
एक रिसर्च के अनुसार रोजाना कुछ जोक्स पढ़ने से इंसान का मन काम में कुछ अधिक लगता हैं, दरअसल जोक्स पढ़ने के पश्चात उसका माइंड बिलकुल रिलैक्स हो जाता हैं जिसके चलते वो अपने काम में और भी अधिक फोकस कर पाते हैं, शायद यही वजह हैं कि ये जोक्स दुनियां भर में काफी मशहूर होते हैं। इसीलिये आज हम कुछ नये प्रकार के जोक्स लेकर आये है जो कुछ इस प्रकार से है…..
प्रेमी (प्रेमिका से): तुम शादी के बाद अपने लिए नया घर तो नहीं मांगोगी? प्रेमिका (प्रेमी से): नहीं, मैं ऐसी लड़की नहीं हूं. तुम अपनी मां को अलग घर दिला देना.
पिंटू: भाई, मैं अपनी पत्नी से बहुत परेशान हूं. रामू: क्यों, क्या हो गया? पिंटू: अरे, पुराना इश्क भुलाए नहीं भूल रहा और उधर बीवी रोज बादाम खिला रही है.
पप्पू के हाथ पर लाल दाग पड़ गया. पप्पू: डॉक्टर साहब मच्छर ने मेरे हाथ पे काट लिया.डॉक्टर: आपको पहले कभी डेंगू से तकलीफ हुई है क्या? पप्पू: हां एक बार हुई है. डॉक्टर: कब? पप्पू: बचपन में जब टीचर ने डेंगू की स्पेलिंग पूछी थी.
मास्टर, बेटा कोई प्यार वाली शायरी सुनाओ, छात्र – “मोटा मरता मोटी पे, भूखा मरता रोटी पे, मास्टरजी की है दो बेटी और मै मरता हूँ छोटी पे” मास्टर जी बेहोश।
एक बार पप्पू ने घड़ी बनाने वाले से पूछा, “इस घड़ी को ठीक करने का क्या लोगे…?” घड़ीवाला, जितनी कीमत है, उसका आधा दे देना। अगले दिन जब घड़ीवाले ने पप्पू से जब अपना मेहनताना माँगा। तो पप्पू ने उसे दो थप्पड़ मार दिए…. घड़ीवाला: यह क्या किया तुमने….?? पप्पू, कुछ नहीं, जब मैंने घड़ी लेने की जिद की थी, तो मेरे पिताजी ने मुझे चार थप्पड़ मारे थे।
लड़का, चलो अब फोन रखता हूँ, ड्राइव कर रहा हूँ, लड़की, क्यों ड्राइव करते बात नहीं
कर सकते क्या? लड़का: अरे पागल एक हाथ से रिक्शा घुमती है क्या?
इंटरव्यू लेने वाले ने पूछा, तुम्हारा नाम क्या है…? आवेदक, विजय दीनानाथ चौहान… इंटरव्यू लेने वाला, पर फॉर्म में तो तुमने अपना नाम वीरेन्द्र सिंह लिखा है? आवेदक, फिर क्यों स्वाद ले रहे हो…?
टी टी, ये विकलांग लोगों का डिब्बा है इसमें क्यों सफर कर रहे हो…? पप्पू जी सर मेरे साथ ये है, टी टी, ये तो आम है, पप्पू, हाँ पर ये लँगड़ा आम है।
