गुजरात टाइटंस को फाइनल में पहुंचाकर टीम के कप्तान हार्दिक पांड्या ने एक बड़ा बयान दिया है। हार्दिक पांड्या का कहना है कि उनका नाम बिकता है। हार्दिक पांड्या ने कहा, ‘लोग तो बातें करेंगे ही। यह उनका काम है। मैं कुछ नहीं कर सकता। हार्दिक पंड्या का नाम हमेशा बिकता है और मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं है। मैं मुस्कुराकर इसका सामना करता हूं। ’
टीम इंडिया में हार्दिक पांड्या की वापसी
हार्दिक ने भारत के लिए आखिरी मैच आठ नवंबर, 2021 को दुबई में टी-20 विश्व कप में नामीबिया के खिलाफ खेला था। उसके बाद से कमर के ऑपरेशन के कारण गेंदबाजी में जूझते नजर आए। मुंबई इंडियंस से रिलीज होने के बाद IPL सत्र से पहले मेगा नीलामी में गुजरात ने उन्हें 15 करोड़ रूपये में खरीदा।
उन्हें कप्तानी दिए जाने पर भी सवाल उठे थे, लेकिन अपने ‘मेंटर’ एम एस धोनी की तरह ‘ कैप्टन कूल’ पंड्या ने आलोचकों को अपने प्रदर्शन से जवाब दिया। हार्दिक ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाली टी-20 सीरीज के लिए टीम इंडिया में कम बैक किया है।
‘माही भाई ने मेरे जीवन में बड़ी भूमिका निभाई- हार्दिक
उन्होंने कहा, ‘माही भाई ने मेरे जीवन में बड़ी भूमिका निभाई है। वह मेरे लिए भाई, दोस्त और परिवार की तरह हैं। मैने उनसे काफी अच्छी बातें सीखीं। व्यक्तिगत रूप से मजबूत रहकर ही मैं इन सब चीजों का सामना कर सका।’ इस सत्र में पंड्या ने 45 से अधिक की औसत से 453 रन बनाए हैं और उनका स्ट्राइक रेट 132 . 84 का रहा है। उन्होंने 7.73 की इकॉनामी से पांच विकेट लिए हैं।
मिलर से काफी कुछ सीख चुके हैं हार्दिक
हार्दिक ने कहा, ‘सभी 23 खिलाड़ी अपनी अलग खासियत रखते हैं और साथ में अलग-अलग अनुभव शेयर करते हैं। मैंने डेविड मिलर से कहा था कि यदि आपके आस पास अच्छे लोग होते हैं, तो आपको भी अच्छा महसूस होता है। यही वजह भी है कि हम शानदार प्रदर्शन कर पा रहे हैं और फाइनल खेलेंगे। हमें खेल की इज्जत करनी चाहिए। राशिद खान एक बेहतरीन क्रिकेटर और इंसान हैं, पर मुझे मिलर को खेलते देख शानदार लगा। ‘
हर खिलाड़ी को मैच में मिलना चाहिए योगदान
गुजरात के कप्तान ने कहा, ‘मैं टीम की जरूरत के हिसाब से बैटिंग करता हूं। अपनी पोजिशन क्या है, इससे फर्क नहीं पड़ता। हर प्लेयर को मैच में योगदान देना चाहिए। ग्रुप स्टेज में हमने मुंबई के खिलाफ कुछ गलतियां की थीं, जिसे हम दोहराना नहीं चाहते। एक खिलाड़ी को मोटिवेट करना चाहता हूं। हम यह मैच फिनिश करना चाहते थे। मैं हर एक खिलाड़ी को मोटिवेट करना चाहता था और यह बताना चाहता था कि हर खिलाड़ी योगदान दे, चाहे 10, 15 या 20 रन ही क्यों ना बनाए।’