क्या यूक्रेन से अनाज चुराकर बेच रहा है रूस, जानिए अन्य देशों का क्या कहना है?

पिछले 100 से अधिक दिन से रूस के हमलों को झेल रहे यूक्रेन ने अब रूस पर उसके यहां से अनाज चुरा कर बेचने का आरोप लगाया है। रूस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए अनाज चुराने से इनकार किया है।
यू्क्रेन ने ये आरोप ऐसे समय पर लगाया है जब उसके अनाज निर्यात न कर पाने के कारण दुनियाभर में अनाज का संकट छाने की आशंका है।
ये पूरा मामला क्या है, आइए आपको विस्तार से बताते हैं।

यूक्रेन ने क्या आरोप लगाए हैं?

यूक्रेन के अधिकारियों ने रूस पर उसके कब्जे वाले यूक्रेनी इलाकों से लाखों टन अनाज चुराने का आरोप लगाया है। यूक्रेन के कृषि मंत्री मायकोला सोल्स्की ने भी इन आरोपों की पुष्टि की है।
तुर्की में यूक्रेन के राजदूत वासिल बोदनार के अनुसार, रूस इस चुराए हुए अनाज को अपने कब्जे वाले क्रीमिया से बाहर भेज रहा है।
विभिन्न रिपोर्ट्स के अनुसार, रूस ये अनाज तुर्की के अलावा पश्चिम एशिया और अफ्रीका के कई देशों को बेच रहा है।

रूस का आरोपों पर क्या कहना है?

रूस ने अनाज चुराने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उसे नहीं पता कि यूक्रेन के पास ये जानकारी कहां से आ रही है।
बुधवार को तुर्की के दौरे के दौरान जब यूक्रेन के एक पत्रकार ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से इस संबंध में सवाल पूछा तो उन्होंने कहा, “हम अनाज (के निर्यात) में बाधा नहीं डाल रहे हैं। इन्हें बंदरगाहों से बाहर भेजने के लिए बस जेलेंस्की को आदेश देना है।”

रूस का यूक्रेन पर काला सागर पर बारूदी सुरंगें बिछाने का आरोप

लावरोव अपने इस बयान में यूक्रेन द्वारा काला सागर में बिछाई गई बारूदी सुरंगों की तरफ इशारा कर रहे थे जिनके कारण उसके बंदरगाहों से अनाज बाहर निर्यात नहीं हो पा रहा है।
रूस का कहना है कि इन सुरंगों को हटाने की जिम्मेदारी यूक्रेन की है और जेलेंस्की पर समस्या को सिरे से खारिज करने का आरोप लगाया है।
यूक्रेन ने शहरों पर रूस के हमले के खतरे का हवाला देते हुए सुरंगों को हटाने से इनकार किया है।

अन्य देशों का क्या कहना है?

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन कह चुके हैं कि अमेरिका का मानता है कि रूस यूक्रेनी अनाज चुरा और बेच रहा है। उन्होंने कहा कि इन आरोपों की पुष्टि करने वाली कई विश्वसनीय रिपोर्ट्स हैं।
यूनाइटेड किंगडम (UK) ने मामले में तत्काल जांच की मांग की है, वहीं तुर्की ने यूक्रेन को मदद का आश्वासन दिया है। संयुक्त राष्ट्र (UN) ऐसी डील कराने की कोशिश कर रहा है जिससे यूक्रेन के ओदेसा बंदरगाह से अनाज का निर्यात हो सके।

क्यों अहम है ये मुद्दा?

रूस और यूक्रेन दुनिया के सबसे बड़े अनाज निर्यातक देशों में शामिल हैं। गेंहू की वैश्विक सप्लाई का एक-तिहाई हिस्सा इन दोनों देशों से आता है। यहां से निर्यात कम होने का असर पूरी दुनिया पर पड़ता है।
अभी युद्ध के कारण यूक्रेनी निर्यात बंद होने से दुनियाभर में अनाज की कीमतें आसमान पर हैं। इसके कारण गरीबी देशों में खाद्य संकट पैदा होने का खतरा है।
भारत के गेंहू का निर्यात बंद करने से स्थिति और खराब हुई है।

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