अयोध्या । शिक्षा विभाग द्वारा नगर के सीमावर्ती क्षेत्र खजुराहट स्थित पंडित जवाहरलाल नेहरू इंटर कॉलेज में अवैध नियुक्ति के संबंध में वह साथ ही अहर्ता के विपरीत तदर्थ शिक्षकों के विनियमितीकरण के संबंध में शासन द्वारा जांच आदेशित होने के बाद संयुक्त शिक्षा निदेशक अयोध्या द्वारा स्पष्टीकरण दिया गया उनके द्वारा बताया गया जो भी नियुक्तियां हुई है या जिन अध्यापकों का विनियमितीकरण किया गया है कोर्ट के आदेश वह शासनादेश के अनुसार पूर्णतयः सही है शिक्षकों को भ्रम पालने की आवश्यकता नहीं है उन्होंने बताया नियुक्ति प्रक्रिया में जिला विद्यालय निरीक्षक व संयुक्त शिक्षा निदेशक का कोई महत्वपूर्ण रोल नहीं है यह भी बताया नियुक्तियां दो तरह से हुई है।
एक प्रकार की नियुक्ति प्रबंध तंत्र द्वारा सूचना पट पर लिखित अनुज्ञप्ति के द्वारा सन 2000 के पूर्व 7अगस्त 1993 से 30 दिसंबर 2000 के बीच नियुक्त शिक्षकों जिनकी नियुक्ति जिला विद्यालय निरीक्षक को अनुमोदन भेजकर नियुक्ति का प्रावधान था शासनादेश में यह भी बताया गया है यदि जिला विद्यालय निरीक्षक उस अनुमोदन को निरस्त करता है तब भी प्रबंध तंत्र के द्वारा नियुक्ति स्वतः वैध मान ली जाएगी, उन्होंने बताया इस तरह की नियुक्ति कठिनाई निवारण आदेश 1981 के तहत सही ठहराई गई, और वेतन निर्गत करने को कहा, दूसरी प्रकार की नियुक्ति में सन 2000 के बाद की है इस प्रकार की नियुक्ति पूर्णतया प्रतिबंधित कर दी गई लेकिन प्रबंध तंत्र के द्वारा नियुक्ति प्राप्त अध्यापक कोर्ट का सहारा लिया और सन 2000 के पहले की नियुक्ति के आधार पर सन 2000 के बाद नियुक्त अध्यापकों के फैसले पर आधारित वेतन भुगतान का आदेश तब तक के लिए कर दिया गया जब तक आयोग से अध्यापकों की नियुक्ति उनके पदों पर नहीं हो जाती इस प्रकार उन्होंने स्पष्टीकरण दिया और कहा कि इसमें जिला विद्यालय निरीक्षक और संयुक्त शिक्षा निदेशक का कोई रोल ही नहीं है ।
संयुक्त शिक्षा निदेशक अरविंद पांडेय द्वारा बताया गया शासनादेश के अनुसार ऐसे तदर्थ शिक्षक जो उत्तर प्रदेश माध्यमिक सेवा आयोग (कठिनाइयों का निवारण) आदेश 1981 के अनुसार या उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम 1982 की धारा 18 के अनुसार नियुक्त नहीं किए गए हैं विनियमितीकरण के हकदार नहीं होंगें, उन्होंने केवल कोर्ट के आदेशों का अनुपालन किया उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व में प्रथम शिकायत के संबंध में बताया पंडित जवाहरलाल नेहरू इंटरकॉलेज में भूपेश तिवारी की नियुक्ति अवैध है क्योंकि 2001 में उनको नियुक्ति मिली और वेतन भुगतान 2003 से हुआ है 2001 में नियुक्ति के कारण उनका विनियमितीकरण संभव ही नहीं है दूसरी बात उन्होंने बताया भूपेश तिवारी का वेतन माह जून से रोका जा चुका है और उनका निकलना तय है।
बताते चलें अयोध्या मंडल में शिक्षकों की नियुक्ति वह तदर्थ शिक्षकों के विनियमितीकरण के संबंध में शासन द्वारा जांच के आदेश विभिन्न शिकायतों के तहत जारी किए गए हैं जिससे मंडल में नियुक्त शिक्षकों व विनियमितीकरण का लाभ ले रहे शिक्षकों में भ्रम की स्थिति पैदा हो चुकी थी जिस के संबंध में संयुक्त शिक्षा निदेशक अयोध्या मंडल अरविंद पांडे के द्वारा स्पष्टीकरण प्रस्तुत कर कहां गया सब कुछ नियमबद्ध है, शिक्षकों को भ्रम पालने की आवश्यकता नहीं है