इस्लामाबाद: आईएसआई, पूरा नाम इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस, पहचान- पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी। अंग्रेजी के तीन अक्षरों में सिमटे इस नाम का चेहरा दागदार है। दागदार इसलिए इसके अधिकारी और कर्मचारियों का मकसद कभी नेक नहीं रहा है। ये सवाल उठ सकता है कि खुफिया एजेंसियों का काम को विरोधी देशों के खिलाफ सुचनाएं इकठ्ठा करना होता है। ये बात सही है। लेकिन पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई, अफगानिस्तान और भारत में क्या कुछ कर रही है वो जगजाहिर है।
पाकिस्तान के रावलपिंडी शहर को कौन नहीं जानता है
ये शहर ऐतिहासिक है जिसकी अपनी विरासत है। लेकिन रावलपिंडी शहर में शनिवार को जो कुछ हुआ वो अविस्मरणीय पल के तौर पर याद किया जाएगा। रावलपिंडी शहर में पाक सेना के मुख्यालय के बाहर का दृश्य अपने आप में अलग अनुभव देने वाला था। लोग सड़कों पर उतरे थे, कुछ कतारबद्ध थे तो कुछ लाइन तोड़कर एक दूसरे से आगे निकल रहे थे।
#WATCH 'ISI Murdabad' slogans raised outside Pakistan Army Headquarters (GHQ) in Rawalpindi yesterday pic.twitter.com/jdWn0fVTnc
— ANI (@ANI) July 22, 2018
लोगों के चेहरे पर गुस्से का भाव था तो आवाज में खनक थी
एक ऐसी ताकत के खिलाफ वो आवाज उठा रहे थे जिसके बारे में भारत के पड़ोसी देश हमेशा कहते रहे हैं कि वो संस्था दक्षिण एशिया के मुल्कों के लिए खतरा बन चुकी है। जी हां पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के खिलाफ लोगों की आवाज बुलंद थी। रावलपिंडी की सड़क पर वहां की फिजां में आईएसआई के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी हुई। लोग ऊंची आवाज में आईएसआई मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे तो इसके साथ ही गुस्से में भरे लोगों कहते रहे है कि ये जो दहशतगर्दी है उसके पीछे वर्दी है।
बता दें कि पाकिस्तान में 25 जुलाई को आम चुनाव होने जा रहा है और वहां कि सियासत में आईएसआई की भूमिका महत्वपूर्ण बतायी जा रही है। चुनाव से पहले इस तरह की जानकारी सामने आ रही है कि इमरान खान की अगुवाई वाली पाकिस्तान तहरीक-इ-इंसाफ पार्टी को सेना और आईएसआई परोक्ष तौर पर समर्थन कर रही है।