नई दिल्ली। पिछले 12 दिनों से इजराइल और हमास के बीच जारी युद्ध रुकने के बजाए और खतरनाक होता जा रहा है। 7 अक्टूबर को इजराइल पर हमास द्वारा किए गए हमले के बाद से ही इजराइली सेना गाजा पट्टी में हमास के ठिकानों को रॉकेट और बम से तबाह कर रही है। इस बीच, युद्ध में इजराइल को अमेरिका और ब्रिटेन जैसे कई ताकतवर देशों का साथ मिला है। जिसके बाद उसके इरादे और भी ज्यादा पक्के हो गए हैं। यही वजह है कि इजराइल गाजा पट्टी से हमास को खत्म करने की जिद पर अड़ा हुआ है और कई मिसाइलें दाग रहा है। बता दें, इस युद्ध में इजरायल-हमास ने एक दूसरे पर ज्यादातर हमले रॉकेट दाग कर किए हैं। हालांकि, अब खबर यह है कि इजराइल सेना गाजा पट्टी पर ‘जमीनी हमला’ करने की रणनीति अपनाने में जुट गई है। इसके लिए गुरुवार को इजराइली सेना द्वारा दक्षिणी इजराइल-गाजा बॉर्डर पर सैकड़ों टैंकों की तैनाती कर दी गई है। सूत्रों के अनुसार, इजराइली सेना आधिकारिक तौर पर राजनीतिक और सेना के उच्च अधिकारियों से आदेश मिलने का इंतजार कर रही है। जिसके बाद सेना अपनी रणनीति के अनुसार युद्ध को अंजाम देगी।
सूत्रों के अनुसार, इजराइल ने अपने कई सैनिकों को टैंक और बख्तरबंद वाहनों को गाजा पट्टी बॉर्डर पर तैनात कर दिया है। युद्ध में इजराइली सेना द्वारा की जा रही तैयारियों से ऐसा प्रतीत होता है कि गाजा पर किसी भी वक्त हमला हो सकता है। कयास लगाए जा रहे हैं कि जमीनी हमले की शुरुआत हो गई है। वहीं, इजरायल के रक्षा बल (आईडीएफ) की बात करें तो उन्होंने कहा है कि लेबनानी क्षेत्र की ओर से छोड़े गए नौ रॉकेटों में चार रॉकेटों को ध्वस्त किया जा चुका है। इसके अलावा हमले के लिए लेबनान से इजराइली सेना पर कई एंटी टैंक मिसाइलें भी छोड़ी जा चुकी हैं।
युद्ध का हवाला देते हुए आईडीएफ ने बताया कि सेना ने अपने जवाबी हमले में लेबनान के उसी स्थान पर अटैक किया, जहां से इजराइली सेना पर रॉकेट बरसाए गए थे। साथ ही, उस टैंक पर भी अटैक किया, जिसे हिजबुल्लाह आतंकवादी बुनियादी ढांचे पर आसमानी हमला किया था। आईडीएफ ने कहा कि उनकी सेना ने एक आतंकवादी सेल को मार गिराने के लिए अपने यूएवी (मानवरहित हवाई वाहन) का प्रयोग किया।
इजराइल ने हमास पर हमला करने के लिए जमीनी हमले की रणनीति बना ली है। लेकिन कई विशेषज्ञों ने इजराइल की जमीनी हमले पर कड़ी चेतावनी जाहिर की है। दरअसल, विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इजराइल हमास पर जमीन के जरिए हमला बोलता है तो मारक क्षमता के लिहाज से वह हमास पर अपनी पकड़ खो सकता है और उसे अपने ही इलाके में दुश्मन से युद्ध करना पड़ सकता है। हमास गाजा के जिस इलाके में स्थित है, वह इलाका सुरंगों से भरा पड़ा है। ऐसे में यहां पर किया गया जमीनी हमला आसमानी हमले के मुकाबले इतना कामयाब नहीं रहेगा। बुधवार को आईडीएफ के प्रवक्ता ने बताया कि हमारी सेना हमास के सुंरग नेटवर्क पर हमला करने वाली है, जो इतना सरल नहीं होगा।