शहजाद अंसारी
बिजनौर। आईपीएस के नाम पर सिपाही द्वारा सटटेबाज से देसी मुर्गो की डिमांड का मांमला हर रोज चर्चाओं का विषय बना हुआ है। चुनाव डयूटी करने के बावजूद सिपाही के खिलाफ गैरहाजिर रहने का मुकदमा के बाद आईपीएस द्वारा उत्पीडन के शिकार सिपाही की हालत बिगड गई है। सिपाही का मेरठ के अस्पताल में इलाज चल रहा है। उधर सिपाही व उसके परिवार ने एसपी बिजनौर सहित पुलिस के आला अधिकारियों को पत्र भेजकर आईपीएस के आतंक से निजात दिलाने के साथ साथ न्याय की गुहार लगाई है।
जनपद बिजनौर के नगीना थाने की कमान आजकल ट्रेनी आईपीएस सत्यजीत गुप्ता ने संभाल रखी अपने कम समय की ट्रेनिंग में उन्होंने जहां अपराधों व अपराधियों पर लगाम कसने के बजाय अपने अक्खड़ स्वभाव से आम लोगों को तंग करने में नाम कमाया वहीं एक ऑडियो वायरल होने से उनकी पोल खुल गयी जिसमें थाने के सिपाही बालिस्टर मलिक द्वारा नगर के सट्टेबाज शमसाद से आईपीएस साहब और उनके मेहमानों के लिए चार देसी मुर्गों की डिमांड की गई थी।
पुलिस की हो रही किरकिरी व अपनी पोल खुलने की फजीहत बचाने के लिए असली मामले को हजम करते हुए ट्रेनी आईपीएस सत्यजीत गुप्ता ने जनपद हरदोई, बाराबंकी व आजमगढ लोकसभा चुनाव ड्यूटी पर मुस्तैद सिपाही बालिस्टर के खिलाफ बीती 10 मई को चुनाव ड्यूटी में गैरहाजिर रहने की नगीना थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी थी। चुनाव ड्यूटी से वापिस आये झूठी रिपोर्ट से हैरान परेशान सिपाही ने 14 मई को पुलिस लाइन में आमद दर्ज कराने के बाद शाम को नगीना थाने में अपना शस्त्र जमा करके अपनी तबियत खराब होने की बात कहते हुए छुट्टी मांगी तो ट्रेनी आईपीएस सत्यजीत गुप्ता ने जमकर हड़काते हुए छुटटी देने से साफ मना कर दिया जिसके बाद सिपाही की हालत बिगड़ गई। साथी पुलिसकर्मियों ने 15 मई की रात्रि लगभग दो बजे उसे सीएचसी नगीना पहुंचाया जहां उसकी हालत बिगड़ती देख उसे पहले जिला अस्पताल फिर सरदार वल्लभभाई पटेल हायर सेंटर मेरठ रेफर कर दिया गया है जहां सिपाही का उपचार चल रहा है।
सिपाही की हालत बिगडने की खबर को पुलिस ने पिछले तीन दिनो से दबाए रखा लेकिन फिर भी कामयाबी नही मिली। इस पूरे प्रकरण से ट्रेनी आईपीएस के साथ साथ पूरे पुलिस महकमे की भी ट्रेनी आईपीएस सत्यजीत गुप्ता की इस हरकत से किरकिरी हुई है। उधर सिपाही व उसके परिवार ने एसपी बिजनौर संजीव त्यागी सहित पुलिस के आला अधिकारियों को पत्र भेजकर आईपीएस सत्यजीत गुप्ता के आतंक से निजात दिलाने के साथ साथ न्याय की गुहार लगाई है। वहीं अधिकारियों ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है। अब देखना यह है कि इस मामले में उच्चाधिकारी क्या कार्यवाही करते हैं।
( फोटो बिजनौर 01 )