Janmashtami 2025 : इस जन्माष्टमी पर करें श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा-वृंदावन की भक्ति यात्रा, जानें 2 दिन में घूमने की 7 प्रमुख जगहें

भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का पावन पर्व जन्माष्टमी देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 16 अगस्त 2025 को मनाई जा रही है। मंदिरों में विशेष सजावट, झांकियां, भजन-कीर्तन और रात्रि 12 बजे कान्हा के जन्म की पूजा का आयोजन भक्तों के लिए अलौकिक अनुभव होता है।

मथुरा, वृंदावन, गोकुल और बरसाना जैसे स्थानों पर जन्माष्टमी का उत्सव विशेष रूप से मनाया जाता है। श्रीकृष्ण की जन्मभूमि और बाल लीलाओं की भूमि पर जाकर भक्त एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करते हैं।

अगर आप भी इस वर्ष जन्माष्टमी पर मथुरा-वृंदावन जाने का मन बना रहे हैं, तो यह ट्रैवल गाइड आपकी यात्रा को विशेष बना सकती है। जानिए वे 7 प्रमुख स्थल, जहां गए बिना यह यात्रा अधूरी मानी जाती है।

1. श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर, मथुरा

जहां देवकी माता ने कारागार में श्रीकृष्ण को जन्म दिया, वही स्थान आज भव्य मंदिर का रूप ले चुका है। जन्माष्टमी के अवसर पर यहां भव्य झांकियां, संगीतमय भजन-कीर्तन और रात 12 बजे की आरती मन मोह लेती है। यह मंदिर पूरे देश में कृष्ण जन्म का सबसे प्रमुख केंद्र माना जाता है।

2. द्वारकाधीश मंदिर, मथुरा

श्रीकृष्ण के राजसी स्वरूप को समर्पित यह मंदिर मथुरा का एक और प्रमुख आकर्षण है। इसकी विशेष झांकी, आरती और झूला उत्सव प्रसिद्ध हैं। यह मंदिर 1814 में ग्वालियर रियासत के खजांची सेठ गोकुलदास पारिख द्वारा बनवाया गया था।

3. विश्राम घाट, मथुरा

यमुना किनारे स्थित इस घाट पर श्रीकृष्ण ने कंस वध के बाद विश्राम किया था। यहीं से मथुरा की परिक्रमा शुरू होती है। यहां की शाम की आरती श्रद्धालुओं के लिए दिव्य अनुभूति का माध्यम बनती है।

4. बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन

वृंदावन स्थित यह मंदिर श्रीकृष्ण के बांके बिहारी स्वरूप को समर्पित है। यहां दर्शन के लिए भारी भीड़ उमड़ती है, विशेषकर जन्माष्टमी पर। मंदिर की मूर्ति स्वामी हरिदास को श्रीकृष्ण ने स्वयं भेंट की थी।

5. सेवा कुंज (निकुंज वन), वृंदावन

यह स्थल श्रीकृष्ण और राधारानी की रास लीलाओं का पावन स्थल माना जाता है। यहां शाम के बाद प्रवेश वर्जित है क्योंकि मान्यता है कि रात में श्रीराधा-कृष्ण यहां रास करते हैं।

6. निधिवन, वृंदावन

निधिवन भी रहस्य और आस्था से जुड़ा स्थल है। रात्रि में यह स्थान बंद कर दिया जाता है। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि रात में श्रीकृष्ण और राधा यहां रास रचाते हैं। जन्माष्टमी पर यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।

7. इस्कॉन मंदिर, वृंदावन

यह आधुनिक और पारंपरिक भक्ति का संगम है। यहां की भव्य सजावट, संगीत कार्यक्रम, कृष्ण कथा और जन्माष्टमी उत्सव विशेष आकर्षण होते हैं। विदेशी भक्तों की भी यहां अच्छी खासी संख्या रहती है।

कैसे पहुंचें मथुरा-वृंदावन?

  • रेल मार्ग: मथुरा भारत के लगभग सभी प्रमुख शहरों से रेल द्वारा जुड़ा है। टिकट ₹400 से ₹2000 तक हो सकता है।
  • सड़क मार्ग: दिल्ली से मथुरा बस से सिर्फ ₹200 में पहुंचा जा सकता है।
  • निजी वाहन: अपनी गाड़ी से जाना हो तो दिल्ली से लगभग 3 घंटे का सफर है।

मथुरा या वृंदावन पहुंचकर आप लोकल ऑटो या टैक्सी से मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं। ₹1000 के अंदर एक दिन में कई प्रमुख तीर्थस्थलों के दर्शन संभव हैं।

ट्रैवल टिप्स

  • होटल पहले से बुक करें – जन्माष्टमी पर भारी भीड़ होती है।
  • पारंपरिक और हल्के कपड़े पहनें, साथ ही आरामदायक जूते लें।
  • कैमरा और मोबाइल चार्ज रखें – सुंदर झांकियां और पल यादगार होंगे।
  • भीड़ में सतर्क रहें और समूह में यात्रा करना बेहतर होगा।

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