700 फीट गहरे बोरवेल में फंसी चेतना छठवें दिन भी नहीं निकली : ठंड में जिंदगी से लड़ रही मासूम

जयपुर के कोटपूतली में 700 फीट गहरे बोरवेल में फंसी चेतना तक पहुंचने के लिए रेस्क्यू टीम के जवानों को अब नीचे भेजा जा रहा है। वे 170 फीट तक उतरकर 10 फीट की सुरंग खोदेंगे। हालांकि, अब भी अधिकारी कहने से बच रहे हैं कि कितनी देर में चेतना तक पहुंचेंगे। एक बार में दो जवान नीचे उतरे हैं। तीन टीमें बनाई गई हैं।

इससे पहले प्रशासन के बार-बार बदलते प्लान और अब बारिश ने रेस्क्यू को लंबा कर दिया है। परिवार-ग्रामीणों ने भी प्रशासन पर लापरहवाही के आरोप लगाए हैं।

चेतना के ताऊ शुभराम ने कहा कि अधिकारी जवाब नहीं देते हैं। ज्यादा पूछो तो कहते हैं कि कलेक्टर मैम बताएंगी। चेतना की मां धोली देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। वो बार-बार हाथ जोड़कर बच्ची को बाहर निकालने की गुहार लगा रही हैं। कोटपूतली में 700 फीट गहरे बोरवेल में 150 फीट पर फंसी तीन साल की चेतना को निकालने के लिए लगातार छठें दिन रेस्क्यू आपरेशन जारी है। रेस्क्यू में लगी टीमों ने शनिवार सुबह तक केसिंग पाइप वेल्डिंग का काम पूरा कर लिया था।

किरतपुरा के बड़ियाली की ढाणी की चेतना 23 दिसंबर को 700 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई थी। बच्ची की मां धोली देवी ने एक बार फिर प्रशासन से उनकी बेटी को बाहर निकालने की गुहार लगाई है। छह दिन से बोरवेल में फंसी मासूम चेतना की मां रो-रो कर प्रशासन से यही गुहार लगा रही है कि भगवान के लिए मेरी बच्ची को बाहर निकाल दो।

चेतना को निकालने के लिए दो दिन पहले पाइलिंग मशीन से बोरवेल के समानांतर करीब 170 फीट का गड्‌ढा खोदा गया था। बताया जा रहा है कि रैट माइनर्स पाइप के जरिए इस गड्‌ढे में उतरेंगे। इसके बाद वे गड्‌ढे से बोरवेल तक 10 फीट की सुरंग खोदेंगे।

देसी जुगाड़ से उसे रेस्क्यू टीमें चेतना को केवल 30 फीट ऊपर ला सकी थीं। मासूम करीब 116 घंटे से भूखी-प्यासी है और चार दिन से कोई मूवमेंट नहीं कर रही है।

एनडीआरएफ इंचार्ज योगेश कुमार मीणा ने बताया कि गुरुवार रात से ही बारिश की वजह से बार-बार रेस्क्यू ऑपरेशन रोकना पड़ रहा है। हमने जो पांच पाइप अंदर डाले हैं, उनको वेल्ड कर रहे थे, लेकिन बारिश की वजह से परेशानी हो रही है। अभी पांच पाइपों को वेल्ड किया जा चुका है।

इसके साथ पाइप का वजन काफी ज्यादा है, पहले वाली मशीन वजन सहन नहीं कर पा रही थी। हमें 100 टन क्षमता की हाइड्रा मशीन मंगवानी पड़ी है। एक बार वेल्डिंग का काम पूरा हो जाएगा। इसके बाद ही टीम नीचे उतरेगी और खुदाई शुरू की जाएगी। इसमें भी समय लग सकता है।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें