रेस वर्तमान में लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी है। 2019 में कांग्रेस को 52 सीटों पर जीत मिली, जबकि 210 सीटों पर पार्टी दूसरे नंबर पर रही। यानी कुल 262 सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस भाजपा से सीधे मुकाबले में थी

500 से ज्यादा सीटों पर सीधी लड़ाई की तैयारी, दक्षिण से उत्तर तक घेराबंदी

नीतीश अगर विपक्ष को एकजुट करने में सफल रहते हैं, और सभी दल एकजुट हो गए तो आगामी लोकसभा चुनाव में 500 से ज्यादा सीटों पर भाजपा से सीधी लड़ाई होगी। जिन दलों से नीतीश संपर्क साध रहे हैं, वे सभी दल दक्षिण से लेकर उत्तर भारत तक प्रभावी हैं।

रूरल एरिया पर ज्यादा फोकस, रणनीति सफल रही तो भाजपा को नुकसान संभव

देश के रूरल एरिया में लोकसभा की कुल 353 सीटे हैं, जिसमें 2019 में भाजपा को 207 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं कांग्रेस और अन्य के खाते में 126 सीटें गई थीं। सूत्रों के मुताबिक नीतीश और गठबंधन का पूरा फोकस इन रूरल एरिया पर है। यहां पर 2014 और 2009 के मुकाबले भाजपा सबसे ज्यादा कमजोर थी।

2009 में भाजपा को रूरल एरिया में सिर्फ 77 सीटों पर जीत मिली थी। जो 2014 में बढ़कर 190 और 2019 में 207 पर पहुंच गई। वहीं सेमी अर्बन की बात करें तो यहां 2009 में भाजपा को 20 सीटें मिली थीं, जबकि 2014 में यह बढ़कर 53 और 2019 में 58 पर पहुंच गई।

हाइली अर्बन यानी उच्च शहरी एरिया की बात करे तो यहां 2009 में भाजपा के पास 20 सीटें थीं, जो 2014 और 2019 में बढ़कर 40-40 सीटों पर पहुंच गई।