
नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हाल ही में भारत की विदेश नीति को लेकर कड़ी आलोचना की है। अपने एक बयान में उन्होंने कहा कि “भारत की विदेश नीति पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है” और सरकार देश का नेतृत्व सही तरीके से नहीं कर पा रही है। राहुल गांधी के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है और विभिन्न दलों की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं।
राहुल गांधी ने अपने बयान में यह भी आरोप लगाया कि सरकार की नीतियों के कारण देश की अंतरराष्ट्रीय छवि प्रभावित हो रही है। उन्होंने “ऑपरेशन सिंदूर” नामक मुद्दे को लेकर भी सरकार पर हमला बोला, जिससे विपक्षी और सरकार दोनों ही चिंतित हो गए हैं।
वहीं, जनता दल (यू) के नेता केसी त्यागी ने इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “ऐसे संकट के समय में किसी को भी इस तरह के आपत्तिजनक और अनावश्यक बयान नहीं देने चाहिए।” उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, “आपत्तिजनक बयान न दें। संकट के समय में इस तरह के बयान न देना चाहिए।” केसी त्यागी ने सरकार का समर्थन करते हुए कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की बैठक का समर्थन करते हैं, जिसमें 2047 तक विकसित भारत का विजन प्रस्तुत किया गया है।” उन्होंने यह भी बताया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस बैठक में मौजूद थे।
विपक्ष की आलोचनाओं के बीच, भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी के आरोपों को खारिज किया है। भाजपा का कहना है कि सरकार ने अपनी विदेश नीति को मजबूत किया है और भारत की वैश्विक स्थिति को बेहतर बनाने के प्रयास जारी हैं।
इस पूरे मामले में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है और सभी पक्ष अपनी-अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं। आगामी दिनों में इस मुद्दे पर और भी चर्चाएं होने की संभावना है।
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