ट्यूमर और आंतों के इन्फेक्शन से जूझ रहे थे इरफान खान; चार दिन पहले जयपुर में मां का इंतकाल हुआ था

मुंबई. आंखों से अदाकारी में माहिर और अलग तरह की डायलॉग डिलिवरी के लिए पहचाने जाने वाले इरफान खान नहीं रहे। बुधवार को मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में उनका निधन हो गया। 54 साल के इरफान अपने घर में बाथरूम में गिर गए थे। इसके बाद एक हफ्ते से अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थे। उन्हें ब्रेन ट्यूमर था और उनकी कोलन इंफेक्शन की समस्या बढ़ गई थी। बीते शनिवार को ही उनकी मां सईदा बेगम का इंतकाल हो गया था। वे 95 साल की थीं और जयपुर में रहती थीं। लॉकडाउन और खुद की तबीयत खराब होने के कारण इरफान मां के जनाजे में शामिल नहीं हो पाए थे। उन्होंने वीडियो कॉल के जरिए मां को आखिरी विदाई दी थी।

सबसे पहले फिल्मकार शूजीत सरकार ने सुबह 11:36 बजे ट्वीट किया

https://twitter.com/ShoojitSircar/status/1255377784773410818

इरफान ने ट्यूमर का लंदन में इलाज कराया था
इरफान को न्यूरोइंडोक्राइन ट्यूमर हुआ था। मार्च 2018 में इरफान को अपनी बीमारी का पता चला था। उन्होंने खुद फैंस के साथ यह खबर साझा की थी। इसका उन्होंने लंदन में इलाज कराया था। वे अप्रैल 2019 में ही भारत लौटे थे। लौटने के बाद इरफान ने ‘अंग्रेजी मीडियम’ फिल्म की शूटिंग शुरू की थी। यह फिल्म बीते मार्च में रिलीज हुई।

राजस्थान के रहने वाले इरफान एनएसडी के स्टूडेंट थे
इरफान के परिवार में पत्नी सुतापा देवेंद्र सिकदर और दो बेटे बाबिल और अयान हैं। इरफान खान टोंक के नवाबी खानदान से ताल्लुक रखते हैं। उनका बचपन भी टोंक में ही गुजरा। उनके माता-पिता टोंक के ही रहने वाले थे। 7 जनवरी 1967 को जन्मे इरफान का पूरा नाम साहबजादे इरफान अली खान था। वे एक्टिंग में बाय चांस आ गए। वे क्रिकेटर बनना चाहते थे। लेकिन उनके पिता चाहते थे कि वे फैमिली बिजनेस संभालें। हालांकि, इरफान को नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में जाने का मौका मिल गया और यहीं से उनका एक्टिंग करियर शुरू हुआ। छोटे पर्दे पर उनकी शुरुआत ‘श्रीकांत’ और ‘भारत एक खोज’ से हुई।

मकबूल, लंच बॉक्स, पीकू, पान सिंह तोमर ने उन्हें अलग पहचान दिलाई
1988 में आई मीरा नायर की फिल्म ‘सलाम बॉम्बे’ से इरफान ने शुरुआत की थी। बाद में उन्होंने ‘मकबूल’, ‘लाइफ इन अ मेट्रो’, ‘द लंच बॉक्स’, ‘पीकू’, ‘तलवार’ और ‘हिंदी मीडियम’ जैसी फिल्मों में काम किया। उन्हें ‘हासिल’ (निगेटिव रोल), ‘लाइफ इन अ मेट्रो’ (बेस्ट एक्टर), ‘पान सिंह तोमर’ (बेस्ट एक्टर क्रिटिक) और ‘हिंदी मीडियम’ (बेस्ट एक्टर) के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला।

अमिताभ ने कहा- यह बेहद परेशान कर देने वाली खबर है

जावेद अख्तर ने कहा- इरफान की अदायगी एक करिश्मा है
जावेद अख्तर ने बताया कि इरफान से आखिरी बार लंदन में मुलाकात हुई थी। शेर-ओ-शायरी की बातें हुईं। उन्होंने कहा था कि जल्द लौटेंगे तो फिर इत्मीनान से बात होगी। उनकी अदायगी एक करिश्मा है। बीमारी के दौरान भी काम करते रहे, ये जज्बा था उनमें।

अनुपम खेर ने कहा- इरफान सबसे बेहतरीन एक्टरों में शामिल थे

बता दे एक्टर इरफान खान (Irrfan Khan) ने मौत को कई बार चकमा देने की कोशिश की और वापस अपने फिल्मों में काम करने शुरू कर दिया था.  हालांकि, इस बार इरफान ऐसा करने में असफल रहे. एक्टर के निधन पर उनके फैन्स काफी सदमे में हैं. बता दें, एक्टर इरफान खान ने अपने 30 साल के फिल्मी किरयर में 50 से अधिक हिंदी फिल्मों में काम किया है. एक्टर ने टेलीविजन से अपने करियर की शुरुआत की थी. उन्होंने दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रम ‘चाणक्य’, ‘भारत एक खोज’ और ‘चंद्रकांता’ जैसे सुपरहिट धारावाहिकों में काम किया था. स्टार प्लस पर प्रसारित होने वाले ‘डर’ सीरियल में इरफान खान मुख्य विलेन के किरदार में नजर आए थे.

साल 1990 में एक्टर इरफान खान (Irrfan Khan) ने बड़े पर्दे पर अपना डेब्यू किया था. इरफान खान ‘एक डॉक्टर की मौत’ और ‘सच ए लौंग जर्नी’ में नजर आए थे. हालांकि, इन फिल्मों से एक्टर को कोई पहचान नहीं मिली. साल 2005 में उन्होंने फिल्म ‘रोग’ में मुख्य किरदार निभाया था. फिल्म का उनका किरदार क्रिटिक्स को काफी पसंद भी आया था. इसके बाद एक्टर ने कई सुपरहिट फिल्मों में मुख्य किरदार निभाया था. आखिरी बार एक्टर फिल्म ‘अंग्रेजी मीडियम’ में नजर आए थे.

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