इजराइल और हमास के बीच जारी जंग का आज 22वां दिन है। इस बीच इजराइली सेना (IDF) ने लगातार तीसरे दिन शुक्रवार को भी टैंकों के साथ गाजा पट्टी में घुसकर हमास के ठिकानों को निशाना बनाया। इजराइल के मुताबिक, फिलिस्तीनियों ने दावा किया है कि इस दौरान इजराइल के सैनिकों की हमास के लड़ाकों से मुठभेड़ भी हुई। हमास ने भी कहा कि गाजा में बीट हनौन और ब्यूरिज के इलाकों में इजराइली सैनिकों ने हमला किया है।
IDF ने कहा है कि वो गाजा में जमीनी हमलों को बढ़ा रहे हैं। हवाई हमलों के दौरान भी हमास के अंडरग्राउंड ठिकानों को खासतौर पर टारगेट किया जा रहा है। हमले के चलते गाजा के इलाके में कम्यूनिकेशन टूट गया है और इंटरनेट बंद हो चुका है। करीब 23 लाख लोग दुनिया से कट चुके हैं।
UN में सीजफायर के लिए प्रस्ताव पास
इससे पहले UN की जनरल एसेंबली में शुक्रवार रात 2 बजे (भारतीय समयानुसार) इजराइल-हमास जंग रोकने का प्रस्ताव पास हुआ। प्रस्ताव के पक्ष में 120 वोट पड़े, वहीं विपक्ष में 14 देशों ने वोटिंग की। भारत सहित 45 देशों ने वोट नहीं किया।
अमेरिका और इजराइल ने इस प्रस्ताव के खिलाफ वोट किया। न्यूयॉर्क में हुई UN की बैठक में इजराइल के राजदूत गिलाद एर्दान ने कहा, ‘हम हमास को इस तरह के अत्याचार करने की इजाजत देकर चुपचाप नहीं बैठेंगे। इजराइल को अपनी रक्षा करने का अधिकार है। इस अधिकार का मतलब यह सुनिश्चित करना है कि इस तरह के अत्याचार कभी नहीं दोहराए जाएं। ऐसा तभी होगा जब हमास का पूरी तरह से खात्मा हो जाए।’
भारत ने UN प्रस्ताव से दूरी क्यों बनाई
जंग शुरू होने के बाद नेतन्याहू से फोन पर बातचीत के दौरान PM मोदी ने कहा था कि हम हर तरह के आतंकवाद के खिलाफ हैं। भारत के लोग इस मुश्किल घड़ी में इजराइल के साथ हैं। विदेश मामलों के जानकार और ORF रिसर्चर कबीर तनेजा के मुताबिक पिछले 10 सालों में भारत सरकार की डिप्लोमेसी आतंकवाद के खिलाफ रही है। PM नरेंद्र मोदी का बयान उसी डिप्लोमेसी का हिस्सा है।
तनेजा मानते हैं कि भारत का अब भी फिलिस्तीन को लेकर वही स्टैंड है जो इंदिरा या दूसरी सरकारों के समय में होता था। भारत इस समस्या के समाधान के लिए टू स्टेट सॉल्यूशन का समर्थन करता है। जंग के बीच भी भारत ने फिलिस्तीनियों की मदद के लिए जरूरी सामान भिजवाया। यही वजह है कि भारत ने UN प्रस्ताव से दूरी बनाई।
इजराइल बोला- अल-शिफा अस्पताल के नीचे हमास का मुख्य बेस
इस बीच मिलिट्री का हवाला देते हुए इजराइली मीडिया कैन ने बताया कि हमास की कैद में 200 से ज्यादा बंधक हैं। इनमें से 30 बच्चे हैं। 20 लोगों की उम्र 60 साल से ज्यादा है। अलजजीरा के मुताबिक, 12 साल का एक बच्चा कैद में है। उसकी मां ने कहा- मेरे परिवार के कई सदस्य मारे गए। हमास लड़ाके मेरे बेटे को उठाकर ले गए। कैदियों के कुछ वीडियो वायरल हुए। उनमें मेरा बेटा दिखा। उसे देखकर खुशी हुई। वो जिंदा है।
इधर, इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) का कहना है कि हमास का मेन ऑपरेशन बेस गाजा के सबसे बड़े अल शिफा अस्पताल के नीचे है। IDF ने इससे जुड़ी सैटेलाइट इमेज जारी की है। IDF के स्पोक्सपर्सन ने कहा- हमारे पास इस बात के सबूत हैं कि सैंकड़ों लड़ाके अस्पताल में छिपे हैं। इन बेस तक जाने के लिए लड़ाके सुरंगें का इस्तेमाल करते हैं।
कतर की मध्यस्थता में इजराइल-हमास के बीच युद्धविराम पर बातचीत
अलजजीरा के मुताबिक, कतर की मध्यस्थता में इजराइल और हमास के बीच युद्धविराम और प्रिजनर स्वैप एग्रीमेंट पर बातचीत हो रही है। इसके पहले ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन 26 अक्टूबर को न्यूयॉर्क में UN जनरल असेंबली में कहा था- हमास बंधकों को छोड़ने के लिए तैयार है, लेकिन फिर पूरी दुनिया को इजराइल की जेलों में बंद 6 हजार फिलिस्तीनियों की रिहाई का समर्थन करना चाहिए। उन्होंने कहा था- हमास ने हमसे कहा है कि वह बंधक बनाए गए आम नागरिकों को छोड़ने के लिए तैयार है। ईरान, कतर-तुर्किये के साथ मिलकर इस मानवीय काम में अपनी भूमिका निभाने को तैयार
इजराइली सेना की रेड में पत्रकार शिरीन अबू अकलेह मेमोरियल तबाह
फिलिस्तीनी कब्जे वाले वेस्ट बैंक में इजराइली सेना ने रेड की। इस दौरान पत्रकार शिरीन अबू अकलेह मेमोरियल तबाह हो गया। ये मेमोरियल जेनिन शरणार्थी शिविर के पास था। शिरीन की मौत पिछले साल यानी 11 मई 2022 में इजराइली रेड के दौरान हुई थी। उस दौरान हुई फायरिंग में एक गोली शिरीन को लग गई थी। इजराइली आर्मी पर हत्या का आरोप लगा था।
वहीं, दो दिन पहले गाजा पर हो रही इजराइल की बमबारी में अलजजीरा के एक रिपोर्टर ने अपना परिवार खो दिया। अरेबिक भाषा के ब्यूरो चीफ वायल अल दाहदू सेंट्रल गाजा के नुसरेत रिफ्यूजी कैंप में रह रहे थे। हमले में उनकी पत्नी, बेटा, बेटी और एक नवजात पोता मारा गया। इजराइल-हमास जंग में करीब 30 पत्रकारों को जान गंवानी पड़ी है। गाजा शहर में 22 अक्टूबर को इजराइल की एयरस्ट्राइक में रोश्दी सैराज नाम के जर्नलिस्ट की मौत हो गई थी। कुछ दिन पहले न्यूज एजेंसी ‘रॉयटर्स’ के एक वीडियो जर्नलिस्ट की मौत हो गई थी।
UN बोला- गाजा का गला घोंटा जा रहा
UN का कहना है कि गाजा को जितनी मदद की जरूरत है उतनी मदद नहीं दी जा रही है। गाजा का गला घोंटा जा रहा है। अब तक सिर्फ 84 ट्रक राहत सामग्री लेकर पहुंचे हैं। वहां रह रहे 23 लाख लोगों के लिए ये बेहद ही कम है।
इधर, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने कहा- गाजा के अस्पतालों में फ्यूल की कमी है। यहां 12 बड़े अस्पतालों में हर दिन 94 हजार लीटर ईंधन की जरूरत है। ईंधन नहीं होने के कारण लोगों का इलाज करना मुश्किल हो रहा है। यहां हजार मरीज डायलिसिस और 130 बच्चे प्रीमैच्योर बेबी हैं। इन्हें फौरन इलाज की जरूरत है।
इजराइली हमले में 5 हमास कमांडर ढेर
इजराइली सेना ने 26 अक्टूबर को बताया कि उन्होंने हमास के 5 सीनियर कमांडरों को मार गिराया है। इनमें हमास इंटेलिजेंस का डिप्टी हेड शादी बारूद भी शामिल है। वो इजराइल पर हमले करने वाले हमास के पॉलिटिकल विंग के लीडर याह्या सिनवार के साथ मिलकर काम करता था।
मिस्र के तबा शहर में मिसाइल गिरी, 6 घायल
एक न्यूज के मुताबिक, इजराइली सीमा के पास मिस्र के लाल सागर रिसॉर्ट शहर तबा की एक मेडिकल फैसिलिटी के पास एक मिसाइल गिरी, जिससे छह लोग घायल हो गए। हालांकि, अभी यह साफ नहीं हुआ है कि मिसाइल जंग से संबंधित थी या किसी गलत टेस्टिंग की वजह से ऐसा हुआ।
अमेरिका ने गुरुवार को सीरिया में ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की। अमेरिका ने इसे इराक और सीरिया में उनकी सेना पर हुए हमले का बदला बताया। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि इस हमले का आदेश राष्ट्रपति बाइडेन ने दिया था, जिससे अमेरिका ये मैसेज दे सके कि वो अपनी सेना पर हमलों को बर्दाश्त नहीं करेगा।
हमास के पास 5 लाख लीटर ईंधन
इजराइल की सेना ने दावा किया है कि हमास के पास 5 लाख लीटर ईंधन है। IDF ने कहा- हमास ने गाजा में ही इसे छिपा रखा है। हमास-ISIS इस ईंधन को नागरिकों से चुराते हैं और इसे अपनी सुरंगों, रॉकेट लॉन्चर और नेताओं तक पहुंचाते हैं।
सेना ने कहा- गाजा के लोगों को ईंधन की कमी की शिकायत इजराइल से नहीं बल्कि हमास से करनी चाहिए। उनसे ही फ्यूल मांगना चाहिए। दरअसल, जंग के बीच गाजा से लगातार ईंधन खत्म होने की खबरें आ रही हैं।
‘अल-अक्सा फ्लड’ के खिलाफ इजराइल का ऑपरेशन ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’
हमास ने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को ‘अल-अक्सा फ्लड’ नाम दिया है। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’ ऑपरेशन शुरू किया।
हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।