मार्ग दुघर्टना में मृत आठ शवों का रानापुरा गांव में हुआ अन्तिम संस्कार, विवाहिता को ससुराल ले गए
गांव के हजारों लोगों ने दी अश्रुपूर्ण श्रृद्धांजलि
झांसी । सोमवार की रात रानापुरा गांव के लिए सबसे काली रात साबित हुई। जहां एक ओर नवरात्रि के अन्तिम दिन नौवीं को लोग चहुंओर खुशियां मना रहे थे, वहीं रानापुरा में एक साथ एक ही परिवार के नौ शवों का अन्तिम संस्कार लोगों की गमगीन कर दिया। देर शाम पहुंचे शवों का अन्तिम संस्कार करने पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों समेत हजारों लोग एकत्र हो गए।
गौरतलब है कि रविवार कि शाम सड़क दुर्घटना में रमोले, गोविन्द, अन्नू, सीमा, हेमा एवं एक नवजात शिशु कन्हैया ने घटना स्थल पर ही दम तोड़ दिया था। गंभीर रूप से घायल हुए पांच लोगों को पुलिस ने मेडिकल झांसी भेज दिया था। वहां उपचार के दौरान सोमवार को अन्य तीन लोगों की और मौत हो गई। मृतकों में धनीराम, सुनील व अनिता हैं।
शाम को सभी शवों को लेकर गांव के लोग जैसे ही ग्राम रानापुरा पहुंचे हजारों की संख्या में लोग अंत्येष्टि के लिए एकत्रित थे। करीब नौ बजे सभी आठ शवों का अन्तिम संस्कार किया गया। पूरे गांव में एक साथ नौ लोगों की मौत हो जाने के चलते माहौल गमगीन था।
ग्रामीणों ने गरौठा के उप जिलाधिकारी धीरेन्द्र सिंह एव तहसीलदार मनोज कुमार, थानाध्यक्ष अवधनारायण पाण्डेय, उपनिरीक्षक अरविन्द कुमार यादव सहित हजारों लोगों ने शवों का दाह संस्कार कराया। महिला अन्नू, सीमा, धनीराम, सुनील का दाह संस्कार अनिल कुमार ने किया। नवजात को अनिल द्वारा दफनाया गया। महिला अनीता व गोविन्द को मुखाग्नि रोहित कुमार ने दी। वहीं रमोले को दयाराम ने मुखाग्नि दी। महिला हेमा का शव ससुराल ग्राम गुवाली धमना जिला निवाड़ी ले गए। सात शवों को एक साथ लम्बी चिता बनाकर उसमें लिटा कर दाह संस्कार किया गया। नवजात को जमीन में दफनाया गया। मौके पर ग्राम के लोग व रिश्तेदारों की भारी भीड़ रही।