न्यूजीलैंड के खिलाफ लॉर्ड्स टेस्ट में शतक लगाकर जो रूट टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम समय में 10,000 रन पूरे करने वाले बल्लेबाज बन गए हैं। 2012 में अपने करियर की शुरुआत करने वाले रूट ने 9 साल 156 दिनों में 10,000 का आंकड़ा छुआ है। दूसरे नंबर पर एलिस्टर कुक हैं जिन्हें 10,000 रनों का आंकड़ा छूने में 10 साल 87 दिन लगे थे। वहीं, सचिन तेंदुलकर ने 31 साल 326 दिन की उम्र में टेस्ट क्रिकेट में दस हजार रन पूरे किए थे।
इस रिकॉर्ड के बाद ये चर्चा तेज हो गई है कि क्या जो रूट टेस्ट क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर के सबसे ज्यादा रनों के रिकॉर्ड को भी तोड़ सकते हैं। सचिन ने अपने टेस्ट करियर में 53.79 के औसत से 15,921 रन बनाए हैं।
जानिए कैसे की करियर की शुरुआती
दोनों के करियर के शुरुआती 10 साल में रूट का रिकॉर्ड सचिन से बेहतर है। शुरुआती 10 सालों में सचिन ने 73 टेस्ट मैचों में 56.71 के औसत से 5841 रन बनाए थे। वहीं, रूट शुरुआती 10 सालों में 118 मैचों में 49.58 के औसत से 10015 रन बना चुके हैं। पिछले पांच सालों में रूट के बल्ले से 47 के औसत से 5421 रन निकले हैं।
अभी रूट 31 साल के हैं। सचिन ने अपना आखिरी टेस्ट 40 साल से ज्यादा की उम्र में खेला था। अगर रूट भी इतने लंबे समय तक खेल पाते हैं तो संभावना है कि वे न सिर्फ सचिन का रिकॉर्ड तोड़ देंगे बल्कि उनसे काफी आगे भी निकल जाएंगे।
सचिन ने अपने करियर के आखिरी 9 सालों में 90 मैचों में 6957 रन बनाए और उनका औसत 51.52 का रहा। रूट अगर लंबे समय तक खेलते हैं और अगले 90 मैचों में इस तरह का प्रदर्शन दोहरा देते हैं तो वे आसानी से सचिन से आगे निकल जाएंगे।
इस टीम से ज्यादा इंग्लैंड खेलता है टेस्ट मैच
इंग्लैंड हर साल इंडिया की तुलना में काफी ज्यादा टेस्ट मैच खेलता है। ऐसे में रूट के पास सचिन का रिकॉर्ड तोड़ने के काफी ज्यादा मौके होंगे। अपने करियर के शुरुआती 10 सालों में रूट और सचिन की तुलना की जाए तो रूट ने सचिन से 45 टेस्ट मैच ज्यादा खेल लिए हैं।
पिछले 10 सालों में इंग्लैंड ने 126 टेस्ट मुकाबले खेले हैं और पिछले पांच सालों में 66 मुकाबले। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के आने के बाद हर साल टेस्ट सीरीज ज्यादा होने लगी हैं। ऐसे में रूट अगर लगभग 6-7 साल क्रिकेट और खेल जाते हैं तो वे सचिन का 200 टेस्ट खेलने के रिकॉर्ड के साथ-साथ सबसे ज्यादा रनों का रिकॉर्ड भी तोड़ सकते हैं।
सिंगल फॉर्मेट स्पेशलिस्ट हैं रूट, फिट रहना रहेगा आसान
रूट इंग्लैंड के सिंगल फॉर्मेट स्पेशलिस्ट हैं। इंग्लैंड के लिए वनडे और टी-20 मुकाबले खेलते वे कम ही नजर आते हैं। T-20 ब्लास्ट के अलावा कोई और लीग भी नहीं खेलते हैं। IPL भी कभी नहीं खेले। ऐसे में रूट के लिए उम्र के ढलते पड़ाव पर अपनी फिटनेस मेंटेन करना सचिन की तुलना में आसान होगा। सचिन अपने करियर में भारत के लिए वनडे और टेस्ट दोनों खेलने के साथ-साथ IPL में मुंबई इंडियंस के लिए भी खेलते थे। पिछले 5 सालों में रूट ने इंग्लैंड के लिए सिर्फ एक टेस्ट मैच मिस किया है।
कप्तानी का दबाव भी नहीं
रूट ने इस साल न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज से पहले इंग्लैंड टीम की कप्तानी छोड़ दी थी। इसके बाद रूट ने भी ये बात मानी की कप्तानी का दबाव उनकी हेल्थ पर भी बुरा असर डाल रहा था। ऐसे में सिर्फ एक खिलाड़ी के रूप में जो रूट अब और भी खुलकर खेल पाएंगे। इसके संकेत उन्होंने लॉर्ड्स टेस्ट की चौथी पारी में शतक जड़कर दे दिए। ये रूट का टेस्ट करियर की चौथी पारी में पहला शतक था।
फैब-4 में सबसे बेस्ट हैं रूट
इंग्लैंड के जो रूट, न्यूजीलैंड के केन विलियमसन, भारत के विराट कोहली और ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ टेस्ट क्रिकेट के फैब-4 यानि मौजूदा दौर के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में गिने जाते हैं। हालांकि, पिछले कुछ समय से रूट अपने तीनों साथियों से काफी आगे नजर आते हैं।
रूट ने जहां 2021 के बाद से 56 से ज्यादा के औसत से रन बनाए हैं, वहीं बाकी 3 बल्लेबाज उनके आस-पास भी नजर नहीं आते। 2021 के बाद से टेस्ट में कोहली का औसत 30.21 का रहा है। स्टीव स्मिथ का औसत 48.31 और केन का औसत 51.50 का रहा है, पर उन्होंने मिलकर भो रूट के बराबर मैच नहीं खेले हैं।