बेरूत। हिजबुल्लाह के उप प्रमुख ने शुक्रवार को कहा कि शक्तिशाली ईरान समर्थित समूह तैयार है और अपनी योजना के अनुसार इजरायल के खिलाफ टकराव में योगदान देगा। हालांकि, विदेशी शक्तियां उन्हें किनारे रहने को कह रही है, हिजबुल्लाह ने सामने आने का फैसला किया।
हिजबुल्लाह के उप प्रमुख शेख नईम कासिम ने कहा कि प्रमुख शक्तियों, अरब देशों और संयुक्त राष्ट्र ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हिजबुल्लाह को इजरायल और हमास के बीच चल रही लड़ाई में हस्तक्षेप न करने के लिए कहा था।
खुले तौर पर हमास का समर्थन
इजरायल पर हमास के बाद लेबनान ने भी मोर्टार हमले किए। जवाबी कार्रवाई में इजरायल ने ईरानी समर्थित हिजबुल्लाह मिलिशिया की चौकी पर भी हमला किए। जिसमें अब तक हिजबुल्लाह के कई सदस्य मारे जा चुके हैं। दरअसल, हिजबुल्लाह ने खुले तौर पर हमास को समर्थन देने की बात कही थी।
एक बयान में उन्होंने हमले की सराहना करते हुए कहा कि हमारी बंदूकें और रॉकेट सब आपके साथ है। फलस्तीनी लड़ाकों के साथ एकजुटता दिखाते हुए बेरूत के बाहरी इलाके में हिजबुल्लाह के गढ़ दहिह में एक कार्यक्रम में वरिष्ठ हिजबुल्लाह अधिकारी हाशम सफीदीन ने कहा था, “हमारा इतिहास, हमारी बंदूकें और हमारे रॉकेट आपके साथ हैं।”
2006 में भिड़ा था इजरायल और हिजबुल्लाह
मालूम हो कि हिजबुल्लाह ने 2006 में इजराइल के साथ युद्ध किया था और उसके बाद से लगातार तनाव बढ़ता गया है। हमास नेता इस्माइल हानियेह ने कहा कि गाजा में शुरू हुआ हमला वेस्ट बैंक और यरुशलम तक फैल जाएगा। 2007 में हमास द्वारा इस क्षेत्र पर कब्जा करने के बाद से गजावासी 16 वर्षों से इजरायली नाकेबंदी के तहत रह रहे हैं।
इजरायल से हिजबुल्लाह की दुश्मनी
हिजबुल्लाह का सबसे बड़ा दुश्मन इजरायल है। इस दुश्मनी का इतिहास 1978 से चला आ रहा है। दरअसल, दक्षिणी लेबनान पर इजरायल के कब्जे के वक्त से दोनों के बीच दुश्मनी है। हिजबुल्लाह को विदेशों में यहूदी और इजरायली ठिकानों पर हमलों के लिए दोषी भी ठहराया जा चुका है।